भोपाल। महू में आदिवासी युवती की मौत का मामला सदन में दूसरे दिन भी गर्माया. सदन की कार्यवाही के बीच इस मुद्दे पर एक्शन भी दिखा और रिएक्शन भी भरपूर हुआ. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि ''आदिवासी युवती की मौत करंट लगने से होना पाया गया है. शार्ट पीएम रिपोर्ट में ये बात सामने आई है''. दूसरी और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर सदन में पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ सदन में ही रो पड़ीं.
पीड़िता के परिजनों पर ही FIR: शुक्रवार को शुरू हुई विधानसभा की कार्रवाई महू में आदिवासी युवती की मौत के मुद्दे पर एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई. विधानसभा शुरू होते ही कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा और कांतिलाल भूरिया ने महू में आदिवासी युवती की मौत का मामला फिर से उठा दिया. कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि पीड़िता के परिजनों पर ही FIR दर्ज की गई है, तो भूरिया ने कहा कि इस पूरे मामले में युवती की हत्या की गई.
करंट लगने से हुई युवती की मौत: विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए गृह मंत्री नरोत्तम शर्मा मिश्रा ने कहा कि "शार्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है, रिपोर्ट में करंट लगने से युवती की मौत की बात सामने आई है. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 13 से 17 लोगों पर FIR की गई है, जिसमें उसके परिजन भी शामिल हैं. पूरी घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. अगर विपक्ष को इस मामले में हत्या की आशंका है तो आप साक्ष्य दें कि हत्या कैसे हुई''. उन्होंने कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.
बीजेपी का ये कैसा इंसाफ: महू गोलीकांड पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि ''जिस लड़की की हत्या हुई या फिर सुसाइड किया, उसी पीड़ित परिवार के खिलाफ 307 का मामला दर्ज किया गया. युवक के खिलाफ भी मामला दर्ज कर दिया, मृतक के परिजन कोई बयान नहीं दे पाए, इसलिए उनके ऊपर दबाव बनाने की कोशिश की गई है. स्पष्ट हो गया है कि फरियादी पर ही पुलिस ने FIR की है''. कमलनाथ ने सवाल किया कि ''क्या इस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने इंसाफ किया है''. सीबीआई जांच की मांग को लेकर कमलनाथ ने कहा कोई भी जांच हो, नतीजा निकल कर आना चाहिए.
एक घंटे के लिए स्थगित हुई विधानसभा: महू में आदिवासी युवती की मौत के मामले पर हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही 1 घंटे के लिए स्थगित की गई. इस दौरान नरोत्तम मिश्रा कांग्रेस विधायकों से मंत्रणा करते हुए नजर आए. यह चर्चा तकरीबन 10 मिनट तक चली. विधानसभा की कार्यवाही में प्रश्नकाल का समय रखा गया था, जो शुरुआती दौर में हंगामे की भेंट चढ़ गया.
विधानसभा में रो पड़ी विजयलक्ष्मी साधौ: आदिवासियों पर बड़े अत्याचार के मुद्दे पर पूर्व मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ सदन में रो पड़ीं. रोते हुए ही वे सदन से बाहर भी गईं. साधौ ने कहा कि बीजेपी की सरकार में आदिवासियों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं. सरकार इन पर लगाम लगाने के बजाए अत्याचारियों को संरक्षण दे रही है. प्रदेश में ऐसे कृत्य रुकना चाहिए.