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शराब भर रही शिवराज सरकार का खजाना, पिछले साल के मुताबिक 40 प्रतिशत ज्यादा हुई बिक्री

मध्यप्रदेश में पिछले कई दिनों से शराब बंदी को लेकर बवाल छाया रहा. पूर्व सीएम उमा भारती जहां लगातार सरकार से शराबबंदी की मांग कर रही हैं. वहीं प्रदेश में शराब सरकार का खजाना भर रही है. इस साल शराब से एमपी में पिछले साल के मुताबिक 40 फीसदी ज्यादा बिक्री हुई है.

mp government got 40 percent profit from liquor
शराब भर रही शिवराज सरकार का खजाना
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Published : Jan 2, 2023, 10:36 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार ने नई दुकानें नहीं खोलने का फैसला लिया है, लेकिन बावजूद इसके सरकार के खजाने में शराब से जमकर कमाई हो रही है. मध्यप्रदेश में पिछली साल सरकार ने शराब की खपत बढ़ाने के लिए देशी और विदेशी शराब को एक ही जगह मिलने की मंजूरी दी. जिसके बाद सरकार के खजाने में 12 हजार करोड़ का इजाफा हुआ है, जो पिछली साल की तुलना करीब 40 प्रतिशत ज्यादा है. पिछले साल 2021-22 में सरकार के खजाने में शराब दुकानों से 8 हजार 569.55 करोड़ की आय हुई थी, जबकि 2022-23 में 11 हजार 925.13 करोड़ रुपए की आमदनी होगी. यह राशि 39.21 प्रतिशत ज्यादा है.

कम्पोजिट दुकानों से बढ़ा राजस्व: पिछले साल तक देशी दुकानें करीब 2500 के करीब थीं, तो वहीं विदेशी शराब की करीब 1000 दुकानें थीं, लेकिन मौजूदा साल में सरकार ने दोनों तरह को शराब एक ही दुकान पर उपलब्ध कराने की नीति लागू की. इससे शराब की खपत में भारी उछाल आया. इस साल कम्पोजिट शॉप नीति के बाद बीयर में 56 फीसदी, देशी शराब की कुल 22 और स्पिरिट में 23 प्रतिशत ज्यादा बिक्री हुई. हालांकि सरकार कहती रही है की हम शराब की नई दुकानें नहीं खोलेंगे.

क्या कहते हैं वाणिज्यकर मंत्री: प्रदेश के वित्त और वाणिज्यकर मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि प्रदेश में कंपोजिट दुकानों से देशी और विदेशी शराब बेची जा रही है, जिससे राजस्व में वृद्धि हुई है, लेकिन हमने नई दुकानें नहीं खोलना का फैसला लिया है. जगदीश देवड़ा ने कहा कि मंडला में नर्मदा किनारे चल रही 6 शराब दुकानें बंद कराई गई हैं.

उमा भारती शराबबंदी को लेकर मुखर रही हैं: उमा भारती शराब बंदी अभियान को लेकर सरकार की मुश्किलें खड़ी करती रही हैं, लेकिन बीजेपी सरकार और सत्ता ने हमेशा कहा कि शराब बंदी के लिए सामाजिक जागरूकता अभियान चलाना होगा. इसी से शराब बंदी हो सकेगी. गांधी जयंती के मौके पर उमा ने सड़कों पर मार्च की चेतावनी दी तो उमा का पैदल मार्च सरकार ने हाईजैक कर लिया. मुख्यमंत्री शिवराज ने उमा के साथ मंच साझा किया और कहा की वो भी नहीं चाहते की प्रदेश में लोग नशा करें. लिहाजा सरकार ने फैसला लिया है कि कोई भी शराब की नई दुकान नहीं खुलेगी. हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पूर्व सीएम उमा भारती और बाबा रामदेव की मौजूदगी में नशे को बढ़ावा न देने वाली नई आबकारी नीति बनाने का संकल्प भी लिया, उमा भारती शराब बंदी को लेकर मुखर तो हैं लेकिन वे भी कई बार अपनी बात पर यू टर्न ले चुकी हैं.

नई शराब नीति में संशोधन करेगी सरकार: नई शराब नीति में उमा भारती के दवाब में सरकार कुछ परिवर्तन करने जा रही है, लेकिन उसके पहले शराब के दाम बढ़ सकते हैं. शराब के दामों में बढ़ोत्तरी 10 से 15 फीसदी तक हो सकती है. इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही नई आबकारी नीति तैयार करने में जुटी सरकार पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की नाराजगी भी दूर करने की कोशिश में जुटी है. सूत्रों के मुताबिक आबकारी विभाग जो नई नीति तैयार कर रहा है उसमें मंदिर, छात्रावास और स्कूल से 50 मीटर के दायरे में आने वाले शराब की सभी दुकानें और अहाते बंद करने की भी तैयारी की जा रही है. दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की नाराजगी और लगातार ट्विटर वॉर के बाद आबकारी विभाग नए साल में नई आबकारी नीति लागू करने की तैयार कर रहा है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार ने नई दुकानें नहीं खोलने का फैसला लिया है, लेकिन बावजूद इसके सरकार के खजाने में शराब से जमकर कमाई हो रही है. मध्यप्रदेश में पिछली साल सरकार ने शराब की खपत बढ़ाने के लिए देशी और विदेशी शराब को एक ही जगह मिलने की मंजूरी दी. जिसके बाद सरकार के खजाने में 12 हजार करोड़ का इजाफा हुआ है, जो पिछली साल की तुलना करीब 40 प्रतिशत ज्यादा है. पिछले साल 2021-22 में सरकार के खजाने में शराब दुकानों से 8 हजार 569.55 करोड़ की आय हुई थी, जबकि 2022-23 में 11 हजार 925.13 करोड़ रुपए की आमदनी होगी. यह राशि 39.21 प्रतिशत ज्यादा है.

कम्पोजिट दुकानों से बढ़ा राजस्व: पिछले साल तक देशी दुकानें करीब 2500 के करीब थीं, तो वहीं विदेशी शराब की करीब 1000 दुकानें थीं, लेकिन मौजूदा साल में सरकार ने दोनों तरह को शराब एक ही दुकान पर उपलब्ध कराने की नीति लागू की. इससे शराब की खपत में भारी उछाल आया. इस साल कम्पोजिट शॉप नीति के बाद बीयर में 56 फीसदी, देशी शराब की कुल 22 और स्पिरिट में 23 प्रतिशत ज्यादा बिक्री हुई. हालांकि सरकार कहती रही है की हम शराब की नई दुकानें नहीं खोलेंगे.

क्या कहते हैं वाणिज्यकर मंत्री: प्रदेश के वित्त और वाणिज्यकर मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि प्रदेश में कंपोजिट दुकानों से देशी और विदेशी शराब बेची जा रही है, जिससे राजस्व में वृद्धि हुई है, लेकिन हमने नई दुकानें नहीं खोलना का फैसला लिया है. जगदीश देवड़ा ने कहा कि मंडला में नर्मदा किनारे चल रही 6 शराब दुकानें बंद कराई गई हैं.

उमा भारती शराबबंदी को लेकर मुखर रही हैं: उमा भारती शराब बंदी अभियान को लेकर सरकार की मुश्किलें खड़ी करती रही हैं, लेकिन बीजेपी सरकार और सत्ता ने हमेशा कहा कि शराब बंदी के लिए सामाजिक जागरूकता अभियान चलाना होगा. इसी से शराब बंदी हो सकेगी. गांधी जयंती के मौके पर उमा ने सड़कों पर मार्च की चेतावनी दी तो उमा का पैदल मार्च सरकार ने हाईजैक कर लिया. मुख्यमंत्री शिवराज ने उमा के साथ मंच साझा किया और कहा की वो भी नहीं चाहते की प्रदेश में लोग नशा करें. लिहाजा सरकार ने फैसला लिया है कि कोई भी शराब की नई दुकान नहीं खुलेगी. हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पूर्व सीएम उमा भारती और बाबा रामदेव की मौजूदगी में नशे को बढ़ावा न देने वाली नई आबकारी नीति बनाने का संकल्प भी लिया, उमा भारती शराब बंदी को लेकर मुखर तो हैं लेकिन वे भी कई बार अपनी बात पर यू टर्न ले चुकी हैं.

नई शराब नीति में संशोधन करेगी सरकार: नई शराब नीति में उमा भारती के दवाब में सरकार कुछ परिवर्तन करने जा रही है, लेकिन उसके पहले शराब के दाम बढ़ सकते हैं. शराब के दामों में बढ़ोत्तरी 10 से 15 फीसदी तक हो सकती है. इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही नई आबकारी नीति तैयार करने में जुटी सरकार पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की नाराजगी भी दूर करने की कोशिश में जुटी है. सूत्रों के मुताबिक आबकारी विभाग जो नई नीति तैयार कर रहा है उसमें मंदिर, छात्रावास और स्कूल से 50 मीटर के दायरे में आने वाले शराब की सभी दुकानें और अहाते बंद करने की भी तैयारी की जा रही है. दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की नाराजगी और लगातार ट्विटर वॉर के बाद आबकारी विभाग नए साल में नई आबकारी नीति लागू करने की तैयार कर रहा है.

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