भोपाल। मध्यप्रदेश दुग्ध उत्पादन के मामले में देश में तीसरा सबसे बड़ा राज्य है. इसको देखते हुए पहले पायदान तक पहुंचने के लिए प्रदेश सरकार कई कदम उठा रही है. खासतौर से गायों की नस्ल सुधारने के जोर-शोर से उपाए किए जा रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में 2020-21 में दुग्ध उत्पादन में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. साल 2019-20 में प्रदेश में 171.09 लाख लीटर दुग्ध उत्पादन होता था, जो साल 2020-21 में 179.99 लाख लीटर हो गया. रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में भैंसों से 46 फीसदी दूध उत्पादन हो रहा है जबकि गायों से 36 फीसदी दूध मिल रहा है.
अंडा, मांस दूध पर भारी: मध्यप्रदेश में दूध का उत्पादन भले ही 5 फीसदी बढ़ गया हो लेकिन अंडा और मांस से पिछड़ गया है. आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि राज्य में साल 2019-20 में अंडा उत्पादन 23,794 लाख हुआ, जो साल 2020-21 में बढ़कर 26,156 लाख हो गया यानी इस एक साल में अंडे के उत्पादन में 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसी प्रकार मांस उत्पादन भी बढ़ा है. मध्यप्रदेश में मांस का उत्पादन साल 2019-20 में 1065 हजार टन था, जो साल 2020-21 में बढ़कर 116.34 हजार टन हो गया यानी इस एक साल में मांस के उत्पादन में 9 फीसदी वृद्धि हुई है.
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कांग्रेस ने कहा- बीजेपी सरकार में शराब और मांस का उत्पादन ही बढ़ा: आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में अंडा और मांस उत्पादन बढ़ने पर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने आरोप लगाया है कि सरकार के सभी वर्गों के विकास के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. सरकार का ध्यान दूध उत्पादन बढ़ाने से ज्यादा मांस-मदिरा बढ़ाने पर ही है. ऐसे दावों की हकीकत आर्थिक सर्वेक्षण से सामने आ गई है.