भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अतिथि शिक्षकों ने फिर से नियमितीकरण की मांग उठाई है. उन्होंने प्रदेश की राजधानी में धरना-प्रदर्शन कर बीजेपी सरकार को खरी-खोटी सुनाई और जमकर नारेबाजी भी की है. इस दौरान कमलनाथ ने ट्वीट कर अतिथि शिक्षकों को अपना समर्थन भी दिया है. वेतनमान और नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश भर से आए अतिथि शिक्षकों ने भोपाल के नीलम पार्क में धरना दिया और अपनी आवाज बुलंद की. इन्होंने प्रदेश की बीजेपी सरकार को साफ तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो इसका खामियाजा उन्हें चुनाव में भुगतना पड़ेगा. वहीं अतिथि शिक्षकों के समर्थन में कमलनाथ ने भी ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री और सरकार से इनकी मांग पर संवाद कर, इनके गतिरोध को समाप्त करने की बात कही है.
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मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षक अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर आज प्रदर्शन कर रहे हैं।
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हमारे अतिथि शिक्षक शिवराज सरकार में लंबे समय से बहुत ही कम मानदेय पर सेवा देने पर मजबूर है। पर्याप्त शैक्षणिक अनुभव होने के बाद भी सरकार अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने में असफल रही है।
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— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) February 21, 2023
हमारे अतिथि शिक्षक शिवराज सरकार में लंबे समय से बहुत ही कम मानदेय पर सेवा देने पर मजबूर है। पर्याप्त शैक्षणिक अनुभव होने के बाद भी सरकार अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने में असफल रही है।मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षक अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर आज प्रदर्शन कर रहे हैं।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) February 21, 2023
हमारे अतिथि शिक्षक शिवराज सरकार में लंबे समय से बहुत ही कम मानदेय पर सेवा देने पर मजबूर है। पर्याप्त शैक्षणिक अनुभव होने के बाद भी सरकार अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने में असफल रही है।
हर कोई बना रहा सरकार पर दबावः चुनावी साल में हर कोई सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. नीलम पार्क में प्रदेश भर से जुटे अतिथि शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उनका कहना है कि प्रदेश में अभी भी 70 से 80 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक हैं. यह सभी अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर सरकार से कई बार अनुरोध कर चुके हैं. बावजूद इसके सरकार के कानों पर इस पर जूं तक नहीं रेंग रही है. अतिथि शिक्षक महासंघ के सुनील परिहार का कहना है कि पिछले 15 वर्षों से बहुत ही कम वेतन में यह अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं. इसके बाद भी अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित नहीं है. इन्हें कभी भी सेवा से हटा दिया जाता है. दूसरी ओर कई राज्यों, जिसमें हरियाणा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब आते हैं उनमें अतिथि शिक्षकों के हित में नीति बनाकर भविष्य सुरक्षित किया गया है. अतिथि शिक्षकों को हटाकर उन्हें बेरोजगार नहीं किया जाता, बल्कि उन्हें नियमित किया जाता है.
हल्ला बोल आंदोलन को भी तैयार हैं शिक्षकः प्रदेश के कोने-कोने से आए अतिथि शिक्षकों ने सरकार से चुनावी साल में उनके हित में फैसला लेने की मांग कर शिवराज सरकार की पेशानी पर बल ला दिए हैं. अतिथि शिक्षक शिवराज सरकार में लंबे समय से बहुत ही कम मानदेय पर सेवा देने पर मजबूर हो रहे हैं. पर्याप्त शैक्षणिक अनुभव होने के बाद भी सरकार अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने में असफल रही है. बहरहाल यह अतिथि शिक्षक प्रदेश की बीजेपी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल आंदोलन करने को भी तैयार हैं. इनका कहना है कि मांगों पर जल्द निराकरण नहीं हुआ तो प्रदेश के सभी अतिथि शिक्षक सड़कों पर आने को मजबूर हो जाएंगे. जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी.