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पीएम की अपील के बाद प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री देंगे प्रधानमंत्री कोष में 30 प्रतिशत वेतन

प्रधानमंत्री की अपील के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल लालजी टंडन ने अगले 1 वर्ष तक 30 फ़ीसदी कम वेतन लेने की घोषणा की है.

भोपाल
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Published : Apr 7, 2020, 10:20 AM IST

भोपाल| देश में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है जिसकी वजह से लॉकडाउन का समय भी आगे बढ़ाया जा सकता है. ऐसी परिस्थितियों में देश की अर्थव्यवस्था पर भी सीधा असर पड़ा है, जिसे दृष्टिगत रखते हुए सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की बैठक भी ली है.

Governor
राज्यपाल लालजी टंडन

इस दौरान निर्णय लिया गया है कि प्रधानमंत्री सभी मंत्रियों सहित देश के सभी सांसदों को 1 साल तक 30 फ़ीसदी कम वेतन दिया जाएगा. कटौती सिर्फ वेतन पर एक अप्रैल से लागू मानी जाएगी इसी तरह सांसदों के माध्यम से खर्च होने वाली स्थानीय विकास निधि 2 साल के लिए स्थगित कर दी गई है यह कोरोना से लड़ने में उपयोग की जाएगी.

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति एवं कई राज्यों ने भी खुद की इच्छा से वेतन कटौती की सहमति दी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल लालजी टंडन ने भी अगले 1 वर्ष तक 30 फ़ीसदी कम वेतन लेने की घोषणा की है. यह राशि वो कोरोना प्रभावित लोगों की मदद के लिए देंगे. सीएम, विधायक निधि से मिलने वाली राशि से भी मदद करेंगे.

राज्यपाल लालजी टंडन ने कोरोना वायरस से उत्पन्न संकट से निपटने में सरकार के प्रयासों में सहयोग की अभिनव पहल की है. उन्होंने कोरोना संकट अवधि समाप्त होने तक हर माह अपने वेतन की 30 प्रतिशत राशि (लगभग एक लाख रूपये) प्रधानमंत्री कोष में देने की घोषणा की है. राज्यपाल लालजी टंडन ने इस संबंध ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र भेजकर यह जानकारी दी है

तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देशव्यापी कोरोना संकट से निपटने में सहयोग स्वरूप एक साल तक अपने वेतन की 30 प्रतिशत राशि सहायता कोष में देने का निर्णय लिया है . उन्होंने कहा है कि मेरी विधायक निधि भी कोरोना संक्रमण से निपटने में व्यय की जाएगी. मुख्यमंत्री ने सभी वर्गों से भी अपील की है कि अपने खर्चों में कटौती कर पैसा बचाकर कोरोना संकट से जूझने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष को प्रदान करें.

भोपाल| देश में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है जिसकी वजह से लॉकडाउन का समय भी आगे बढ़ाया जा सकता है. ऐसी परिस्थितियों में देश की अर्थव्यवस्था पर भी सीधा असर पड़ा है, जिसे दृष्टिगत रखते हुए सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की बैठक भी ली है.

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राज्यपाल लालजी टंडन

इस दौरान निर्णय लिया गया है कि प्रधानमंत्री सभी मंत्रियों सहित देश के सभी सांसदों को 1 साल तक 30 फ़ीसदी कम वेतन दिया जाएगा. कटौती सिर्फ वेतन पर एक अप्रैल से लागू मानी जाएगी इसी तरह सांसदों के माध्यम से खर्च होने वाली स्थानीय विकास निधि 2 साल के लिए स्थगित कर दी गई है यह कोरोना से लड़ने में उपयोग की जाएगी.

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति एवं कई राज्यों ने भी खुद की इच्छा से वेतन कटौती की सहमति दी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल लालजी टंडन ने भी अगले 1 वर्ष तक 30 फ़ीसदी कम वेतन लेने की घोषणा की है. यह राशि वो कोरोना प्रभावित लोगों की मदद के लिए देंगे. सीएम, विधायक निधि से मिलने वाली राशि से भी मदद करेंगे.

राज्यपाल लालजी टंडन ने कोरोना वायरस से उत्पन्न संकट से निपटने में सरकार के प्रयासों में सहयोग की अभिनव पहल की है. उन्होंने कोरोना संकट अवधि समाप्त होने तक हर माह अपने वेतन की 30 प्रतिशत राशि (लगभग एक लाख रूपये) प्रधानमंत्री कोष में देने की घोषणा की है. राज्यपाल लालजी टंडन ने इस संबंध ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र भेजकर यह जानकारी दी है

तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देशव्यापी कोरोना संकट से निपटने में सहयोग स्वरूप एक साल तक अपने वेतन की 30 प्रतिशत राशि सहायता कोष में देने का निर्णय लिया है . उन्होंने कहा है कि मेरी विधायक निधि भी कोरोना संक्रमण से निपटने में व्यय की जाएगी. मुख्यमंत्री ने सभी वर्गों से भी अपील की है कि अपने खर्चों में कटौती कर पैसा बचाकर कोरोना संकट से जूझने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष को प्रदान करें.

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