भोपाल। मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग (Madhya Pradesh Child Protection Commission) ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) को पत्र लिखकर ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध (Online Game Ban) लगाने की मांग की है. आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने पत्र में लिखा कि ऑनलाइन गेमिंग से साइबर क्राइम (Cyber Crime) बढ़ रहे है. ऑनलाइन क्लास (Online Class) और गेम से बच्चों को मानसिक तनाव की भी परेशानी हो रही है. बच्चे आमतौर पर माता-पिता के मोबाइल पर ही गेम खेलते हैं. इससे आनलाइन भुगतान करने के लिए आने वाले ओटीपी उन्हें पता चल जाते हैं और वे इसका उपयोग कर लेते हैं. इससे अनजाने में बच्चे ऑनलाइन ठगी के शिकार हो जाते है. बाल संरक्षण आयोग और राज्य साइबर सेल (State Cyber Cell) के पास ऐसी कई शिकायतें पहुंच रही है.
ठगी शिकार हो रहे 6 से 12 साल के बच्चे
ऑनलाइन पढ़ाई के चलते बच्चे अब ऑनलाइन गेमिंग में भी काफी रुचि लेने लगे है, जिससे वे ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहे है. मध्य प्रदेश के भिंड शहर में रहने वाले किराना व्यापारी सतीश जैन का 10 वर्षीय बेटा भी ठगी का शिकार हुआ है. उसने अपनी मां के मोबाइल पर फ्री फायर (Free Fire) खेल रहा था. इस दौरान एक लिंक आई जिस पर वर्चुअल करेंसी खरीदने के लिए जब उसने क्लिक किया, तो वर्षा जैन के खाते से करीब दस हजार रुपये कट गए. इसकी शिकायत सतीश जैन ने बैंक में की तो ठगी का शिकार होने की बात पता चली. फिर फरियादी ने कोतवाली में जाकर इसकी एफआईआर दर्ज कराई.
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आरोपियों ने बताया कि ऐसे होती है ठगी
इस मामले में पकड़े गए आरोपी रविकांत ने बताया कि वह लोग पब्जी (PUBG) की तर्ज पर फ्री फायर गेम के जरिए ठगी करते है. इस गेम को खेलने वाले बच्चे हथियार, और ड्रेस यूनिफॉर्म खरीदते थे. इसे खरीदने के लिए डायमंड की जरूरत होती है, जो एक तरह की वर्चुअल करेंसी इस गेम के लिए डिजाइन की गई है. जब खेलने वाला शख्स इन डायमंड को खरीदने के लिए प्रयास करता है, तो उसे पैसे ट्रांजैक्शन करने के लिए एक लिंक भेजी जाती है. जैसे ही वो लिंक को क्लिक करता उसके संबंधित बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर कर लिए जाते है.
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मध्य प्रदेश सायबर सेल ने भी जारी की एडवाइजरी
मध्य प्रदेश सायबर सेल को भी इस तरह की शिकायतें मिलने पर सायबर सेल ने जारी एडवाइजरी की है. इसमें सेल ने कहा कि हो सके तो बच्चों को मोबाइल न दें. ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ऐसे टेबलेट उपलब्ध करें, जिनमें सिम नहीं लगती है. इंटरनेट के उपयोग के लिए वाई-फाई का उपयोग करें. बच्चों की आनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें. मोबाइल के पासवर्ड बच्चों को न बताएं, खास तौर पर तब जब बैंक खाते में जुड़े मोबाइल नंबर की ही सिम मोबाइल में उपयोग हो रही हो.