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चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की शिकायत,मांग पूरी नहीं होने पर जाएंगे कोर्ट - वोटिंग नहीं कराने पर कोर्ट जाएगी कांग्रेस

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुछ सरकारी कर्मचारियों की आनन-फानन में ड्यूटी लगाए जाने से उन्हें मतदान का मौका नहीं मिला. ऐसे कर्मचारियों के मामले को लेकर कांग्रेस कमेटी के एक दल ने निर्वाचन आयोग से शिकायत की है. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के साथ कांग्रेस कमेटी के सदस्यों का कहना है कि यदि कर्मचारियों की वोटिंग नहीं कराई तो वह कोर्ट जाएगी.

MP Election 2023
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की मांग
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 18, 2023, 8:26 PM IST

Updated : Nov 18, 2023, 8:44 PM IST

सज्जन सिंह वर्मा,पूर्व मंत्री

भोपाल। एमपी विधानसभा के लिए हुए मतदान के बाद शिकायतों का सिलसिला शुरू हो गया है. कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की अगुवाई में चुनाव आयुक्त से मिलने पहुंचा. प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से दो मांगों के समाधान की मांग की है.

क्या है मांग: इसमें मुख्य मांग है कि प्रदेश में कई कर्मचारियों को अचानक चुनाव ड्यूटी में लगाया गया जिसके चलते वह अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सके. ऐसे में काउंटिंग से पहले उन्हें वोट देने का मौका दिया जाना चाहिए और दूसरा स्ट्रांग रूम में लगे कैमरों का लिंक उम्मीदवार को दिया जाय जिससे वहां जो कार्यकर्ता ड्यूटी करता है उसे राहत मिल सके. चुनाव आयोग ने इसके लिए उन्हें आश्वासन दिया है.

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पोस्टल बैलेट से मतदान की अनुमति दें: शिकायत को लेकर सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि हमने निर्वाचन आयोग से गुजारिश की है कि वह उन कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान कराने की अनुमति प्रदान करें जो अपने मतदान वंचित हुए हैं. वह पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान कर सकें. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस कमेटी के दल ने एक और मांग की है स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम मशीनों की निगरानी कर रहे सीसीटीवी कैमरे की लिंक प्रत्याशी को दी जाए जिससे वह ईवीएम पर नजर रख सकें.

जरूरी है कर्मचारियों का वोट: दरअसल कई कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया था उनके मताधिकार के उपयोग करने के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई. साथ ही जहां उन्हें मतदान करना था वहां से दूसरी जगह चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया. हजारों की संख्या में ऐसे कर्मचारियों की जानकारी प्राप्त हुई है कि जिन्हें पोस्टल वोट उपलब्ध ही नहीं कराए गए. प्रदेश में हजारों की संख्या में अतिथि शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी पर तैनात किया गया उन्हें भी पोस्टल वोट नहीं देकर मतदान से वंचित किया गया.

समाधान नहीं होने पर जाएंगे कोर्ट: शासकीय कर्मचारी हजारों की संख्या में चुनाव ड्यूटी में तैनात होने के कारण अपने अपने मतदान केन्द्रों पर मतदान करने नहीं पहुंच सके और उन्हें पोस्टल वोट के जरिए मतदान करने का विकल्प भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि यदि चुनाव आयोग ने इस संबंध में कोई जल्दी ही निर्णय नहीं लिया तो कांग्रेस कमेटी कोर्ट जा सकती है.

सज्जन सिंह वर्मा,पूर्व मंत्री

भोपाल। एमपी विधानसभा के लिए हुए मतदान के बाद शिकायतों का सिलसिला शुरू हो गया है. कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की अगुवाई में चुनाव आयुक्त से मिलने पहुंचा. प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से दो मांगों के समाधान की मांग की है.

क्या है मांग: इसमें मुख्य मांग है कि प्रदेश में कई कर्मचारियों को अचानक चुनाव ड्यूटी में लगाया गया जिसके चलते वह अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सके. ऐसे में काउंटिंग से पहले उन्हें वोट देने का मौका दिया जाना चाहिए और दूसरा स्ट्रांग रूम में लगे कैमरों का लिंक उम्मीदवार को दिया जाय जिससे वहां जो कार्यकर्ता ड्यूटी करता है उसे राहत मिल सके. चुनाव आयोग ने इसके लिए उन्हें आश्वासन दिया है.

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पोस्टल बैलेट से मतदान की अनुमति दें: शिकायत को लेकर सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि हमने निर्वाचन आयोग से गुजारिश की है कि वह उन कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान कराने की अनुमति प्रदान करें जो अपने मतदान वंचित हुए हैं. वह पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान कर सकें. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस कमेटी के दल ने एक और मांग की है स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम मशीनों की निगरानी कर रहे सीसीटीवी कैमरे की लिंक प्रत्याशी को दी जाए जिससे वह ईवीएम पर नजर रख सकें.

जरूरी है कर्मचारियों का वोट: दरअसल कई कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया था उनके मताधिकार के उपयोग करने के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई. साथ ही जहां उन्हें मतदान करना था वहां से दूसरी जगह चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया. हजारों की संख्या में ऐसे कर्मचारियों की जानकारी प्राप्त हुई है कि जिन्हें पोस्टल वोट उपलब्ध ही नहीं कराए गए. प्रदेश में हजारों की संख्या में अतिथि शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी पर तैनात किया गया उन्हें भी पोस्टल वोट नहीं देकर मतदान से वंचित किया गया.

समाधान नहीं होने पर जाएंगे कोर्ट: शासकीय कर्मचारी हजारों की संख्या में चुनाव ड्यूटी में तैनात होने के कारण अपने अपने मतदान केन्द्रों पर मतदान करने नहीं पहुंच सके और उन्हें पोस्टल वोट के जरिए मतदान करने का विकल्प भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि यदि चुनाव आयोग ने इस संबंध में कोई जल्दी ही निर्णय नहीं लिया तो कांग्रेस कमेटी कोर्ट जा सकती है.

Last Updated : Nov 18, 2023, 8:44 PM IST
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