भोपाल। एमपी के पूर्व आईपीएस अफसर राजस्थान में बीजेपी की विधिवत सदस्यता लेंगे, तैयारी 2023 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान की राजाखेड़ा सीट से चुनावी दंगल में उतरने की है. पवन जैन राजाखेड़ा से अपनी दावेदारी पेश करेंगे. पवन जैन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की मौजूदगी में जयपुर में बीजेपी की सदस्यता लेंगे. चुनाव लड़ने की तैयारी के साथ पवन जैन राजनीति में गए और उस राजाखेड़ा सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. बीते 67 साल से पार्टी यहां अपना खाता भी नहीं खोल पाई.
एमपी के पूर्व आईपीएस राजस्थान में लेंगे बीजेपी की सदस्यता: एमपी के पूर्व आईपीएस अफसर पवन जैन राजस्थान की राजाखेड़ा विधानसभा सीट से उम्मीदवार होंगे या नहीं. लेकिन उन्होंने राजनीति के रण के तौर पर राजस्थान का मैदान चुन लिया है. 12 अगस्त को बीजेपी की विधिवत सदस्यता लेने के साथ माना जा रहा है कि पवन जैन यहां से अपनी चुनावी दावेदारी पेश कर सकते हैं. महानिदेशक होमगार्ड के पद से हाल ही में रिटायर हुए पवन जैन ने करीब 36 साल की अपनी नौकरी में लंबा वक्त मध्यप्रदेश में ही गुजारा है, लेकिन उन्होंने राजनीति के लिए राजस्थान का ही मैदान चुना. 12 अगस्त को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, पवन जैन को बीजेपी की सदस्यता दिलाएंगे.
राजाखेड़ा में कई बरसों से तैयार कर रहे जमीन: राजस्थान की राजाखेड़ा सीट जहां से पवन जैन दावेदारी कर रहे हैं. राजस्थान में बीजेपी के लिए सबसे मुश्किल विधानसभा सीटों में गिनी जाती है. वजह ये है कि ये कांग्रेस का गढ़ कही जाती है. एक ही परिवार की राजनीति का दौर इतने सालों में यहां के लोगों ने देखा है. पवन जैन इसी मंशा से इस सीट पर जा रहे हैं कि इस सीट का जनादेश बदल दें. वे कहते हैं अगर बीजेपी इस सीट से चुनाव लड़ने मुझ पर विश्वास जताती है तो मैं भी पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा. चूंकि मैं राजाखेड़ा की जमीन पर ही जन्मा और पला बढ़ा हूं, इसलिए ये केवल मेरे लिए राजनीतिक जमीन भर नहीं है. वो जमीन है जहां के लोगों को मुझे इंसाफ दिलाना है. जिनका कर्ज है मुझ पर उनका हक उन्हें दिलाना है.
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जनसंघ की जड़े और सेवा की जमीन: पवन जैन बेशक पुलिस सेवा से राजनीति में जा रहे हों. लेकिन राजनीति का मैदान उनके लिए नया नहीं है. वे छात्र जीवन से एबीवीपी और जनसंघ में सक्रीय रहे थे. वे कहते हैं वैचारिक रुप से तो समझिए छात्र जीवन से बीजेपी के साथ जुड़ा रहा. दूसरा जिस क्षेत्र से में आता हूं वह है राजाखेड़ा क्षेत्र. मध्यप्रदेश की नौकरी के बाद भी मैं अपने पिताजी के नाम पर लगातार सेवा के कार्य यहां करता रहा हूं. जिसमें चिकित्सा शिविरों के साथ उनकी हर स्वास्थ्य समस्या को हल करना. तो राजाखेडा मेरे लिए राजनीति का अखाड़ा नहीं मेरा घर है. घर से दूर कमाने गया बेटा फिर घर लौटा है. अपनी जमीन को अपनी जड़ों को उसका वाजिब हक दिलाने.