इंदौर। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय 10 साल बाद चुनाव लड़ रहे हैं. इसलिए संकेत मिल रहे हैं कि शायद इस बार उनके बेटे को टिकट नहीं मिले. इसी आशंका को लेकर आकाश के समर्थकों ने भोपाल आकर चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव से मुलाकात की. लोगों ने आकाश विजयवर्गीय को लोकप्रिय विधायक बताते हुए क्षेत्र का सबसे मजबूत दावेदार बताया.साथ ही समर्थकों ने तर्क दिया कि यदि उनका टिकट कटता है तो नए प्रत्याशी को नए सिरे से मेहनत करनी होगी. ऐसे में सीट जीतना आसान नहीं होगा.
20 बसों में भरकर आए समर्थक : इंदौर से करीब 20 बसों में सवार होकर करीब 800 बीजेपी के कार्यकर्ता भोपाल पहुंचे. इसमें अलग-अलग समाज और वर्ग के लोग थे. खटीक समाज के पदाधिकारी ने बताया कि इंदौर-3 में कई नेता आकर चले गए, लेकिन आकाश विजयवर्गीय एक मात्र विधायक हैं, जिन्होंने दलित, खटीक समाज के हर बच्चे को शिक्षा और रोजगार देने की पहल की. बहुत से युवाओं को नशे से दूर किया. पार्टी के सर्वे में आकाश विजयवर्गीय का नाम ही सबसे आगे है. सिर्फ कैलाश विजयवर्गीय के बेटे होने की वजह से उनका टिकट न काटा जाए. चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव ने आकाश विजयवर्गीय के समर्थकों की बातों को सुनने के बाद शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाने का आश्वासन दिया.
आकाश ने कराई थी भाजपा की फजीहत : 2018 में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले आकाश विजयवर्गीय उस समय विवादों में आए जब जर्जर मकान को गिराने आए नगर निगम के एक अधिकारी को बल्ले से पिटाई कर दी थी. इसका वीडियो भी खूब वायरल हुआ था. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाराजगी जताते हुए नसीहत दी थी. इस बार भाजपा टिकट देने में विधायक की छवि को बहुत अहमियत दे रही है. ऐसे ही आचरण के कारण सीधी के विधायक केदारनाथ शुक्ला का टिकट काट दिया है. पार्टी ने आकाश को अनुशासन हीनता का नोटिस भी दिया था. लेकिन कैलाश के दवाब के बाद पार्टी ने कोई कारवाई भी नहीं की थी. टिकट कटने की वजह परिवारवाद भी हो सकती है.