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नई शिक्षा नीति के तहत 3 हजार प्रतिभाशाली छात्रों को विशेष कोचिंग दिलाएगी सरकार

केंद्र सरकार द्वार जारी नई शिक्षा नीति लागू करने के बाद अब प्रदेश सरकार इस पर काम कर रही है, जिसके चलते स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने मंत्रालय में समीक्षा बैठक की, नई शिक्षा नीति के तहत अब प्रदेश सरकार तीन हजार प्रतिभाशाली छात्रा- छात्राओं के लिए विशेष कोचिंग की व्यवस्था करेगी.

Bhopal News
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Published : Aug 21, 2020, 10:43 AM IST

भोपाल| केंद्र सरकार के द्वारा नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद अब प्रदेश ने भी इस नीति पर काम शुरू कर दिया है, इसी संबंध में स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग की गतिविधियों की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि, नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश के 3 हजार प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए विशेष कोचिंग की व्यवस्था सरकार के द्वारा की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि, विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य को देखते हुए बेहतर निर्णय लिए जाएंगे.

समीक्षा के दौरान मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि, शिक्षा विभाग का हर निर्णय और कार्ययोजना विद्यार्थियों के हित में होना चाहिए. उन्होंने कहा कि, सभ्य और सुशिक्षित नागरिक ही किसी देश के विकास की कुंजी होते हैं. मंत्री परमार ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा और नई शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षा विभाग के सेटअप में परिवर्तन को लेकर भी अधिकारियों से चर्चा की है. इसके अलावा उन्होंने सीएम राइज के तहत 10 हजार सर्वसुविधा सम्पन्न स्कूलों, नई शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षकों की पदपूर्ति और स्कूलों में संसाधनों की आपूर्ति, स्कूलों की व्यवस्था आदि पर विस्तार से चर्चा की है.

इस दौरान मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा में आमूल-चूल परिवर्तन लाने के लिये बुनियादी शिक्षा में सुधार के लिए भाषा और गणित की मूलभूत दक्षताओं में सुधार होना अत्यावश्यक है. इसके लिए प्रोजेक्ट अंकुर प्रारंभ किया जाएगा. इसके लिये छात्र कार्यपुस्तिका एवं शिक्षक कार्यपुस्तिका को नया स्वरूप दिया जाएगा. जीवंत और प्रिंट समृद्ध परिवेश वाली कक्षाएं विकसित की जाएंगी. अभिभावकों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी. आईटी आधारित बाह्य मूल्यांकन किया जाएगा.

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश योजना में स्कूल शिक्षा को गुणवत्तायुक्त बनाने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसके लिए शिक्षक-प्रशिक्षण संस्थानों को सुदृढ़ किया जाएगा एवं संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थानों के रूप में विकसित किया जाएगा. शिक्षकों की नियमित भर्ती की जाएगी. नई शिक्षा नीति के तहत मध्यप्रदेश को देश में अग्रणी राज्य बनाने के लिए कक्षा 6वीं से सीबीएसई की तर्ज पर कौशल-आधारित पाठ्यक्रम लाया जाएगा. गहन सोच जैसे, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजाइन थिंकिंग, कोडिंग आदि से संबंधित सह-शैक्षणिक पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे.

उन्होंने बताया कि, नई शिक्षा नीति के तहत प्रतिभाशाली बच्चों के लिए विशेष योजना 'प्रखर' शुरू की जाएगी. जिसमें JEE, NEET, CLAT आदि के लिए 3 हजार प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को विशेष कोचिंग की व्यवस्था की जाएगी. राज्य के कुल 157 लाख विद्यार्थियों में से 42 प्रतिशत नामांकन निजी स्कूलों में होते हैं, अत: निजी स्कूलों में कुछ नीतिगत मुद्दों में सरकार का हस्तक्षेप भी रहेगा. निजी स्कूलों में भी शिक्षकों की मेरिट आधारित भर्ती होगी. प्रति वर्ष शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित होगी. निजी स्कूलों में भी व्यावसायिक शिक्षा देना अनिवार्य होगा.

भोपाल| केंद्र सरकार के द्वारा नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद अब प्रदेश ने भी इस नीति पर काम शुरू कर दिया है, इसी संबंध में स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग की गतिविधियों की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि, नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश के 3 हजार प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए विशेष कोचिंग की व्यवस्था सरकार के द्वारा की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि, विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य को देखते हुए बेहतर निर्णय लिए जाएंगे.

समीक्षा के दौरान मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि, शिक्षा विभाग का हर निर्णय और कार्ययोजना विद्यार्थियों के हित में होना चाहिए. उन्होंने कहा कि, सभ्य और सुशिक्षित नागरिक ही किसी देश के विकास की कुंजी होते हैं. मंत्री परमार ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा और नई शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षा विभाग के सेटअप में परिवर्तन को लेकर भी अधिकारियों से चर्चा की है. इसके अलावा उन्होंने सीएम राइज के तहत 10 हजार सर्वसुविधा सम्पन्न स्कूलों, नई शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षकों की पदपूर्ति और स्कूलों में संसाधनों की आपूर्ति, स्कूलों की व्यवस्था आदि पर विस्तार से चर्चा की है.

इस दौरान मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा में आमूल-चूल परिवर्तन लाने के लिये बुनियादी शिक्षा में सुधार के लिए भाषा और गणित की मूलभूत दक्षताओं में सुधार होना अत्यावश्यक है. इसके लिए प्रोजेक्ट अंकुर प्रारंभ किया जाएगा. इसके लिये छात्र कार्यपुस्तिका एवं शिक्षक कार्यपुस्तिका को नया स्वरूप दिया जाएगा. जीवंत और प्रिंट समृद्ध परिवेश वाली कक्षाएं विकसित की जाएंगी. अभिभावकों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी. आईटी आधारित बाह्य मूल्यांकन किया जाएगा.

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश योजना में स्कूल शिक्षा को गुणवत्तायुक्त बनाने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसके लिए शिक्षक-प्रशिक्षण संस्थानों को सुदृढ़ किया जाएगा एवं संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थानों के रूप में विकसित किया जाएगा. शिक्षकों की नियमित भर्ती की जाएगी. नई शिक्षा नीति के तहत मध्यप्रदेश को देश में अग्रणी राज्य बनाने के लिए कक्षा 6वीं से सीबीएसई की तर्ज पर कौशल-आधारित पाठ्यक्रम लाया जाएगा. गहन सोच जैसे, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजाइन थिंकिंग, कोडिंग आदि से संबंधित सह-शैक्षणिक पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे.

उन्होंने बताया कि, नई शिक्षा नीति के तहत प्रतिभाशाली बच्चों के लिए विशेष योजना 'प्रखर' शुरू की जाएगी. जिसमें JEE, NEET, CLAT आदि के लिए 3 हजार प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को विशेष कोचिंग की व्यवस्था की जाएगी. राज्य के कुल 157 लाख विद्यार्थियों में से 42 प्रतिशत नामांकन निजी स्कूलों में होते हैं, अत: निजी स्कूलों में कुछ नीतिगत मुद्दों में सरकार का हस्तक्षेप भी रहेगा. निजी स्कूलों में भी शिक्षकों की मेरिट आधारित भर्ती होगी. प्रति वर्ष शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित होगी. निजी स्कूलों में भी व्यावसायिक शिक्षा देना अनिवार्य होगा.

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