भोपाल। सरकार आ जाने दो फिर बताएंगे, अभी तक ये जुमला सियासी दल एक दूसरी की पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा करते थे, लेकिन अब हिसाब किताब बराबर करने के इस दायरे में अफसर भी आ रहे हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव से अफसरों को देख लेने की धमकी दे रहे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अब तक कमलछाप अफसरों को देख लेने की ही धमकी दे रहे थे, लेकिन अब उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अत्याचार प्रतिरोध समिति को बाकायदा ये जवाबदारी सौंप दी है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लगे मुकदमें निपटाने में लगी ये समिति कमल छाप अफसरों की भी सूची तैयार करेगी. कांग्रेस की जुबान में उन अफसरों की जिन्होंने बीजेपी सरकार के निशाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार किया और उन पर झूठे मुकदमे थोपे हैं.
कांग्रेस पर अत्याचार दतिया-सागर टॉप पर: कांग्रेस में पहली बार राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में अत्याचार प्रतिरोध समिति का गठन हुआ है. ये समिति मुकदमें में फंसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को विधिजक सहायता देकर उन्हें मामलों से बरी तो कराएगी ही. चुनाव के बाद ही तैयारियों के मद्देनजर भी इस समिति को कई जवाबदारियां सौंपी गई हैं. 2023 में सत्ता में फिर वापसी के आत्मविश्वास के साथ इस समिति को ये जानकारी जुटाने का टास्क सौंपा गया है कि एमपी के वो कौन से टॉप टेन जिले हैं, जहां सबसे ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर अत्याचार हुए. इनकी लिस्टिंग शुरु भी हो गई है. इनमें सागर और दतिया जिले टॉप पर हैं. सागर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हुए अत्याचार के मामले देखने खुद दिग्विजय सिंह सागर पहुंच रहे हैं. जानकारी के मुताबिक दिग्विजय सिंह के साथ विधिक विशेषज्ञों का एक दल भी सागर जाएगा जो कार्यकर्ताओं पर लगे मुकदमें का निपटारा करेगा. दिग्विजय सिंह पीड़ित कांग्रेस कार्यकर्ताओं के घर जाकर उनके परिवारजनों से मुलाकात करेंगे. तो वहीं शशांक शेखर के नेतृत्व में जा रही अधिवक्ताओं की टीम कांग्रेस के पीड़ित कार्यकर्ताओं को हरसंभव कानूनी मदद उपलब्ध कराने के लिए प्रक्रिया शुरु कर देगी. कांग्रेस का आरोप है कि सागर जिले में सरकार के एक मंत्री के इशारे पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगातार निशाना बना रहे हैं.
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अब कमलछाप अफसरों की भी बन रही सूची: कांग्रेस में अब ऐसे अफसरों की सूची भी तैयार की जा रही है, जिन अफसरों ने खास तौर पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को टारगेट बनाया है. ऐसे जिला कलेक्टरों की भी सूची पार्टी में तैयार की जा रही है. जिनके जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर मुकदमें ज्यादा हुए. या अलग अलग वजहों से उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. कमलनाथ 2018 के विधानसभा चुनाव से लगातार कमलछाप अफसरों को लेकर बयान देते रहे हैं. और तारीख का हवाला देकर कहते रहे हैं कि अफसर ये याद रखें कि आज के बाद कल भी आता है. कांग्रेस मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा का कहना है कि इस बार कांग्रेस में बाकायदा ऐसे अफसरों की सूची भी तैयार की जा रही है, जिन्होंने अपने अधिकार और भूमिका का गलत इस्तेमाल करके कांग्रेस कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमें में फंसाया और उन पर कार्रवाई की है. ऐसे जिलों की भी सूची तैयार है. दतिया और सागर जिले इसमें टॉप टू में है. बाकी कमल छाप अफसरों की भी लिस्ट बनाई जा रही है.