भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार एक बार फिर 3000 करोड़ कर कर्ज लेने जा रही है. इसके लिए 23 फरवरी को ई-बिड बुलाई है और अगले दिन इसके लिए अनुबंध किया जाएगा. सरकार फरवरी माह में ही चौथी बार ऋण देने जा रही है. इस बार भी सरकार 10 साल के लिए कर्ज ले रही है. इसके पहले सरकार ने 16 फरवरी को भी 3000 करोड़ का कर्ज लिया था.
शिवराज सरकार मार्केट से लेगी 1000 करोड़ का कर्ज
नए साल में 10 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है सरकार
- राज्य सरकार जनवरी के बाद से अभी तक पांच बार में 10000 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है.
- 16 फरवरी को राज्य सरकार ने 10 साल के लिए 3000 करोड़ का कर्ज लिया था
- 9 फरवरी को राज्य सरकार ने 3000 करोड़ का कर्ज लिया था, यह कर्ज भी 10 साल के लिए लिया गया था.
- 2 फरवरी को राज्य सरकार ने 2000 करोड़ का कर्ज लिया था, सरकार ने 16 साल के लिए बाजार से लिया था.
- 25 जनवरी को राज्य सरकार ने 1000 करोड़ का कर्ज दिया था, यह कर्ज भी 6 साल के लिए लिया गया था.
- 20 जनवरी को राज्य सरकार ने ओपन मार्केट से 1000 करोड़ का कर्जा लिया था.
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सरकार लगातार ले रही कर्जा
पटरी से उतरी मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए शिवराज सरकार को लगातार कर्ज लेना पड़ रहा है. मार्च 2020 की स्थिति में देखा जाए तो मध्य प्रदेश सरकार पर 2 लाख 1989 करोड़ रुपए का कर्जा हो चुका है. मार्च 2020 के बाद से राज्य सरकार करीब 30000 करोड़ का कर्जा और ले चुकी है.
जीडीपी का 1% अतिरिक्त लोन की मांगी थी अनुमति
आर्थिक संकट से जूझ रही मध्य प्रदेश सरकार पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 31 मार्च 2021 के लिए लिमिट तय कर दी थी. इस लिमिट में मध्य प्रदेश सरकार 1000 करोड़ का कर्ज ले चुकी है. लेकिन हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दिल्ली जाकर केंद्रीय वित्त मंत्री से मांग की है कि प्रदेश की जीडीपी का 1% अतिरिक्त लोन लेने की अनुमति दी जाए. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने भी इस मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने को कहा था.