भोपाल। मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटने के बाद अपने बयानों से चौंका रहे शिवराज सिंह ने जो अब बयां किया है उसे उनकी निजी पीड़ा कहें या इसे राजनीति की सच्चाई. या फिर शिवराज सिंह की आप बीती जिसे हंसते हंसते दुनिया के सामने जस का तस उन्होंने रख दिया. क्या ये चार पारी तक एमपी में लगातार राज करने के बाद किनारे होने से मिल रहे तजुर्बों की बयानी तो नहीं है ?
'मुख्यमंत्री हैं तब तक आपके चरण भी कमल हैं'
भोपाल में ब्रम्हकुमारी संस्था के कार्यक्रम में शामिल हुए शिवराज के भाषण में बीजेपी के बैनर पोस्टर से उनकी तस्वीर गायब हो जाने की पीड़ा भी दर्ज हुई. शिवराज ने कहा कि राजनीति में तो ऐसा होता है कि आप जब तक मुख्यमंत्री हैं तब तक आपके चरण भी कमल हैं, बाद में तो होर्डिंग से फोटो भी ऐसे गायब हो जाते हैं जैसे गधे के सिर से सींग.
बैनर से फोटो गायब हुई तो क्या बोले शिवराज
अब इसे आप बीती मानें तो शिवराज ने बड़ी बेबाकी से कह दिया कि सारे जलवे सत्ता रहने तक ही हैं. मुख्यमंत्री रहते जिनके चरण भी कमल होते हैं सत्ता से उतरते ही यानी मुख्यमंत्री के पद से हटते ही उनके होर्डिंग से फोटो भी ऐसे गायब हो जाते हैं जैसे गधे के सिर से सींग. राजनीति के अवसरवाद को रेखांकित कर रहे शिवराज ने ये बयान भोपाल के नीलबड़ इलाके में एक कार्यक्रम में दिया. शिवराज ने कहा कि "जिंदगी में जब हम लक्ष्य तय करते हैं दूसरों के लिए काम करने का, तो जिंदगी आनंद से भर जाती है. मुझे अभी भी एक मिनट फुर्सत नहीं है. लगातार लगा हूं काम में. अच्छा ये हुआ कि अब राजनीति से हटके काम करने का थोड़ा समय मिल रहा है."
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शिवराज ने कहा कि "राजनीति में भी बहुत अच्छे कार्यकर्ता, समर्पित कार्यकर्ता, सेवा करने वाले लोग, मोदी जी जैसे नेता हैं जो देश के लिए जीते हैं. उन्होंने जोड़ा, लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो रंग देखते हैं. मुख्यमंत्री हैं तो भाईसाब आपके चरण तो कमल के समान हैं. कर कमल हो जाते हैं, चरण कमल हो जाते हैं और जब नहीं रहे तो होर्डिंग से फोटो ऐसे गायब होता है जैसे गधे के सिर से सींग. बड़ा मजेदार क्षेत्र है ये."
वीडियो वायरल...ऐसा क्यों बोले शिवराज
शिवराज का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और राजनीतिक हल्कों में इसके अर्थ निकाले जा रहे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता पीयूष बबेले ने तंज के लहजे में कहा है कि "शिवराज जी को सत्ता से छूटने के बाद ये ज्ञानप्राप्ति हुई है." शिवराज लगातार अपने बयानों से कभी अपनी ताकत, तो कभी अपनी पीड़ा का मुजाहिरा कर रहे हैं. सीहोर में उन्होंने ढोल ताशे बजाने को लेकर बयान दिया और कहा कि जो करना है करो मैं हूं और भोपाल में दर्द की बयानी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के पद से हट जाने के बाद दुनिया की नजरें किस तरह बदल जाती है.