भोपाल। मध्यप्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं और 12 वीं परीक्षाएं फरवरी माह से शुरू होने जा रही हैं. पिछले साल बोर्ड परीक्षा के पेपर सोशल मीडिया पर आउट होने की खूब खबरें उड़ी थीं. इस बार एग्जाम पेपर की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए राज्य शासन ने कमर कस ली है. एमपी बोर्ड ने प्रश्न पत्र की सिक्योरिटी और परीक्षा में नकल रोकने के लिए 5 महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस बार परीक्षा में ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जिससे परीक्षा में नकल की संभावनाएं जीरो फीसदी रहेंगी.
सजा के सख्त होंगे प्रावधान : साल 2022 की एमपी बोर्ड की परीक्षा के दौरान सोशल मीडिया ग्रुप पर बोर्ड के पेपर परीक्षा के पहले ही बाहर आने के आरोप लगे थे. इसको देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग परीक्षा शुरू होने से पहले अध्यादेश लाकर सख्त प्रावधान करने जा रही है. सोशल मीडिया पर पेपर आउट करने वालों के खिलाफ 10 साल की सजा और 10 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया जा रहा है. इसके लिए एमपी बोर्ड के अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है. परीक्षा के दौरान स्टूडेंट्स ही नहीं, बल्कि परीक्षा ड्यूटी में तैनात रहने वाले केन्द्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष सहित परीक्षा के काम में लगे कोई भी कर्मचारी मोबाइल नहीं रख सकेंगे. सिर्फ फ्लाइंग स्क्वायड के दल के सदस्य ही मोबाइल रख सकेंगे. इस बार प्रश्नपत्र पुलिस थानों से कलेक्टर के एक प्रतिनिधि की उपस्थिति में ही निकाले जाएंगे.
सायबर सेल करेगा निगरानी : प्रश्न पत्रों का लिफाफा एग्जाम रूम में ही खोला जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक परीक्षा के 4 सेट तैयार किए जाएंगे. ये पेपर इस तरह से एग्जाम हॉल में बांटे जाएंगे, जिससे आसपास बैठे स्टूडेंट्स के पेपर एक समान नहीं होंगे. इससे स्टूडेंट्स आसपास बैठे छात्रों से कुछ पूछ नहीं पाएंगे. इसके अलावा जिला स्तर, राज्य स्तर पर अलग-अलग फ्लाइंग स्क्वायड भी गठित किए गए हैं, जो लगातार परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण करेंगे. इधर, एमपी बोर्ड की परीक्षा के दौरान सोशल मीडिया ग्रुप पर सायबर सेल की निगरानी रहेगी. इसके लिए एमपी बोर्ड ने सायबर सेल को पत्र लिखा है.
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एडमिशन कार्ड पर क्यूआर कोड : इस बार एमपी बोर्ड द्वारा जारी किए जाने वाले प्रवेश पत्र पर क्यूआर कोड भी होगा, जिसे स्कैन करते ही स्टूडेंट्स की पूरी डिटेल मिल जाएगी. इससे परीक्षा में स्टूडेंट के स्थान पर कोई दूसरा छात्र परीक्षा में नहीं बैठ सकेगा. फ्लाइंग स्क्वाड को शक होने पर ऐसे स्टूडेंट के प्रवेश पत्र को स्कैन कर देख सकेंगे. माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव केडी त्रिपाठी कहते हैं कि बोर्ड परीक्षा की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे परीक्षा में नकल की संभावनाओं को जीरो किया जा सके.