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महिला मतदाताओं के लिए 5 हजार से ज्यादा पिंक बूथ, वोटिंग की कमान महिलाओं ने संभाली

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 17, 2023, 6:46 PM IST

मध्यप्रदेश में महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए पिंक बूथ बनाए गए. इन बूथ को बनाने का मकसद मतदान प्रतिशत बढ़ाना भी था.साथ ही इन पिंक पोलिंग बूथों पर वोटिंग की जिम्मेदारी महिलाओं को ही सौंपी गई. यहां कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक महिलाएं ही थीं.

MP Elections 2023
प्रदेश में ऐसे 5150 पिंक बूथ बनाए गए
महिला मतदाताओं के लिए पिंक बूथ

भोपाल। मध्यप्रदेश में महिला मतदाताओं को लुभाने और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए पिंक बूथ बनाए गए. इन पिंक बूथ पर चुनाव कराने से लेकर सुरक्षा तक की पूरी कमान महिला कर्मचारी अधिकारियों ने ही संभाली. हालांकि इस बूथ पर महिला और पुरुष दोनों के लिए मतदान की व्यवस्था की गई थी लेकिन महिलाओं के लिए ही प्राथमिकता थी. प्रदेश भर में ऐसे करीब 5150 पिंक बूथ बनाए गए.
5150 पिंक बूथ बनाए गए: प्रदेश भर में इस बार अलग से पिंक बूथ बनाए गए. इन पिंक बूथों की संख्या 5 हजार 150 है. इन पिंक बूथों पर पीठासीन अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक महिलाएं ही तैनात की गई.यानि मतदान की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं ने ही संभाली.

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2018 में कितना सफल हुआ था यह प्रयोग: पिछले विधानसभा चुनाव यानि 2018 की बात करें तो महिलाओं के लिए अलग से पिंक बूथ बनाने का प्रयोग सफल रहा था. और 2013 के मुकाबले चुनाव में इन पिंक बूथों पर मतदान प्रतिशत बढ़ा था. वहीं महिला और पुरुष के मतदान प्रतिशत में भी ज्यादा अंतर नहीं था.कहा जाए तो यह प्रयोग सफल होने पर इस चुनाव में भी लागू किया जा रहा है और देखने में आया है कि इन पिंक बूथों पर बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची.

प्रदेश में 64 हजार मतदान केन्द्र: मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटों में 64 हजार 523 मतदान केन्द्र बनाए गए. इन मतदान केन्द्रों पर 5 करोड़ 60 लाख से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर रहे हैं. इनमें महिला मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 72 लाख जबकि प्रदेश में पुरूष मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 88 लाख है. महिलाओं को मतदान में प्राथमिकता दी जा रही है.

महिला मतदाताओं के लिए पिंक बूथ

भोपाल। मध्यप्रदेश में महिला मतदाताओं को लुभाने और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए पिंक बूथ बनाए गए. इन पिंक बूथ पर चुनाव कराने से लेकर सुरक्षा तक की पूरी कमान महिला कर्मचारी अधिकारियों ने ही संभाली. हालांकि इस बूथ पर महिला और पुरुष दोनों के लिए मतदान की व्यवस्था की गई थी लेकिन महिलाओं के लिए ही प्राथमिकता थी. प्रदेश भर में ऐसे करीब 5150 पिंक बूथ बनाए गए.
5150 पिंक बूथ बनाए गए: प्रदेश भर में इस बार अलग से पिंक बूथ बनाए गए. इन पिंक बूथों की संख्या 5 हजार 150 है. इन पिंक बूथों पर पीठासीन अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक महिलाएं ही तैनात की गई.यानि मतदान की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं ने ही संभाली.

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2018 में कितना सफल हुआ था यह प्रयोग: पिछले विधानसभा चुनाव यानि 2018 की बात करें तो महिलाओं के लिए अलग से पिंक बूथ बनाने का प्रयोग सफल रहा था. और 2013 के मुकाबले चुनाव में इन पिंक बूथों पर मतदान प्रतिशत बढ़ा था. वहीं महिला और पुरुष के मतदान प्रतिशत में भी ज्यादा अंतर नहीं था.कहा जाए तो यह प्रयोग सफल होने पर इस चुनाव में भी लागू किया जा रहा है और देखने में आया है कि इन पिंक बूथों पर बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची.

प्रदेश में 64 हजार मतदान केन्द्र: मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटों में 64 हजार 523 मतदान केन्द्र बनाए गए. इन मतदान केन्द्रों पर 5 करोड़ 60 लाख से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर रहे हैं. इनमें महिला मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 72 लाख जबकि प्रदेश में पुरूष मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 88 लाख है. महिलाओं को मतदान में प्राथमिकता दी जा रही है.

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