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सेंचुरी में सियासत! BJP सांसद ने उड़ाईं वाइल्ड लाइफ एक्ट की धज्जियां, अभ्यारण्य में सजा चुनावी सभा का शामियाना

बेशक खुले वातावरण में चिंतन मंथन बेहतर होता है, लेकिन इसका ये मतलब तो नहीं कि अभ्यारण्य में भी कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा लिया जाए. वन्य जीव कानून का उल्लंघन करते हुए नरसिंहगढ़ सेंचूरी के चिड़ीखो में भारतीय जनता युवा मोर्चा की जिला इकाई की बैठक बुलाई गई. बैठक थी तो माइक भी लगे और अभ्यारण्य के नियम कायदों को दरकिनार करते शोर-शराबा भी भरपूर हुआ. राजगढ़ के सांसद रोडमल नागर ने अभ्यारण्य में ही कार्यकर्ताओं को चुनावी जमीन मजबूत करने के टिप्स भी डे डाले. अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये वाइल्ड लाइफ एक्ट राजनीतिक दलों पर लागू नहीं होता.

mp bjp meeting in chidikho of century
अभयारण्य में बीजेपी की बैठक
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Published : Nov 28, 2022, 5:34 PM IST

Updated : Nov 28, 2022, 7:21 PM IST

भोपाल। नियम कायदे भी ओहदा रसूख देखकर बदल जाते हैं क्या, राजनीतिक दलों के लिए हर नियम में शिथिलता मानी जाए. वरना फिर क्या वजह है कि जिस अभ्यारण्य में वन्य प्राणियों का ध्यान रखते हुए आवाज करने पर भी पाबंदी है. वहां कार्यकर्ताओं को संबोधित करने स्पीकर भी बजे. बैठक में नेताओं ने कार्यकर्ताओं के साथ मंडल स्तर तक पार्टी की मजबूती के लिए चर्चा भी की (mp bjp meeting in chidikho of century). एक दो नहीं 150 की भीड़ में जुटे कार्यकर्ताओं ने अभ्यारण्य में बैठक के साथ भोजन का आनंद भी लिया. जानकारी के मुताबिक टिकट केवल पंद्रह कार्यकर्ताओं के कटे बताए गए हैं. बाकी कार्यकर्ता तो रसूख में एंट्री मार गए.

चिड़ीखो में भीड़ जुटाकर कार्यकर्ताओं को पाठ: जिस चिड़ीखो (Chidikho Century) की शांति में चिड़ियों का कलरव सुनने सैलानी जाते हैं. वहां एक दो नहीं बल्कि 150 बीजेपी कार्यकर्ता जुटे. कुछ हटके करने के फेर में भारतीय जनता युवा मोर्चा की बैठक यहां बुलाई गई. बैठक के साथ भोजन का भी इंतज़ाम किया गया था. इसके अलावा बैठक में लाउड स्पीकर का भी इंतज़ाम किया गया. क्षेत्र के सांसद वन अभ्यारण्य के नियम कायदे तोड़ गए. सांसद रोडमल नागर जो इस बैठक में विशेष अतिथि के रुप में मौजूद थे. उन्होंने ने भी इस बात का ध्यान नहीं रखा कि अभ्यारण्य में लाउड स्पीकर प्रतिबंधित होते हैं. ना ही इस संख्या में भीड़ को जमा किया जा सकता है. सांसद महोदय तो खुद माइक से बैठक को संबोधित कर रहे थे और कार्यकर्ताओं को बता रहे थे कि चुनाव के दौरान अगर नौजवानों के बजाए वरिष्ठ नेताओं को मौका मिल जाए तो क्यों नाराज नहीं होना है. मंडल स्तर तक पार्टी की मजबूती के टिप्स समझा रहे थे (mp rodmal nagar gave tips to workers in meeting)

सेंचुरी में सियासत

अभ्यारण्य में सजा शामियाना: यूं अभ्यारण्य में जाने वाले सैलानियों के लिए भी दिशा निर्देश होते हैं, लेकिन यहां तो सारे नियम ताक पर थे. लिहाजा किसी कम्यूनिटी हॉल की तरह अभ्यारण्य में ही कुर्सियां भी लग गई. खाने की टेबलें भी सजा दी गई. उत्साही कार्यकर्ता खुद वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालते रहे कि जंगल के सूने और सन्नाटे में भी सारा बंदोबस्त हो गया.

MP BJP Meeting: रातापानी जंगल में सत्ता और संगठन की अहम बैठक, पांचवीं बार सरकार बनाने के लिए रोडमैप तैयार

प्रकृति की गोद में रखी थी बैठक: भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष कृष्णपाल सिंह पंवार कहते हैं कि बैठक कार्यकर्ताओं को प्रकृति के करीब लाने अभ्यारण्य में रखी गई थी. ताकि कार्यकर्ता भी नैसर्गिक वातावरण का आनंद ले सकें. उनकी दलील ये है कि हमने तो हर बात का ध्यान रखा कि वाइल्ड लाईफ एक्ट का उल्लंघन ना हो (mp bjp violated wildlife act).

सेंचुरी में सियासी कार्यक्रम को किसने दी मंजूरी: वन और पर्यावरण संरक्षण पर काम करने वाले एक्टिविस्ट अजय दुबे का कहना है कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के निकट नरसिंहगढ़ सेंचूरी में वाइल्ड लाइफ एक्ट का मजाक बनाया गया है. यहां करीब 150 से ज्यादा लोगों की बैठक हुई थी. सेंचूरी में भी लोग भीड़ बनकर पहुंचे. जबकि यहां राजनीतिक कार्यक्रमों का प्रावधान ही नहीं है. कोई सभा यहां नहीं की जा सकती है. ये सेंचूरी व्यक्तिगत रुप से टिकट लेकर पर्यटन के लिए है. अजय दुबे के मुताबिक धारा 29 के हिसाब से जो लोग इस बैठक में शामिल थे, उनके खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए, क्योंकि वो डिस्ट्रेक्शन ऑफ हैबिटेट में आते हैं. अभ्यारण्य में गंदगी हुई है जो भीड़ इकट्ठी हुई वो भी पर्यावरण के लिए वन्यप्राणियों के लिए घातक है. फिर कार्रवाई उन पर भी होना चाहिए. जिन्होंने अनुमति दी. गैरकानूनी रुप से अनुमति दे दी गई. कैसे लोग इकट्ठा होने दिए गए, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

विषय मेरे सज्ञान में आया, प्रतिवेदन मंगवाया: भोपाल के मुख्य वन संरक्षक राजेश खरे ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि ये विषय मेरे अभी संज्ञान में आया है. मैं डीएफओ से प्रतिवेदन मंगा रहा हूं. इसकी जांच करवाई जाएगी.

भोपाल। नियम कायदे भी ओहदा रसूख देखकर बदल जाते हैं क्या, राजनीतिक दलों के लिए हर नियम में शिथिलता मानी जाए. वरना फिर क्या वजह है कि जिस अभ्यारण्य में वन्य प्राणियों का ध्यान रखते हुए आवाज करने पर भी पाबंदी है. वहां कार्यकर्ताओं को संबोधित करने स्पीकर भी बजे. बैठक में नेताओं ने कार्यकर्ताओं के साथ मंडल स्तर तक पार्टी की मजबूती के लिए चर्चा भी की (mp bjp meeting in chidikho of century). एक दो नहीं 150 की भीड़ में जुटे कार्यकर्ताओं ने अभ्यारण्य में बैठक के साथ भोजन का आनंद भी लिया. जानकारी के मुताबिक टिकट केवल पंद्रह कार्यकर्ताओं के कटे बताए गए हैं. बाकी कार्यकर्ता तो रसूख में एंट्री मार गए.

चिड़ीखो में भीड़ जुटाकर कार्यकर्ताओं को पाठ: जिस चिड़ीखो (Chidikho Century) की शांति में चिड़ियों का कलरव सुनने सैलानी जाते हैं. वहां एक दो नहीं बल्कि 150 बीजेपी कार्यकर्ता जुटे. कुछ हटके करने के फेर में भारतीय जनता युवा मोर्चा की बैठक यहां बुलाई गई. बैठक के साथ भोजन का भी इंतज़ाम किया गया था. इसके अलावा बैठक में लाउड स्पीकर का भी इंतज़ाम किया गया. क्षेत्र के सांसद वन अभ्यारण्य के नियम कायदे तोड़ गए. सांसद रोडमल नागर जो इस बैठक में विशेष अतिथि के रुप में मौजूद थे. उन्होंने ने भी इस बात का ध्यान नहीं रखा कि अभ्यारण्य में लाउड स्पीकर प्रतिबंधित होते हैं. ना ही इस संख्या में भीड़ को जमा किया जा सकता है. सांसद महोदय तो खुद माइक से बैठक को संबोधित कर रहे थे और कार्यकर्ताओं को बता रहे थे कि चुनाव के दौरान अगर नौजवानों के बजाए वरिष्ठ नेताओं को मौका मिल जाए तो क्यों नाराज नहीं होना है. मंडल स्तर तक पार्टी की मजबूती के टिप्स समझा रहे थे (mp rodmal nagar gave tips to workers in meeting)

सेंचुरी में सियासत

अभ्यारण्य में सजा शामियाना: यूं अभ्यारण्य में जाने वाले सैलानियों के लिए भी दिशा निर्देश होते हैं, लेकिन यहां तो सारे नियम ताक पर थे. लिहाजा किसी कम्यूनिटी हॉल की तरह अभ्यारण्य में ही कुर्सियां भी लग गई. खाने की टेबलें भी सजा दी गई. उत्साही कार्यकर्ता खुद वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालते रहे कि जंगल के सूने और सन्नाटे में भी सारा बंदोबस्त हो गया.

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प्रकृति की गोद में रखी थी बैठक: भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष कृष्णपाल सिंह पंवार कहते हैं कि बैठक कार्यकर्ताओं को प्रकृति के करीब लाने अभ्यारण्य में रखी गई थी. ताकि कार्यकर्ता भी नैसर्गिक वातावरण का आनंद ले सकें. उनकी दलील ये है कि हमने तो हर बात का ध्यान रखा कि वाइल्ड लाईफ एक्ट का उल्लंघन ना हो (mp bjp violated wildlife act).

सेंचुरी में सियासी कार्यक्रम को किसने दी मंजूरी: वन और पर्यावरण संरक्षण पर काम करने वाले एक्टिविस्ट अजय दुबे का कहना है कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के निकट नरसिंहगढ़ सेंचूरी में वाइल्ड लाइफ एक्ट का मजाक बनाया गया है. यहां करीब 150 से ज्यादा लोगों की बैठक हुई थी. सेंचूरी में भी लोग भीड़ बनकर पहुंचे. जबकि यहां राजनीतिक कार्यक्रमों का प्रावधान ही नहीं है. कोई सभा यहां नहीं की जा सकती है. ये सेंचूरी व्यक्तिगत रुप से टिकट लेकर पर्यटन के लिए है. अजय दुबे के मुताबिक धारा 29 के हिसाब से जो लोग इस बैठक में शामिल थे, उनके खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए, क्योंकि वो डिस्ट्रेक्शन ऑफ हैबिटेट में आते हैं. अभ्यारण्य में गंदगी हुई है जो भीड़ इकट्ठी हुई वो भी पर्यावरण के लिए वन्यप्राणियों के लिए घातक है. फिर कार्रवाई उन पर भी होना चाहिए. जिन्होंने अनुमति दी. गैरकानूनी रुप से अनुमति दे दी गई. कैसे लोग इकट्ठा होने दिए गए, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

विषय मेरे सज्ञान में आया, प्रतिवेदन मंगवाया: भोपाल के मुख्य वन संरक्षक राजेश खरे ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि ये विषय मेरे अभी संज्ञान में आया है. मैं डीएफओ से प्रतिवेदन मंगा रहा हूं. इसकी जांच करवाई जाएगी.

Last Updated : Nov 28, 2022, 7:21 PM IST
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