भोपाल। कांग्रेस ने लंबी जद्दोजहद के बाद बीजेपी से टक्कर देने के लिए प्रत्याशियों को मैदान उतारा है. कद्दावर मंत्री नरोत्तम मिश्रा के सामने कांग्रेस ने ब्राह्मण चेहरा सामने उतारा है. 1985 से संघ के स्वयंसेवक एवं 1993 से भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवाएं देने के बाद वरिष्ठ नेता एवं मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व उपाध्यक्ष अवधेश नायक ने भाजपा छोड़ दी. 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान पुनः अवधेश नायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. तभी से वह पार्टी की सेवा में जुट गए. साल 2018 के चुनाव में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से अवधेश के मतभेद पैदा हो गए. अवधेश की गृह मंत्री से पटरी नहीं बैठी.
कमलनाथ के सर्वे पर मिले टिकट : वहीं, अटेर से कांग्रेस ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे के बेटे हेमंत को उतारा है, जोकि मंत्री अरविंद भदोरिया से लड़ेंगे. हालांकि 2018 में अरविंद भदोरिया ने हेमंत को हरा दिया था. डबरा से पूर्व मंत्री इमरती देवी के सामने कांग्रेस में सुरेश राजे को मैदान में उतारा है. सुरेश राजे ने इमरती देवी को हराया था. इमरती देवी ही सुरेश को कांग्रेस में लाई थीं. वह इमरती के रिश्ते में समधी लगते हैं. इस बार कांग्रेस ने टिकट में कोई नया फॉर्मूला नहीं अपनाया. लेकिन टिकट देने में कमलनाथ और पार्टी के सर्वे को प्राथमिकता मिली है.
ये खबरें भी पढ़ें... |
बीजेपी ने तंज कसा : बीजेपी प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने तंज कसते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह ने असहयोग के नाम पर खेला किया है. नए नवेले, आयातित, पैराशूट लीडर को जगह दी गई है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता जैसे सुरेश पचौरी टारगेट पर हैं. कमलनाथ साबित हुए रबर स्टांप प्रेसीडेंट. कांग्रेस ने पहली सूची जारी करने के साथ ही भोपाल में उत्तर, दक्षिण-पश्चिम, सागर, बीना, होशंगाबाद, पानसेमल और कुरवाई सहित कई सीटें होल्ड कर दी हैं. कुछ सीटों पर दोनों ही पार्टी 'तू डाल-डाल में पात-पात' वाली रणनीति पर हैं. भोपाल दक्षिण पश्चिम सीट पर कब्जा बरकरार रखने कांग्रेस मौजूदा विधायक पीसी शर्मा और दावेदार संजीव सक्सेना के बीच सुलह की कोशिश की जा रही है. सागर में परिवार और जातिगत समीकरण साधने की रणनीति है.