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MP में निर्माण से पहले अब NOC के लिए नहीं काटने होंगे चक्कर, हो रही है ये व्यवस्था - मध्य प्रदेश

राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश नजूल भूमि निवर्तन नियम 2000 में बदलाव किया है. इसके तहत निर्माण के पहले ली जाने वाली नजूल एनओसी की व्यवस्था को खत्म किया जा रहा है. नई व्यवस्था में नजूल अधिकारी या तहसीलदार अपने क्षेत्र में आने वाली सभी जमीनों को अपडेट करके इसकी जानकारी नगरीय निकाय और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों को उपलब्ध कराएगा. [MP Nazul NOC ]

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Published : Dec 5, 2022, 2:01 PM IST

भोपाल। प्रदेश के शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को अब किसी तरह के निर्माण कार्य के लिए कलेक्टर कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे. राज्य सरकार निर्माण के पहले ली जाने वाली नजूल एनओसी की व्यवस्था को खत्म करने जा रही है. अब तय किया जा रहा है कि नजूल अधिकारी जमीनों का रिकॉर्ड निकालकर निकायों और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को उपलब्ध कराएगा. यह कवायद हर साल की जाएगी. इससे लोगों को एनओसी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. अभी यह एनओसी इसलिए दी जाती है क्योंकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह सरकारी जमीन तो नहीं है, बल्कि निजी व्यक्ति की जमीन है.

अब यह होगी व्यवस्था: राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश नजूल भूमि निवर्तन नियम 2000 में बदलाव किया है. इसमें नजूल अधिकारी या तहसीलदार अपने क्षेत्र में आने वाली सभी जमीनों को अपडेट करके इसकी जानकारी नगरीय निकाय और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों को उपलब्ध कराएगा. यह जानकारी एक महीने में उपलब्ध कराई जाएगी. तब तक अंतरित व्यवस्था के तौर पर नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे. इसके बाद कोई एनओसी जारी नहीं किया जा सकेगा. नजूल अधिकारियों की यह जिम्मेदारी होगी कि यदि कोई परिवर्तन होता है तो तत्काल इसकी सूचना स्थानीय निकाय और टीएनसीपी को उपलब्ध कराई जाए.

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अभी ये है व्यवस्था: अभी यदि किसी व्यक्ति को किसी भूमि या प्लॉट पर निर्माण कार्य करना है, तो उसे नजूल विभाग, टीएनसीपी, स्थानीय निकाय से अनुमति लेनी होती है. नजूल भूमि के लिए व्यक्ति को कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगाना होते हैं. नजूल एनओसी में विभाग बताता है कि उक्त भूमि सरकारी जमीन है या नहीं और इस पर शासन का कोई दखल नहीं है. इस अनुमति के बाद ही टीएनसीपी संबंधित प्लॉट पर अपनी अनुज्ञा जारी करता है. [End the system of Nazul NOC]

भोपाल। प्रदेश के शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को अब किसी तरह के निर्माण कार्य के लिए कलेक्टर कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे. राज्य सरकार निर्माण के पहले ली जाने वाली नजूल एनओसी की व्यवस्था को खत्म करने जा रही है. अब तय किया जा रहा है कि नजूल अधिकारी जमीनों का रिकॉर्ड निकालकर निकायों और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को उपलब्ध कराएगा. यह कवायद हर साल की जाएगी. इससे लोगों को एनओसी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. अभी यह एनओसी इसलिए दी जाती है क्योंकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह सरकारी जमीन तो नहीं है, बल्कि निजी व्यक्ति की जमीन है.

अब यह होगी व्यवस्था: राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश नजूल भूमि निवर्तन नियम 2000 में बदलाव किया है. इसमें नजूल अधिकारी या तहसीलदार अपने क्षेत्र में आने वाली सभी जमीनों को अपडेट करके इसकी जानकारी नगरीय निकाय और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों को उपलब्ध कराएगा. यह जानकारी एक महीने में उपलब्ध कराई जाएगी. तब तक अंतरित व्यवस्था के तौर पर नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे. इसके बाद कोई एनओसी जारी नहीं किया जा सकेगा. नजूल अधिकारियों की यह जिम्मेदारी होगी कि यदि कोई परिवर्तन होता है तो तत्काल इसकी सूचना स्थानीय निकाय और टीएनसीपी को उपलब्ध कराई जाए.

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अभी ये है व्यवस्था: अभी यदि किसी व्यक्ति को किसी भूमि या प्लॉट पर निर्माण कार्य करना है, तो उसे नजूल विभाग, टीएनसीपी, स्थानीय निकाय से अनुमति लेनी होती है. नजूल भूमि के लिए व्यक्ति को कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगाना होते हैं. नजूल एनओसी में विभाग बताता है कि उक्त भूमि सरकारी जमीन है या नहीं और इस पर शासन का कोई दखल नहीं है. इस अनुमति के बाद ही टीएनसीपी संबंधित प्लॉट पर अपनी अनुज्ञा जारी करता है. [End the system of Nazul NOC]

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