भोपाल। मध्यप्रदेश में पोषण आहार घोटाला सरकार की गले की फांस बनती जा रही है. एक दिन पहले मंत्री विश्वास सारंग ने सफाई दी थी कि पोषण आहार में कोई घोटाला या भ्रष्टाचार नहीं हुआ. मंत्री सारंग का कहना था कि कैग ने महिला और बाल विकास विभाग को टेक होम राशन की सामान्य जानकारी भेजी है. अब गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक बार फिर कहा है कि पोषण आहार में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ.
कैग की ये फाइनल रिपोर्ट नहीं : गृह मंत्री ने कहा कि कैग ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से 2 सप्ताह में वास्तविक स्थिति की जानकारी चाही है ताकि उसे रिपोर्ट में शामिल करें या ना करें, इस बारे में निर्णय ले सकें. ये कैग की वर्तमान रिपोर्ट फाइनल रिपोर्ट नहीं है. वहीं, इस मामले में महिला बाल विकास विभाग का कहना है कि जो लड़कियां नहीं पढ़ रही हैं, उनकी संख्या 36 लाख बताई है. जबकि स्कूल शिक्षा विभाग के मुताबिक 9 लाख है.
सरकार ने रिपोर्ट को नकारा : बता दें कि कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि पोषण आहार का परिवहन ऐसे वाहनों से किया गया जिनके नंबर कार, ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल के पाये गये हैं. हालांकि सरकार ने इस रिपोर्ट को भी नकार दिया है. ऑडिट ने यह लिखा है कि 8 जिलों में लगभग 97,656 मीट्रिक टन का पोषण आहार प्राप्त हुआ, लेकिन आंगनबाड़ियों में लगभग 86,377 मीट्रिक टन परिवहन किया गया. शेष पोषण आहार स्टॉक में भी नहीं पाया.
सरकार ने रिपोर्ट में विसंगितयां बताईं : प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि ऑडिट दल ने उसी पोषण आहार की मात्रा को हिसाब में लिया, जिसके परिवहन देयकों का भुगतान हो चुका है. जिन देयकों का भुगतान नहीं हुआ, उतने पोषण आहार की उन्होंने गणना नहीं की. यह पोषण आहार परिवहन हुआ था. इसलिए वह स्टॉक में नहीं था. मात्र परिवहन का भुगतान न होने के कारण यह नहीं माना जा सकता कि पोषण आहार वास्तव में परिवहन नहीं हुआ. सरकार ने कैग पर ही सवाल उठा दिये कि रजिस्टर में होने वाली प्रविष्टियों पर समुचित ध्यान के अभाव में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट से विसंगतियां पैदा हुई हैं.