भोपाल। मध्य प्रदेश में 39 लाख पंजीकृत बेरोजगार को रोजगार दिलाने के नाम पर राज्य सरकार ने पिछले 12 सालों में 17 करोड़ रुपए खर्च कर डाले. इस दौरान 7.86 लाख युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में ऑफर लेटर दिया गया है. कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के सवाल के जवाब में विधानसभा में यह जानकारी तकनीकि शिक्षा और रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने दी है. जवाब में बताया कि साल 2023 में सिर्फ जनवरी माह में 4.73 लाख शिक्षित बेरोजगारों ने रोजगार के लिए पंजीयन कराया है. हालांकि, जीतू पटवारी सदन से निलंबित चल रहे हैं. (MP Budget session 2023)
कांग्रेस विधायक ने पूछा था यह सवाल: कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने विधानसभा में सवाल पूछा था कि विभागीय स्तर पर प्रतिवर्ष कितने युवाओं को रोजगार दिलाया गया. इसके अलावा पिछले सालों में रोजगार कार्यालय संचालन के लिए किस संस्था को जिम्मेदारी सौंपी गई और उसे कितना भुगतान किया गया. जवाब में मंत्री ने बताया कि 9 मई 2018 को पुणे की संस्था यशस्वी अकादमी फॉर टैलेंट मैनेजमेंट को 15 रोजगार कार्यालयों के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इसके लिए संस्थान को 17 मार्च 2022 को 4.17 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया गया. संस्था को भुगतान के बाद ब्लैकलिस्ट किया गया और उसकी संपत्ति जब्त की गई. इसके अलावा प्रदेश में 2013-14 से लेकर अभी तक प्रदेश में 4012 रोजगार मेले लगाए गए. इस पर 12.84 करोड़ रुपए का खर्च आया. इस दौरान प्राइवेट सेक्टर में 7.86 युवाओं को ऑफर लेटर दिए गए.
सिर्फ जनवरी माह में हुए 4.73 लाख रोजगार पंजीयन: सरकार ने विधानसभा में बताया कि प्रदेश में साल 2010 से लेकर 2023 के दौरान साल 2017 और 2021 में सबसे ज्यादा रोजगार पंजीकरण हुए हैं. साल 2017 में 17.04 लाख युवाओं ने रोजगार के लिए पंजीयन कराया था. इसी तरह साल 2021 में 12.36 लाख युवाओं ने रोजगार कार्यालय में अपना रजिस्ट्रेशन कराया. इस साल 2023 में सिर्फ जनवरी माह में ही 4.73 लाख युवाओं ने रोजगार के लिए पंजीयन कराया है, जबकि पिछले साल 2022 में 7.13 लाख युवाओं ने रोजगार पंजीयन कराया था.