भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार आगामी विधानसभा चुनाव 2023 के पहले ग्रामीण और गरीबों को बड़ी सौगात देने जा रही है. सरकार प्रदेश के भूमिहीनों को जमीन देने का 28 नवंबर से अभियान शुरू करने जा रहे हैं. इसमें सरकार ग्रामीण इलाकों में रहने वाले आवासहीन लोगों को भूखंड देगी. वहीं, सरकारी जमीन पर काबिज गरीबों को भी सरकार पट्टे देने जा रही है. इसके लिए पात्रता अवधि को सरकार 31 दिसंबर 2014 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2018 करने जा रही है. इसका प्रस्ताव सरकार जल्द ही कैबिनेट में लाने जा रही है.
भूमिहीनों को मिलेगी अपने घर के लिए जमीन : प्रदेश के भूमिहीनों को जमीन उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करीब एक साल पहले इसका ऐलान किया था. इसके बाद सभी ग्राम पंचायत स्तर पर ऐसे भूमिहीनों की सूची तैयार कराई गई है. इसके बाद अब 28 नवंबर से ऐसे भूमिहीनों को भूमि उपलब्ध कराने का अभियान शुरू किया जा रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर परिवार को न्यूनतम मूलभूत जरूरतों के साथ बेहतर जीवन यापन का अभियान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरूआत की गई है. सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में कोई भी ऐसा नहीं होना चाहिए जिसके पास रहने को छत न हो. राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में सभी ग्राम पंचायत में आबादी क्षेत्र की भूमि पर पात्र परिवारों को आवासीय भूखंड उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना की शुरूआत की गई है. इसके लिए कलेक्टरों को अधिकार दिए गए हैं. इस योजना में भू खंड का अधिकतम क्षेत्रफल 60 वर्गमीटर होगा. योजना का लाभ उन्हें ही मिलेगा जिनके पास पहले से भूखंड न हो और वे ग्राम के ही निवासी हों. आवेदन प्राप्त करने के लिए लोगों को ऑनलाइन एसएएआरए पोर्टल से आवेदन करना होगा.
पंचायत स्तर पर तैयार कराई गई सूची: 28 नवंबर से शुरू हो रहे अभियान के लिए ग्रामवार भूमिहीनों की सूची तैयार कराई गई है. सूची को अंतिम रूप देने के पहले दावे आपत्तियां बुलाई जा चुकी हैं. भू खंड आवंटन के लिए कोई प्रीमियम भूमिस्वामी को नहीं देना होगा.
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सरकारी जमीन पर जमे लोगों को मिलेगा पट्टा: उधर, राज्य सरकार सरकार जमीन पर लंबे समय से रह रहे लोगों को आवासीय पट्टा देने जा रही है. दरअसल, ग्रामीण क्षेत्र से आकर शहरों में सरकारी जमीन पर लोगों ने मकान बना लिए. ऐसे लोगों को 31 दिसंबर 2014 तक की समय सीमा मानकर नगरीय क्षेत्रों में 30 साल के लिए स्थायी पट्टा दिया गया. इस तरह सितंबर 2022 तक 1 लाख 17 हजार आवेदन आए थे, लेकिन वैरीफिकेशन के बाद इसमें से 69 हजार आवेदनों को अपात्र माना गया, क्योंकि यह 2014 की समय सीमा के बाद के थे. लिहाजा अब सरकार इसकी समय सीमा 31 दिसंबर 2018 तक करने जा रही है. इसको लेकर सरकार जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाने जा रही है. (Campaign to give land to the landless)(MP government freebies scheme) (MP assembly election 2023)