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ETV Bharat की ग्राउंड रिपोर्ट, जानिए क्यों जलसमाधि की तैयारी में 60 गांव के लोग

भोपाल के नज़दीक बैरसिया तहसील में अब भी पानी से 60 गांव घिरे हुए हैं. दो दिन की मूसलाधार बारिश ने इनकी हजारों एकड़ में फैली फसल ही नहीं, घर को भी तबाह कर दिया है.पचास के ऊपर हैं ऐसे गांव जो बीते दिनों एमपी में आई आसमानी आफत से अब भी नहीं उबर पाए हैं. जानिए ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में.MP Heavy Rain,ETV Bharat Ground Report,submerged bhopal villages water disaster

submurged vilage water disaster
डूब में आए गांव
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Published : Aug 26, 2022, 5:35 PM IST

भोपाल। पूरे मध्य प्रदेश में बारिश कहर बरपा रही है. जिलों में नदियां उफान पर हैं. बाढ़ में कई लोग फंसे हुए हैं. कई बाढ़ पीड़ितों को रेस्क्यू बोट में बैठाकर सुरक्षित बाहर निकाला गया. वहीं भोपाल से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर बैरसिया तहसील में हलाली डैम का बैक वाटर कहर बनकर यहां के करीब 60 गांवों पर टूटता है. हजारों एकड़ में खड़ी धान की फसल बर्बाद हो गई है, लेकिन अब तक प्रशासन यहां सर्वे के लिए नहीं पहुंचा है. 2017 में ऐसी ही तबाही में इन लोगों को आखिरी बार मुआवजा मिला था, उसके बाद से मुआवजा भी नहीं मिला. पीड़ित सरकार से मुआवजे की आस लगाए बैठे हैं. ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में जानिए डूब में आए इन गांव के हालात क्या हैं?

जलसमाधि की तैयारी में 60 गांव

इन गांवों की प्रशासन नहीं ले रहा सुध- राजधानी से लगे होने के बावजूद इन गांवों की प्रशासन ने सुध नहीं ली. गांव तक पहुंचने का हर रास्ता पानी से लबालब है. गांव वालों ने ही अपने जुगाड़ से नाव जुटाई और इसी के सहारे अब गांव से शहरों को जोड़ने वाले रास्ते तक ये लोग आते हैं. तीन दिन तक अंधेरे में रहे इन गांवों में दिन ढलते ही आवाजाही भी बंद हो जाती है. गांव से बाहर निकलने का मतलब जान का जोखिम उठाना है.

MP Heavy Rain एमपी में बारिश का सैलाब, गांव खेत और सड़कें हुईं पानी पानी, बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने की जद्दोजहद जारी

जलसमाधि को मजबूर पीड़ित- भैंसखेड़ा गांव के बुज़ुर्ग महेश भार्गव पिछले कई सालों से ये तबाही देख रहे हैं. दुखी होकर कहते हैं- " ये डैम लील गया हमें. हर दो-चार साल में इन गांवों के किसानों की खेती डूब जाती है. ये तालाब देख रही हो आप. इसमें मेरे गांव के एक-एक किसान का पसीना बोया था. मेरा अपना दो लाख का नुकसान हुआ है. इस बार तो घर भी बर्बाद हो गए. ढह गए पानी भर गया. सरकार कितनी दूर है इन गांवों से और कितना डूबने के बाद होगी सुनवाई या जलसमाधि ले लेंगे तब सरकारी लोग देखने आएंगे".

submurged vilage water disaster
बाढ़ में डूबे खेत

2022 जैसा कहर कभी नहीं टूटा- गांव के ही बारेलाल साल दर साल गिनाते जाते हैं. 2006 फिर 2009 उसके बाद 2012, 2016 और अब 2022 जैसा कहर तो कभी टूटा ही नहीं. "इस बार तो पानी घरों में भी घुस गया. हम अपना घर छोड़े बैठे हैं, क्योंकि पानी भरे घर में सांप निकल रहे हैं. खाने के लिए जो अनाज बचाया था सब सड़ गया.(MP Heavy Rain,ETV Bharat Ground Report,submerged bhopal villages water disaster)

भोपाल। पूरे मध्य प्रदेश में बारिश कहर बरपा रही है. जिलों में नदियां उफान पर हैं. बाढ़ में कई लोग फंसे हुए हैं. कई बाढ़ पीड़ितों को रेस्क्यू बोट में बैठाकर सुरक्षित बाहर निकाला गया. वहीं भोपाल से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर बैरसिया तहसील में हलाली डैम का बैक वाटर कहर बनकर यहां के करीब 60 गांवों पर टूटता है. हजारों एकड़ में खड़ी धान की फसल बर्बाद हो गई है, लेकिन अब तक प्रशासन यहां सर्वे के लिए नहीं पहुंचा है. 2017 में ऐसी ही तबाही में इन लोगों को आखिरी बार मुआवजा मिला था, उसके बाद से मुआवजा भी नहीं मिला. पीड़ित सरकार से मुआवजे की आस लगाए बैठे हैं. ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में जानिए डूब में आए इन गांव के हालात क्या हैं?

जलसमाधि की तैयारी में 60 गांव

इन गांवों की प्रशासन नहीं ले रहा सुध- राजधानी से लगे होने के बावजूद इन गांवों की प्रशासन ने सुध नहीं ली. गांव तक पहुंचने का हर रास्ता पानी से लबालब है. गांव वालों ने ही अपने जुगाड़ से नाव जुटाई और इसी के सहारे अब गांव से शहरों को जोड़ने वाले रास्ते तक ये लोग आते हैं. तीन दिन तक अंधेरे में रहे इन गांवों में दिन ढलते ही आवाजाही भी बंद हो जाती है. गांव से बाहर निकलने का मतलब जान का जोखिम उठाना है.

MP Heavy Rain एमपी में बारिश का सैलाब, गांव खेत और सड़कें हुईं पानी पानी, बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने की जद्दोजहद जारी

जलसमाधि को मजबूर पीड़ित- भैंसखेड़ा गांव के बुज़ुर्ग महेश भार्गव पिछले कई सालों से ये तबाही देख रहे हैं. दुखी होकर कहते हैं- " ये डैम लील गया हमें. हर दो-चार साल में इन गांवों के किसानों की खेती डूब जाती है. ये तालाब देख रही हो आप. इसमें मेरे गांव के एक-एक किसान का पसीना बोया था. मेरा अपना दो लाख का नुकसान हुआ है. इस बार तो घर भी बर्बाद हो गए. ढह गए पानी भर गया. सरकार कितनी दूर है इन गांवों से और कितना डूबने के बाद होगी सुनवाई या जलसमाधि ले लेंगे तब सरकारी लोग देखने आएंगे".

submurged vilage water disaster
बाढ़ में डूबे खेत

2022 जैसा कहर कभी नहीं टूटा- गांव के ही बारेलाल साल दर साल गिनाते जाते हैं. 2006 फिर 2009 उसके बाद 2012, 2016 और अब 2022 जैसा कहर तो कभी टूटा ही नहीं. "इस बार तो पानी घरों में भी घुस गया. हम अपना घर छोड़े बैठे हैं, क्योंकि पानी भरे घर में सांप निकल रहे हैं. खाने के लिए जो अनाज बचाया था सब सड़ गया.(MP Heavy Rain,ETV Bharat Ground Report,submerged bhopal villages water disaster)

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