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MP Election 2023: शिवराज ने सिर्फ बहनों से क्यों पूछा कैसी सरकार चला रहा हूं...क्या लाड़ली बहन-बेटियां ही बनवाएंगी एमपी में सरकार... - एमपी में महिला वोटर बनवाएंगी भाजपा की सरकार

MP Election Women Voter: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बहनें क्यों लाड़ली हो गई हैं. शायद इसकी वजह उनका वोटिंग प्रतिशत है, क्योंकि एमपी में मतदाताओं का आंकड़ा देखें तो दो करोड़ 72 लाख महिला वोटरों की तादात पहुंच चुकी है. खास बात ये भी है कि 230 विधानसभा सीटों में 29 सीटें ऐसी हैं जहां महिला वोटर ही किंग मेकर हैं. इसीलिए महिलाएं लाड़ली बेटी भी हैं बहना भी.

MP Election Women Voter
एमपी चुनाव में महिला वोटर
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 4, 2023, 6:25 PM IST

Updated : Oct 4, 2023, 6:51 PM IST

एमपी चुनाव में महिला वोटर

भोपाल। बुरहानपुर में जिस समय सीएम शिवराज सिंह चौहान सिंगल क्लिक से प्रदेश की 1.31 करोड़ बहनों के खाते में 1,597 करोड़ की राशि ट्रांसफर कर रहे थे. ठीक उसी समय बड़वानी जिले के सेंधवा में सड़क नहीं होने से एक महिला समय से अस्पताल नहीं पहुंच पाई और उसकी मौत हो गई. बुरहानपुर का आयोजन और बड़वानी की घटना बेशक दोनों अलग हैं, लेकिन महिला वोटर पर फोकस हो चुके 2023 के एमपी के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ये आईना है कि मुद्दे क्या हैं....और माहौल क्या बना रहे हैं सियासी दल. एमपी में महिला वोटर की तादात 2 करोड़ 72 लाख पर पहुंच गई है. 29 विधानसभा सीटों पर तो महिला वोटर ही किंग मेकर हैं. (MP BJP Focus on Women Voter)

2023 में एमपी में बहन-बेटियां बनाएंगी सरकार: 1956 से अस्तित्व में आए एमपी में कब ऐसा हुआ कि चुनाव से पहले इस तरह से महिलाओं के लिए सौगातों की झड़ी लगी हो. ये पहला चुनाव है कि आचार संहिता लगने के ठीक पहले तक बीजेपी सरकार आधी आबादी को पूरा खुश करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही. महिला आरक्षण का फैसला भी इन्ही में से है. अब एमपी में सीधी भर्ती वाले पदों में महिलाओं के लिए 35 फीसदी आरक्षण होगा. इसके लिए एमपी की सिविल सेवा नियम 1997 में संशोधन किया गया है.

पीएम मोदी से सीएम शिवराज तक महिला वोटर पर फोकस: पीएम मोदी से लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान तक 2023 के विधानसभा चुनाव में यूं लग रहा है कि प्रदेश में केवल महिला आबादी ही है. आठ दिन के भीतर दो बार एमपी के दौरे पर आए पीएम मोदी के भाषण का अहम हिस्सा महिला मतदाताओं को संबोधित करते हुए था. उज्जवला योजना से लेकर महिलाओं को प्रॉपर्टी में अधिकार दिलाने, शौचालय बनवाने तक पीएम मोदी ने हर उस योजना का ज़िक्र किया जिसे सरकार ने महिलाओं की जिंदगी बदलने का दावा करने वाली योजना की तरह पेश किया था. पीएम मोदी ये बताते रहे कि कैसे बीजेपी की ही सरकार है जिसने पंचायत से लेकर संसद तक महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का प्रयास किया.

ये भी पढ़ें:

बहनों से पूछते शिवराज ....मैं कैसी सरकार चला रहा हूं : लाड़ली लक्ष्मी योजना के साथ 2008 में एमपी की राजनीति में पैर जमाने वाले सीएम शिवराज ये मान रहे हैं कि 2023 के चुनाव में लाड़ली बहना गेमचेंजर हो जाएंगी. बहनों के पांव पखारने वाले भैय्या शिवराज कार्यक्रमों में उन्हें गले लगाते हैं. भावुक हो जाते हैं, महिलाओं से पूछते हैं जब चला जाऊंगा तब बहुत याद आऊंगा. पूरे प्रदेश में बीजेपी महिला वोटर पर फोकस करके ही अपना इलेक्शन कैम्पेन प्लान किए हुए है. शिवराज सरकार की उन्हीं योजनाओं का प्रचार ज्यादा है जिसमें युवा से वृध्द जन तक महिला वोटर प्रभावित हुई हैं. बुरहानपुर पहुंचे शिवराज ने बहनों से पूछा कि मैं कैसी सरकार चला रहा हूं.

2023 में बहन क्यों हुईं लाड़ली: तो क्या 2023 के विधानसभा चुनाव से लेकर 2024 के आम चुनाव तक बीजेपी परिवार की धूरी महिला के बूते ही चुनावी जमावट की तैयारी कर चुकी है. क्या वजह केवल उसका वोटिंग प्रतिशत है, या ये भरोसा है कि महिला के सहारे पूरे परिवार का भरोसा जीता जा सकता है. एमपी में मतदाताओं का आंकड़ा देखें तो एमपी में दो करोड़ 72 लाख महिला वोटर की तादात पहुंच चुकी है. खास बात ये भी है कि 230 विधानसभा सीटों में 29 सीटें ऐसी हैं जहां महिला वोटर ही किंग मेकर हैं. क्या इसीलिए महिलाएं लाड़ली बेटी भी हैं बहना भी.

एमपी चुनाव में महिला वोटर

भोपाल। बुरहानपुर में जिस समय सीएम शिवराज सिंह चौहान सिंगल क्लिक से प्रदेश की 1.31 करोड़ बहनों के खाते में 1,597 करोड़ की राशि ट्रांसफर कर रहे थे. ठीक उसी समय बड़वानी जिले के सेंधवा में सड़क नहीं होने से एक महिला समय से अस्पताल नहीं पहुंच पाई और उसकी मौत हो गई. बुरहानपुर का आयोजन और बड़वानी की घटना बेशक दोनों अलग हैं, लेकिन महिला वोटर पर फोकस हो चुके 2023 के एमपी के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ये आईना है कि मुद्दे क्या हैं....और माहौल क्या बना रहे हैं सियासी दल. एमपी में महिला वोटर की तादात 2 करोड़ 72 लाख पर पहुंच गई है. 29 विधानसभा सीटों पर तो महिला वोटर ही किंग मेकर हैं. (MP BJP Focus on Women Voter)

2023 में एमपी में बहन-बेटियां बनाएंगी सरकार: 1956 से अस्तित्व में आए एमपी में कब ऐसा हुआ कि चुनाव से पहले इस तरह से महिलाओं के लिए सौगातों की झड़ी लगी हो. ये पहला चुनाव है कि आचार संहिता लगने के ठीक पहले तक बीजेपी सरकार आधी आबादी को पूरा खुश करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही. महिला आरक्षण का फैसला भी इन्ही में से है. अब एमपी में सीधी भर्ती वाले पदों में महिलाओं के लिए 35 फीसदी आरक्षण होगा. इसके लिए एमपी की सिविल सेवा नियम 1997 में संशोधन किया गया है.

पीएम मोदी से सीएम शिवराज तक महिला वोटर पर फोकस: पीएम मोदी से लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान तक 2023 के विधानसभा चुनाव में यूं लग रहा है कि प्रदेश में केवल महिला आबादी ही है. आठ दिन के भीतर दो बार एमपी के दौरे पर आए पीएम मोदी के भाषण का अहम हिस्सा महिला मतदाताओं को संबोधित करते हुए था. उज्जवला योजना से लेकर महिलाओं को प्रॉपर्टी में अधिकार दिलाने, शौचालय बनवाने तक पीएम मोदी ने हर उस योजना का ज़िक्र किया जिसे सरकार ने महिलाओं की जिंदगी बदलने का दावा करने वाली योजना की तरह पेश किया था. पीएम मोदी ये बताते रहे कि कैसे बीजेपी की ही सरकार है जिसने पंचायत से लेकर संसद तक महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का प्रयास किया.

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बहनों से पूछते शिवराज ....मैं कैसी सरकार चला रहा हूं : लाड़ली लक्ष्मी योजना के साथ 2008 में एमपी की राजनीति में पैर जमाने वाले सीएम शिवराज ये मान रहे हैं कि 2023 के चुनाव में लाड़ली बहना गेमचेंजर हो जाएंगी. बहनों के पांव पखारने वाले भैय्या शिवराज कार्यक्रमों में उन्हें गले लगाते हैं. भावुक हो जाते हैं, महिलाओं से पूछते हैं जब चला जाऊंगा तब बहुत याद आऊंगा. पूरे प्रदेश में बीजेपी महिला वोटर पर फोकस करके ही अपना इलेक्शन कैम्पेन प्लान किए हुए है. शिवराज सरकार की उन्हीं योजनाओं का प्रचार ज्यादा है जिसमें युवा से वृध्द जन तक महिला वोटर प्रभावित हुई हैं. बुरहानपुर पहुंचे शिवराज ने बहनों से पूछा कि मैं कैसी सरकार चला रहा हूं.

2023 में बहन क्यों हुईं लाड़ली: तो क्या 2023 के विधानसभा चुनाव से लेकर 2024 के आम चुनाव तक बीजेपी परिवार की धूरी महिला के बूते ही चुनावी जमावट की तैयारी कर चुकी है. क्या वजह केवल उसका वोटिंग प्रतिशत है, या ये भरोसा है कि महिला के सहारे पूरे परिवार का भरोसा जीता जा सकता है. एमपी में मतदाताओं का आंकड़ा देखें तो एमपी में दो करोड़ 72 लाख महिला वोटर की तादात पहुंच चुकी है. खास बात ये भी है कि 230 विधानसभा सीटों में 29 सीटें ऐसी हैं जहां महिला वोटर ही किंग मेकर हैं. क्या इसीलिए महिलाएं लाड़ली बेटी भी हैं बहना भी.

Last Updated : Oct 4, 2023, 6:51 PM IST
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