भोपाल। 2019 में कोविड के पहले मध्य प्रदेश में 8 करोड़ से अधिक पर्यटक क्रिसमस और नए साल के मौके पर आए थे. इनमें विदेशी पर्यटक भी थे. कोविड के कारण अब पर्यटन विभाग का पूरा फोकस भारतीय पर्यटन (tourism in mp) के ऊपर है. पर्यटन विभाग के पीएस शिव शेखर शुक्ला का कहना है की भले ही यह आंकड़ा उतना न हो, लेकिन ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को मध्य प्रदेश से जोड़ने की कोशिश की जा रही हैं. दूसरी ओर 30 दिसंबर से मांडू महोत्सव शुरू होने जा रहा है, जो 5 दिनों तक चलेगा. उसके बाद भी 2 महीने तक पर्यटकों के लिए मांडू में व्यवस्थाएं वैसे ही रहेंगे। ईटीवी भारत से खास बातचीत में संवाददाता आदर्श चौरसिया से शेखर शुक्ला (shekhar shukla exclusive interview with etv bharat) ने कई और बातें भी कहीं.
30 दिसंबर से शुरू होगा पांच दिसंबर महोत्सव
पीएस शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मध्य प्रदेश को पर्यटन की दृष्टि से देश में नंबर वन पर लाने का उद्देश्य है. इस दिशा में लगातार प्रयास भी किए जाने हैं. देश में सबसे अधिक पर्यटक अब मध्यप्रदेश आने लगे हैं. मध्य प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावना है. ऐसे में लगातार विभाग महोत्सव का आयोजन कर रहा है. मांडू में 30 दिसंबर से 3 जनवरी तक महोत्सव किया जा रहा है. 5 दिवसीय इस महोत्सव में स्थानीय कलाकारों के साथ ही आमजन को भी पर्यटन की दृष्टि से जोड़े रखने का विभाग का टारगेट है.
पर्यटन विभाग की अच्छी पहल
विलेज टूरिज्म (mp government initiative for village tourism) के तहत पर्यटन विकास निगम ने मध्यप्रदेश मैं 100 ऐसे गांवों का चयन किया है, जिन्हें डेवलप कर स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है. इसके तहत 60 गांव को अभी तक पर्यटन विभाग जोड़ चुका है. जिन टूरिस्ट प्लेस पर पर्यटकों की संख्या ज्यादा है, वहां स्थानीय लोगों के शिल्प और वहां की वस्तुओं को विक्रय के लिए प्लेटफार्म दिया जा रहा है.
इन स्थानों पर सबसे ज्यादा आते हैं टूरिस्ट (tourism places in mp)
पचमढ़ीः होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी मध्यप्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है, जिसे मध्यप्रदेश का श्रीनगर और स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है. रोमांटिक स्थलों में यह टॉप पर है. ऊंचे ऊंचे पहाड़, झील, झरने, गुफाएं, जंगल सभी कुछ हैं यहां पर.
भेड़ाघाटः जबलपुर के पास भेड़ाघाट बहुत ही शानदार जगह है. दो सफेद पहाड़ों के बीच नर्मदा नदी बहती है. नर्मदा में नौका-विहार करने का रोमांच ही कुछ और है. यहां की खासियत है वॉटर फाल अर्थात जल प्रपात. बहुत ऊंचाई से गिरते झरने को देखना आनंददायक होता है.
मांडूः इंदौर के पास विंध्याचल की खूबसूरत पर्वतमालाओं के बीच 2000 फीट की ऊंचाई पर बसा मांडू मालवा के परमारों द्वारा शासित रहा है. यहां पर राजा महाराजों के महल, बावड़ी, तालाब आदि देख सकते हैं. यहां पर प्राकृतिक सुंदरता भी भरपूर है.
खजुराहोः छतरपुर जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो अपने मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. खजुराहो शिल्प के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय नृत्य समारोह के लिए भी आकर्षण का केंद्र है. इन विश्व प्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण चंदेल राजाओं ने सन् 950-1050 के बीच करवाया था. पहले इसका नाम 'खर्जुरवाहक' था. 1986 में यूनेस्को ने इन मंदिरों को 'विश्व धरोहर स्थल' घोषित कर रखा है.
इनके अलावा कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, ओरछा, अमरकंटक, ओमकारेश्वर, उज्जैन, महेश्वर, मंडलेश्वर, मोहनखेड़ा, नेमावर, ग्वालियार, भोपाल, देवास, इंदौर, होशंगाबाद, शिवपुरी, भुवनेश्वर, भीमबेठका, सांची, चित्रकूट, आदि कई ऐतिहासिक स्थानों पर घूम सकते हैं.
कैंपिंग नीति कर रही काम
वर्ष 2017 में मध्य प्रदेश में कुल पांच करोड़ 88 लाख पर्यटक आए. वहीं वर्ष 2019 में आठ करोड़ 90 लाख से अधिक पर्यटक राज्य में आए. राज्य में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर गौर करें तो राज्य की कैंपिंग नीति 2018 तथा जल पर्यटन नीति 2017 के चलते यहां साहसिक एवं जल क्रीड़ा पर्यटन में काफी वृद्धि हुई है.
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पर्यटन विभाग के पीएस शिव शेखर शुक्ला का कहना है कि 2022 में भी मध्य प्रदेश के पर्यटक स्थलों को ज्यादा से ज्यादा विकसित करना यह उनका लक्ष्य है. इसके लिए आसपास के गांवों के साथ ही पर्यटन के लिए आने वाली महिलाओं की सुरक्षा का ध्यान रखना सबसे बड़ा काम है. जिसके लिए विभाग अलग से कुछ ऐसे होटल भी संचालित कर रहा है. जहां पूरा स्टाफ महिलाओं का ही रहे. विभाग का पूरा फोकस सिर्फ भारतीय पर्यटकों पर है.