भोपाल। पीएम की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत में एमपी में जमकर गड़बड़ी हुई है. कांग्रेस ने आयुष्मान भारत योजना में मध्यप्रदेश में साढ़े 5 सौ करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा और प्रवक्ता अमिताभ अग्निहोत्री ने आरोप लगाया है कि भ्रष्टाचार के चलते प्रदेश में योजना में रजिस्टर्ड 627 अस्पतालों में से 422 अस्पतालों को निलंबित कर दिया गया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार इस भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने में जुटी रही. यहां तक कि सरकार ने सदन में भी इसकी गलत जानकारी दी है. भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने के स्थान पर सरकार ने मलाईदार पोस्टिंग देकर उपकृत किया.
सरकार दे रही भ्रष्टाचार को संरक्षण: कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार ने कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के सवाल के जवाब में बताया था कि आयुष्मान भारत योजना में 20 मार्च 2020 से 20 दिसंबर 2022 के दौरान 51 जिलों में 5 लाख 16 हजार 589 मरीजों का इलाज किया और इस पर 16 अरब 10 करोड़ 32 लाख रुपए खर्च किए गए. इसमें सरकार ने स्वीकार किया कि 154 आयुष्मान हॉस्पिटल्स में अनियमितता की गई, जिस पर कार्रवाई की गई, लेकिन सरकार ने सिर्फ एक ही हॉस्पिटल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. बाकियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. सरकार ने विधानसभा में अधूरी जानकारी पेष की थी. विभाग की वेबसाइट पर ऐसे हॉस्पिटल की संख्या 422 बताई गई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि आयुष्मान भारत योजना में प्रदेश में करीब साढ़े 5सौ करोड़ की गड़बड़ी हुई है.
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अधिकारियों पर सरकार मेहरबार: कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जिन अधिकारियों के समय इन हॉस्पिटल्स को भुगतान हुआ और गडबड़ी हुई. उन पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. योजना की कार्यकारी अधिकारी सपना लौवंशी पर सीधी उगलियां उठी, लेकिन सरकार ने उन्हें उपकृत कर मलाईदार पोस्टिंग दे दी. जबकि तत्कालीन लोकायुक्त डीजी कैलाश मकवाना ने उनके खिलाफ मामले में जांच की अनुमति मांगी थी. जिसके बाद उन्हें लोकायुक्त से हटा दिया गया था. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पूरा भ्रष्टाचार सरकार विभाग के मंत्रियों और अधिकारियों की सांठगांठ से हुआ है. कांग्रेस ने सीएम से मामले में संबंधितों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध करने की मांग की है.