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MP Chunav 2023: AAP का नया फार्मूला, असंतुष्ट और आदिवासी नेताओं की तैयार हो रही कुंडली

मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस ही तैयारी नहीं कर रहे बल्कि आम आदमी पार्टी भी पूरा जोर लगाने में जुटी हुई है. कहा जा रहा है कि दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने पार्टी को नई जिम्मेदारी सौंपी है. जिसमें कहा गया है कि एमपी में दोनों ही पार्टी के ऐसे नेता जो चुनावी जमीन में मजबूत हो और उन्हें टिकट न मिल रहा हो तो ऐसे नेताओं की कुंडली लाना है.

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Published : Jun 7, 2023, 6:03 PM IST

Aam Aadmi Party Formula in MP
आप का नया फार्मूला

भोपाल। विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी अब आदिवासी नेताओं और बीजेपी कांग्रेस से असंतुष्ट नेताओं का डाटा व कुंडली तैयार कर रही है. जिसके चलते वह कई सीटों पर इन्हें आम आदमी पार्टी में शामिल कर चुनाव लड़ा सकती है. 25 जून के बाद इस पर एक बड़ा फैसला हो सकता है. 25 जून को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आम आदमी पार्टी एक बड़ी रैली और सभा का आयोजन करने जा रही है. इनमें आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवत मान विशेष रूप से मौजूद रहेंगे. जिसके बाद आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश में अपने विधानसभा चुनाव का शंखनाद यहां से कर सकती है.

25 जून को होने वाली रैली और सभा के बाद में आप अपने कई पत्ते यहां खोल सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि इस मंच से कई आदिवासी संगठनों के साथ आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ने के अपने मंसूबे और गठबंधन को भी जारी कर सकती है. आप से जुड़े एक वरिष्ठ नेता की मानें तो पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ऐसे नेताओं और लोगों की पूरी जानकारी पार्टी से मांगी है, जो बीजेपी और कांग्रेस से असंतुष्ट हो या आदिवासी क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत रखते हों.

आदिवासियों पर फोकस: अरविंद केजरीवाल, बीजेपी और कांग्रेस की पारंपरिक सीटों पर ज्यादा फोकस ना रखते हुए आदिवासी सीटों पर फोकस बनाए हुए है. पार्टी के सूत्रों की माने तो उन 25 से 30 आदिवासी सीटों पर फोकस किया जा रहा है, जहां पर आदिवासी संगठनों की बेहतर पकड़ है. इसके लिए केजरीवाल ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, भारतीय गोंडवाना पार्टी के साथ ही जयस के दोनों संगठनों के उन नेताओं की कुंडली और जानकारी जुटा रही है, जिनका यहां पर प्रभाव है. जिसका ज्यादा प्रभाव होगा, उससे हाथ मिलाकर गठबंधन कर इन क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी, क्योंकि केजरीवाल का इसमें मानना है कि नए किसी चेहरे को आदिवासी क्षेत्रों में उतारने की अपेक्षा जिन चेहरों का वहां पर दबदबा है. उन्हें ही अगर वहां पर गठबंधन कर उतारा जाता है तो निश्चित ही आम आदमी पार्टी को भी सफलता मिलेगी. ऐसे में गठबंधन की क्या शर्ते होंगी, फिलहाल यह बताने को कोई भी तैयार नहीं है.

बीजेपी कांग्रेस के असंतोषी राजनेताओं पर भी नजर: आदिवासी राजनेताओं के साथ ही अरविंद केजरीवाल बीजेपी और कांग्रेस के असंतुष्ट और असंतोषी राजनेताओं की भी कुंडली निकलवा रहे हैं और उनकी भी पूरी की पूरी जानकारी पार्टी हाईकमान तक मांगी गई है. इससे केजरीवाल को उम्मीद है कि जो नेता बीजेपी और कांग्रेस से असंतुष्ट हैं और जिनका जनाधार अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में मजबूत है, लेकिन दोनों ही दल उन्हें टिकट नहीं देंगे. इसलिए इन नेताओं को वह आम आदमी पार्टी के बैनर तले भी उतार कर चुनाव लड़वा सकती है. इससे विधानसभा में ज्यादा से ज्यादा आम आदमी पार्टी के विधायक पहुंचेंगे. इसके लिए केजरीवाल ने अपनी टीम से इन नेताओं की पूरी कुंडली भी मांगी है.

कुछ खबरें यहां पढ़ें

चुनावी मैदान में केजरीवाल की टीम: भले ही कुछ महीने में मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं, लेकिन केजरीवाल ने अपनी टीम को अभी से ही प्रदेश के मैदान में उतार दिया है. सूत्र बताते हैं कि केजरीवाल की हर विधानसभा क्षेत्र में 5 से 10 लोगों की टीम काम कर रही है और वहां पर क्षेत्र के एनालिसिस के साथ ही कौन सा नेता अपनी पार्टी से असंतुष्ट है, इसकी पूरी की पूरी जानकारी एकत्रित कर केजरीवाल को भेजी जा रही है.

नेताओं की बनवा रहे कुंडली: आपको बताते हैं कि कुछ समय पहले ही आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवत मान भोपाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कई घोषणाएं कर चुके हैं. जिसमें बिजली मुक्त देने के साथ ही कई अन्य घोषणाएं भी शामिल थी. फिलहाल तो आम आदमी पार्टी अपने एजेंडे में इन्हीं मुद्दों को शामिल किए हुए हैं, लेकिन जिस तरह से वह बीजेपी कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के साथ ही आदिवासी नेताओं की डिटेल और कुंडली बना रही है. इससे साफ है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में अगर आम आदमी पार्टी इन असंतुष्ट नेताओं को अपने बैनर तले चुनाव लड़ाती तो कोई नई बात नहीं होगी. वहीं आदिवासी संगठनों के साथ भी हाथ मिलाकर और गठबंधन कर आप चुनाव लड़ने की तैयारी में है.

भोपाल। विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी अब आदिवासी नेताओं और बीजेपी कांग्रेस से असंतुष्ट नेताओं का डाटा व कुंडली तैयार कर रही है. जिसके चलते वह कई सीटों पर इन्हें आम आदमी पार्टी में शामिल कर चुनाव लड़ा सकती है. 25 जून के बाद इस पर एक बड़ा फैसला हो सकता है. 25 जून को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आम आदमी पार्टी एक बड़ी रैली और सभा का आयोजन करने जा रही है. इनमें आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवत मान विशेष रूप से मौजूद रहेंगे. जिसके बाद आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश में अपने विधानसभा चुनाव का शंखनाद यहां से कर सकती है.

25 जून को होने वाली रैली और सभा के बाद में आप अपने कई पत्ते यहां खोल सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि इस मंच से कई आदिवासी संगठनों के साथ आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ने के अपने मंसूबे और गठबंधन को भी जारी कर सकती है. आप से जुड़े एक वरिष्ठ नेता की मानें तो पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ऐसे नेताओं और लोगों की पूरी जानकारी पार्टी से मांगी है, जो बीजेपी और कांग्रेस से असंतुष्ट हो या आदिवासी क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत रखते हों.

आदिवासियों पर फोकस: अरविंद केजरीवाल, बीजेपी और कांग्रेस की पारंपरिक सीटों पर ज्यादा फोकस ना रखते हुए आदिवासी सीटों पर फोकस बनाए हुए है. पार्टी के सूत्रों की माने तो उन 25 से 30 आदिवासी सीटों पर फोकस किया जा रहा है, जहां पर आदिवासी संगठनों की बेहतर पकड़ है. इसके लिए केजरीवाल ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, भारतीय गोंडवाना पार्टी के साथ ही जयस के दोनों संगठनों के उन नेताओं की कुंडली और जानकारी जुटा रही है, जिनका यहां पर प्रभाव है. जिसका ज्यादा प्रभाव होगा, उससे हाथ मिलाकर गठबंधन कर इन क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी, क्योंकि केजरीवाल का इसमें मानना है कि नए किसी चेहरे को आदिवासी क्षेत्रों में उतारने की अपेक्षा जिन चेहरों का वहां पर दबदबा है. उन्हें ही अगर वहां पर गठबंधन कर उतारा जाता है तो निश्चित ही आम आदमी पार्टी को भी सफलता मिलेगी. ऐसे में गठबंधन की क्या शर्ते होंगी, फिलहाल यह बताने को कोई भी तैयार नहीं है.

बीजेपी कांग्रेस के असंतोषी राजनेताओं पर भी नजर: आदिवासी राजनेताओं के साथ ही अरविंद केजरीवाल बीजेपी और कांग्रेस के असंतुष्ट और असंतोषी राजनेताओं की भी कुंडली निकलवा रहे हैं और उनकी भी पूरी की पूरी जानकारी पार्टी हाईकमान तक मांगी गई है. इससे केजरीवाल को उम्मीद है कि जो नेता बीजेपी और कांग्रेस से असंतुष्ट हैं और जिनका जनाधार अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में मजबूत है, लेकिन दोनों ही दल उन्हें टिकट नहीं देंगे. इसलिए इन नेताओं को वह आम आदमी पार्टी के बैनर तले भी उतार कर चुनाव लड़वा सकती है. इससे विधानसभा में ज्यादा से ज्यादा आम आदमी पार्टी के विधायक पहुंचेंगे. इसके लिए केजरीवाल ने अपनी टीम से इन नेताओं की पूरी कुंडली भी मांगी है.

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चुनावी मैदान में केजरीवाल की टीम: भले ही कुछ महीने में मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं, लेकिन केजरीवाल ने अपनी टीम को अभी से ही प्रदेश के मैदान में उतार दिया है. सूत्र बताते हैं कि केजरीवाल की हर विधानसभा क्षेत्र में 5 से 10 लोगों की टीम काम कर रही है और वहां पर क्षेत्र के एनालिसिस के साथ ही कौन सा नेता अपनी पार्टी से असंतुष्ट है, इसकी पूरी की पूरी जानकारी एकत्रित कर केजरीवाल को भेजी जा रही है.

नेताओं की बनवा रहे कुंडली: आपको बताते हैं कि कुछ समय पहले ही आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवत मान भोपाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कई घोषणाएं कर चुके हैं. जिसमें बिजली मुक्त देने के साथ ही कई अन्य घोषणाएं भी शामिल थी. फिलहाल तो आम आदमी पार्टी अपने एजेंडे में इन्हीं मुद्दों को शामिल किए हुए हैं, लेकिन जिस तरह से वह बीजेपी कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के साथ ही आदिवासी नेताओं की डिटेल और कुंडली बना रही है. इससे साफ है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में अगर आम आदमी पार्टी इन असंतुष्ट नेताओं को अपने बैनर तले चुनाव लड़ाती तो कोई नई बात नहीं होगी. वहीं आदिवासी संगठनों के साथ भी हाथ मिलाकर और गठबंधन कर आप चुनाव लड़ने की तैयारी में है.

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