भोपाल। विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज कैबिनेट के विस्तार को लेकर भोपाल में बुधवार को दिनभर सियासत गर्म रही. मंगलवार रात मुख्यमंत्री द्वारा अचानक राज्यपाल से मिलने के बाद अटकलें लगी कि मंत्रिमंडल विस्तार हो रहा है. शिवराज कैबिनेट में रिक्त 4 पदों को भरने के लिए आलाकमान से हरी झंडी मिल चुकी है. विधायकों के नाम तय भी हो गए. दो नामों पर लगभग मुहर लग चुकी है लेकिन दो नामों पर फिर घमासान छिड़ गया. शिवराज अपने दो खास करीबियों को मंत्रिमंडल में शामिल करने का मन बना चुके हैं और केंद्र से भी दो नामों की सहमति मिल चुकी है, लेकिन बचे हुए दो नामों पर अभी भी विवाद जारी है. (MP Cabinet Expansion)
रमेश मेंदोला का मामला अटका : जिन दो नाम पर पेंच अड़ा हुआ है, उसमें सूत्रों के मुताबिक मालवा से रमेश मेंदोला के नाम की पर भी चर्चा है. रमेश मेंदोला के नाम पर सहमति इसलिए नहीं बन पा रही है, क्योंकि मालवा-निमाड़ से पहले ही 9 मंत्री शिवराज कैबिनेट में हैं. कैलाश विजयवर्गीय रमेश मेंदोला का नाम आगे बढ़ा रहे हैं. विंध्य और महाकौशल को साधने के लिए राजेंद्र शुक्ला और गौरी शंकर बिसेन को शामिल किया जा रहा है, लेकिन पार्टी के लिए राहें उतनी आसान नहीं हैं. क्योंकि जबलपुर अंचल से भी एक मंत्री को शामिल किए जाने की बात हो रही है. बीजेपी में इस बार मंत्रिमंडल को लेकर जातिगत और भौगोलिक समीकरणों के बीच पेंच फंसता दिखाई दे रहा है.
उमाभारती भी अड़ी : वहीं, उमा भारती अपने खास करीबी को मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहती हैं. उमा भारती ओबीसी वर्ग से आने वाले राहुल लोधी के नाम को आगे बढ़ा रही हैं. यहां भी वही स्थिति है कि बुंदेलखंड से पहले ही पर्याप्त मंत्री हैं. सीएम शिवराज चाहते हैं कि एक दलित और एक आदिवासी चेहरे को शामिल किया जाए. मुख्यमंत्री जातिगत संतुलन पर ध्यान दे रहे हैं. वह चाहते हैं कि एक अनुसूचित जाति और एक अनुसूचित जनजाति का चेहरा मंत्रिमंडल में शामिल हो लेकिन बड़े नेताओं के पेंच के चलते उनके फार्मूले पर भी ब्रेक लगता दिखाई दे रहा है.
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अभी मंत्रिमंडल में ये है जातीय समीकरण : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह झाबुआ से कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई सुलोचना रावत को मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते हैं. जातीय समीकरण के हिसाब से भी देखें तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में सवर्णों के बीच संतुलन बनता नहीं दिखा. मंत्रिमंडल में ठाकुर वर्ग के लगभग दर्जन भर मंत्री हैं. वहीं, ब्राह्मण वर्ग से केवल तीन ही मंत्री हैं. इसके अलावा वैश्य, सिंधी, लोधी, जाटव, पंवार सहित कई जातियों का शिवराज सरकार में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. बुधवार रात को भी मुख्यमंत्री और संगठन के नेताओं के बीच बैठक हुई. इसमें नरेंद्र सिंह तोमर, वीडी शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय के साथ भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव शामिल हुए. गुरुवार सुबह भी 9 बजे इन नेताओं की बैठक हुई. लेकिन सहमित नहीं बन पाई.