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MP Doctors Strike: सीएम शिवराज को डॉक्टर्स की आखिरी चेतावनी, 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल - mp news

एमपी के डॉक्टर्स नें विभिन्न मांगो को लेकर 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जानें का ऐलान कर दिया है. इससे पहले चिकित्सकों नें पूरे प्रदेश भर में 5500 KM की यात्रा की जिसमें प्रदेश भर के डॉक्टर्स, मेडिकल टीचर और मेडिकल लाइन से जुड़े छात्र और नर्सेज का साथ मिला.

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एमपी के डॉक्टर 17 फरवरी से हड़ताल पर
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Published : Feb 7, 2023, 4:50 PM IST

एमपी के डॉक्टर्स ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जानें की चेतावनी

भोपाल। 17 फरवरी से मध्य प्रदेश के डॉक्टर्स नें काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है. मंगलवार 7 फरवरी को भोपाल में 'चिकित्सा बचाओ, चिकित्सक बचाओ' यात्रा का समापन हुआ. जिसके बाद यह ये फैसला लिया गया. DACP लागू करने, पुरानी पेंशन बहाली, मेडिकल वर्क में अधिकारियों की दखलंदाजी जैसे मांगो को लेकर ये सभी डॉक्टर आंदोलन पर हैं. अब ये 17 तारीख से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला ले चुके है.

काली पट्टी बांधकर विरोध: मध्य प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ के अध्यक्ष डॉ. माधव हसानी का कहना है कि मध्य प्रदेश में कई समय से चिकित्सकों का प्रमोशन रुका है कई वेतन विसंगतियां भी हैं जिसको लेकर सरकार को बार-बार अवगत कराया जा चुका है लेकिन इसके बाद भी सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही. ऐसे में 15 तारीख से काली पट्टी बांधकर विरोध जताया जाएगा और 17 तारीख तक अगर उनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में हड़ताल होगी जो अनिश्चितकालीन रहेगी.

महासंघ बनाकर आंदोलन की तैयारी: डॉक्टर्स की इस यात्रा में 7 मेडिकल एसोसिएशन ने मिलकर महासंघ बनाया है. जिसमें मेडिकल टीचर, चिकित्सा शिक्षा अधिकारी, चिकित्सा शिक्षक कर्मचारी अधिकारी संघ व अन्य डॉक्टर और नर्स भी जुड़े हुए हैं. जिसके बैनर तले ये आंदोलन हो रहा है. इस संघ के संयोजक डॉ. राकेश मालवीय का कहना है कि हमने सभी डॉक्टर्स को एकजुट कर लिया है और सरकार से भी बार-बार अपनी मांग रख दी है ऐसे में अंतिम फैसला अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय शिवराज सिंह चौहान को करना है.

चुनावी साल में हड़ताल की बहार! अवकाश पर स्कील्ड टीचर्स, आशा कार्यकर्ताओ का अल्टीमेटम

दर्जनों मेडिकल कालेज जुड़ें: यात्रा 27 जनवरी 2023 को ग्वालियर से आरंभ हुई थी. जो मध्यप्रदेश के मुरैना, अम्बाह, भिंड, दतिया, शिवपुरी, ओरछा, निवारी, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, कटनी, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, रतलाम, मंदसौर, उज्जैन, शाजापुर, देवास, इंदौर, ब्यावरा, विदिशा, सागर, दमोह, रायसेन होते हुए मध्य प्रदेश के 38 जिलों के सीएचसी, पीएचसी,जिला अस्पतलों एवं 13 मेडिकल कॉलेजों से गुजरते हुए 7 फरवरी को भोपाल में समापन हुआ.

MP News: संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल खत्म, 1 माह में मांगें पूरी नहीं हुईं तो फिर आंदोलन

5500 KM की यात्रा: चिकित्सा शिक्षा संघ के अविनाश ठाकुर ने बताया कि ग्वालियर से शुरू हुई यह यात्रा का भोपाल में मंगलवार को समापन हुआ. इसमें लगभग 5 हजार 5 सौ किलोमीटर चल चुके होंगे. ठाकुर ने बताया कि इस दौरान जगह-जगह सभी डॉक्टर्स, मेडिकल टीचर और मेडिकल लाइन से जुड़े छात्र और नर्सेज का भी काफी समर्थन मिला है. सभी हमारे साथ हैं. हमारी इस रैली और यात्राओं में भी बड़ी संख्या में चिकित्सक जुड़ रहे हैं. 8 से 10 हज़ार तक डॉक्टर्स महासंघ में शामिल हो चुके है. हमारा उद्देश्य सिर्फ सभी को एकजुट करना है.

एमपी के डॉक्टर्स ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जानें की चेतावनी

भोपाल। 17 फरवरी से मध्य प्रदेश के डॉक्टर्स नें काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है. मंगलवार 7 फरवरी को भोपाल में 'चिकित्सा बचाओ, चिकित्सक बचाओ' यात्रा का समापन हुआ. जिसके बाद यह ये फैसला लिया गया. DACP लागू करने, पुरानी पेंशन बहाली, मेडिकल वर्क में अधिकारियों की दखलंदाजी जैसे मांगो को लेकर ये सभी डॉक्टर आंदोलन पर हैं. अब ये 17 तारीख से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला ले चुके है.

काली पट्टी बांधकर विरोध: मध्य प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ के अध्यक्ष डॉ. माधव हसानी का कहना है कि मध्य प्रदेश में कई समय से चिकित्सकों का प्रमोशन रुका है कई वेतन विसंगतियां भी हैं जिसको लेकर सरकार को बार-बार अवगत कराया जा चुका है लेकिन इसके बाद भी सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही. ऐसे में 15 तारीख से काली पट्टी बांधकर विरोध जताया जाएगा और 17 तारीख तक अगर उनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में हड़ताल होगी जो अनिश्चितकालीन रहेगी.

महासंघ बनाकर आंदोलन की तैयारी: डॉक्टर्स की इस यात्रा में 7 मेडिकल एसोसिएशन ने मिलकर महासंघ बनाया है. जिसमें मेडिकल टीचर, चिकित्सा शिक्षा अधिकारी, चिकित्सा शिक्षक कर्मचारी अधिकारी संघ व अन्य डॉक्टर और नर्स भी जुड़े हुए हैं. जिसके बैनर तले ये आंदोलन हो रहा है. इस संघ के संयोजक डॉ. राकेश मालवीय का कहना है कि हमने सभी डॉक्टर्स को एकजुट कर लिया है और सरकार से भी बार-बार अपनी मांग रख दी है ऐसे में अंतिम फैसला अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय शिवराज सिंह चौहान को करना है.

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दर्जनों मेडिकल कालेज जुड़ें: यात्रा 27 जनवरी 2023 को ग्वालियर से आरंभ हुई थी. जो मध्यप्रदेश के मुरैना, अम्बाह, भिंड, दतिया, शिवपुरी, ओरछा, निवारी, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, कटनी, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, रतलाम, मंदसौर, उज्जैन, शाजापुर, देवास, इंदौर, ब्यावरा, विदिशा, सागर, दमोह, रायसेन होते हुए मध्य प्रदेश के 38 जिलों के सीएचसी, पीएचसी,जिला अस्पतलों एवं 13 मेडिकल कॉलेजों से गुजरते हुए 7 फरवरी को भोपाल में समापन हुआ.

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5500 KM की यात्रा: चिकित्सा शिक्षा संघ के अविनाश ठाकुर ने बताया कि ग्वालियर से शुरू हुई यह यात्रा का भोपाल में मंगलवार को समापन हुआ. इसमें लगभग 5 हजार 5 सौ किलोमीटर चल चुके होंगे. ठाकुर ने बताया कि इस दौरान जगह-जगह सभी डॉक्टर्स, मेडिकल टीचर और मेडिकल लाइन से जुड़े छात्र और नर्सेज का भी काफी समर्थन मिला है. सभी हमारे साथ हैं. हमारी इस रैली और यात्राओं में भी बड़ी संख्या में चिकित्सक जुड़ रहे हैं. 8 से 10 हज़ार तक डॉक्टर्स महासंघ में शामिल हो चुके है. हमारा उद्देश्य सिर्फ सभी को एकजुट करना है.

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