भोपाल। शहर में पी डी एस दुकानों में हुए फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद खाद्य विभाग ने भोपाल में पदस्थ रहे खाद्य नियंत्रक समेत 15 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है, सस्पेंड होने वाले अफ़सरों में सहायक आपूर्ति अधिकारी और कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी शामिल हैं. जिन अफसरों को सस्पेंड किया गया है, उनमें भोपाल की जिला आपूर्ति नियंत्रक रही ज्योति शाह नरवरिया, सहायक आपूर्ति अधिकारी संतोष उइके, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी विनय सिंह, प्रताप सिंह, सत्यपाल सिंह जादोन, सहायक आपूर्ति अधिकारी दिनेश अहिरवार, एलएस गिल के अलावा जांच कार्य मे अनियमितता करने वाले संचालनालय के सहायक आपूर्ति अधिकारी अनिल तंतुवाय, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सौरभ जैन, सहायक संचालक अनिल तिवारी, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुरेश गुर्जर, सहायक आपूर्ति अधिकारी राजेश खरे, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी अंकित हंस, शरद पंचोली, आशीष तोमर शामिल हैं.(MP Food Department)
इन्हें सौंपी गई चार्टशीट: खाद्य विभाग के संचालक दीपक सक्सेना द्वारा जारी आदेश में इनके अलावा आपूर्ति अधिकारी राजगढ़ जसराम जाटव, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी संचालनालय मयंक चंदेल, सहायक आपूर्ति अधिकारी संचालनालय सय्यद परवेज नकवी, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी संचालनालय रामकन्या कच्छावा को चार्जशीट सौंपी गई है.(Bhopal District Supply Controller suspend)
घोटाला दबाने वाले संचालनालय के अफसरों पर भी एक्शन: इस पूरी जांच में खास बात यह रही कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत बांटे जाने वाले राशन की जांच के लिए संचालनालय स्तर के अफसरों की ड्यूटी लगाई गई, इन अफसरों ने भोपाल के फील्ड के अफसरों को बचाने के लिए जो रिपोर्ट सौंपी इसमें किसी तरह की अनियमितता नहीं होने की रिपोर्ट शामिल थी. इसके बाद क्रॉस चेकिंग का खुलासा हो गया और जांच रिपोर्ट में क्लीनचिट देने करप्शन दबाने के मामले में संचालनालय के अफ़सर भी निलंबित किए गए हैं.(MP Food Department suspends 15 officers)
राशन घोटला! हेरफेर के आरोप में घिरे खाद्यन्न संचालक, कार्रवाई के बाद FIR दर्ज
24 अफसरों ने की 70 दुकानों की जांच: राशन वितरण में फर्जीवाड़ा रुकवाने के लिए राज्य सरकार ने ऑनलाइन पीओएस मशीन लोगों के आधार लिंक और थंब इंप्रेशन को जरूरी किया लेकिन बावजूद इसके राजधानी भोपाल में गरीबों के अनाज की कालाबाजारी की शिकायतें की गई थी, साथ ही राशन चोरी की शिकायतें भी लगातार हो रही थी. इसके बाद संचालक दीपक सक्सेना ने पूरे शहर में 12 टीमें बनाकर 24 अफसरों को शहर की 70 दुकानों में पहुंचा कर जांच कराई थी.