MP Chunav Result: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है. दो तिहाई बहुमत से बीजेपी सरकार बनाने जा रही है. कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. इस चुनाव में खास बात ये है पिछली बार 2018 की तुलना में कांग्रेस का वोट परसेंटेज नाम मात्र का गिरा. यानी कांग्रेस को करीब आधा परसेंट वोट ही कम मिले. इसके बावजूद सीटों की संख्या 114 से घटकर 66 सीटें रह गईं. वहीं, अप्रत्याशित रूप से बीजेपी का वोट शेयर पिछली विधानसभा चुनाव की तुलना में 7.53% बढ़ा है.
इसी वोट शेयर का कमाल है कि बीजेपी ने 230 में से 163 सीटों पर जीत हासिल की. बीजेपी की ये सीटें पिछली बार से 54 ज्यादा हैं. गौर करने वाली बात ये भी है कि अधिकांश पोल सर्वे व एग्जिट पोल में कांग्रेस को 43 फीसदी वोट शेयर तो बीजेपी को 41 फीसदी वोट शेयर मिलने का अनुमान लगाया गया था.
तीसरे दलों का वोट कहां गया : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 का वोट शेयर देखने से साफ है कि कांग्रेस का वोट शेयर साल 2018 की तुलना में केवल 0.49% घटा. इतना कम वोट शेयर कम होने पर कांग्रेस केवल 66 सीट पर सिकुड़ गई. इस चुनाव में तीसरे दलों के साथ ही निर्दलीयों का करारा झटका लगा है. सपा, बसपा और आम आदमी पार्टी के साथ ही निर्दलियों को निराशा ही हाथ लगी है. ऐसे में ये तथ्य मजबूत हो रहा है कि तीसरे दलों के साथ ही निर्दलीयों को मिलने वाला वोट शेयर बीजेपी के खाते में गया है. केवल रतलाम जिले की सैलाना सीट से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने जीत दर्ज की है. ऐसे में अब चुनाव विश्लेषक ये जानने में जुटे हैं कि बीजेपी को 2018 की तुलना में करीब 7 फीसदी वोट शेयर ज्यादा मिला तो ये किसके हिस्से का है. MP election result 2023 vote sharing
वोट शेयर का कमाल देखें : बता दें कि साल 2003 में बीजेपी को मध्यप्रदेश में 42.5 फीसदी वोट मिले थे. और इस प्रकार बीजेपी इस बार से भी ज्यादा 173 सीटें जीतने में सफल रही थी. हालांकि साल 2008 में इस वोट शेयर में गिरावट आई. 2008 में बीजेपी को 37.6 फीसदी वोट मिले थे. फिर भी सरकार बना ली थी. इसके बाद 2013 में 44.9 फीसदी वोट मिले. वहीं, 2018 में बीजेपी को करीब 41 फीसदी वोट मिले. लेकिन 2023 में पहली बार बीजेपी के वोट प्रतिशत में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है.
बीजेपी के दिग्गज भी हारे : इस बार के चुनाव में साफ दिख रहा है कि पीएम मोदी के जादू के साथ ही लाड़ली बहना योजना का प्रभावी असर दिखा. लेकिन बीजेपी के 99 विधायकों में से 27 हार गए. वहीं, 12 मंत्री भी हार गए. केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी हार गए. सतना से सांसद गणेश सिंह भी हारे. वहीं, सिंधिया समर्थक 19 में से 9 प्रत्याशी हार गए. दिग्गज नेता व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल को हार का सामना करना पड़ा. वहीं, कांग्रेस ने 85 वर्तमान विधायकों को टिकट दिया. इनमें 60 को हार का सामना करना पड़ा. बड़ी बात ये है कि शाजापुर से कांग्रेस के पूर्व मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा केवल 28 वोट से हार गए. ये भी जानना जरूरी है कि मध्य प्रदेश में महंगाई, बेरोजगारी और महिला अपराध को कांग्रेस ने बड़ा मुद्दा बनाया. कांग्रेस ने कई प्रकार की गारंटी भी दी. भर्ती परीक्षाओं में घोटाले को भी मुद्दा बनाया. इसके बावजूद बीजेपी को प्रचंड जीत मिली है. MP election result 2023 vote sharing
क्या कहते हैं जानकार : इस मामले में राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं कि जब भी 6-7 प्रतिशत ज्यादा वोटिंग होती है. लैंडस्लाइड ही देखी गई है. आप देखिए 2003 में बीजेपी को 173 सीटें मिली. लैंडस्लाइड विक्ट्री में जो वोटर शेयर रहता है, लगभग वही स्थिति रही. इस बार ये खास रहा कि जो दूसरे दल हैं. व्यक्तिगत स्तर पर जो चुनाव जीतते हैं, वो बेअसर रहे. एकतरफा वोटिंग हुई. एंटी इन्कमबेंसी यहां प्रो इन्कमबेंसी में बदल गई. ये वोटिंग बताती है कि अगर सरकारें जनकल्याणकारी योजनाएं लाती हैं तो जनता समर्थन देती है. अब चाहे आप इसे मोदी की योजनाओं का असर कह लें या शिवराज का. बाकी जो बीजेपी और कांग्रेस का कोर वोट है वो तो है ही. मूल बात ये है कि जो तीसरे दल वोट काटते थे, उनका वजूद खत्म हो गया और उनका वोट भी बीजेपी को गया. लिहाजा, कांग्रेस को कम वोट शेयर के बाद भी सीटों का बड़ा नुकसान हुआ.