भोपाल। कोरोना वायरस के बाद अब मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है. इसकी चपेट में अभी तक कौए आए हैं. इंदौर में करीब 142 कौवों मौत हो चुकी है. इनमें एच5एन8 वायरस की पुष्टि भी हुई है. वहीं अब दूसरे जिलों में भी कौवों की मौत का सिलसिला शुरू हो गया है. इंदौर के अलावा आगर-मालवा, खंडवा, खरगोन, देवास, मंदसौर व सीहोर में भी मृत कौए पाए गए हैं. मृत कौओं के सैम्पल भोपाल स्थित स्टेट डीआई लैब तत्काल भेजे जा रहे हैं. इंदौर में कंट्रोल-रूम की स्थापना कर रेपिड रिस्पांस टीम द्वारा कार्रवाई की जा रही है.
देवास में भी 10 कौवों की मौत
इंदौर के पड़ोसी जिला देवास में भी कौवों के मरने का सिलसिला शुरू हो गया है. पिछले आठ दिनों में 10 कौवे मृत पाए गए हैं. इन कौवों के शहर के बाहर दफना दिया गया है. साथ ही सैंपल्स भोपाल भेजे गए हैं. रिपोर्ट आना बाकी है.
आगर में सौ से ज्यादा कौए मृत
आगर में कौवों की मौत के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. जिले में करीब 112 कौए मृत पाए गए हैं. नगर पालिका की टीम ने इन्हें दफानाने का कार्य कर रहे हैं. कौवों को सैंपल के लिए भेजा गया है.
मंदसौर में भय का माहौल
मंदसौर में भी करीब 100 से अधिक कौवे मृत अवस्था में मिले हैं. इनमें सबसे अधिक संख्या कोर्ट परिसर में मिले मृत कौवों की है. इतनी बड़ी संख्या में मृत कौवों के मिलने से इलाके में डर का माहौल बना हुआ है.
सीहोर-खंडवा-खरगोन में मृत पाए गए बगुला व कौए
खंडवा में गोलमाल बाबा मंदिर मार्ग पर सोमवार को मृत बगुले और कौए पाए गए हैं. इनमें बर्ड फ्लू के वायरस के लक्षण होने के आशंका है.बताया जा रहा है कि बर्ड फ्लू का वायरस घातक होता है. यह एक से दूसरे पक्षी में फैलता है. सोमवार को बगुले और कौवों के मरने की सूचना से हड़कंप मच गया है. अब तक जिले में 7 बगुले और 2 कौए मृत हालत में पाए गए हैं. जबकि खरगोन में 13 और सीहोर में 9 कौए मृत मिले हैं.
कौवों पाया जाने वाला वायरस मुर्गियों में ट्रांसमिट नहीं हुआ
हालांकि अभी तक केवल इंदौर में मृत पाए गए कौवों में ही बर्ड फ्लू के वायरस एच5एन8(H5N8) की पुष्टि हुई है. बाकी जिलों से भेजे गए सैंपल्स की रिपोर्ट आना बाकी है. फिलहाल मध्यप्रदेश के 7 जिलों से कौवों के मरने की खबरें आई हैं. कौवों में पाया जाने वाला वायरस H5N8 अभी तक मुर्गियों में नहीं मिला है. मुर्गियों में पाया जाने वाला वायरस H5N1 होता है.
पोल्ट्री और प्रवासी पक्षियों की विशेष निगरानी
जिलों में पदस्थ पशुपालन विभाग के अधिकारियों से कहा गया है कि कौवों की मृत्यु की सूचना मिलते ही कलेक्टर के मार्गदर्शन में स्थानीय प्रशासन और अन्य विभागों के समन्वय से तत्काल नियंत्रण व शमन की कार्रवाई करें. रिपोर्ट संचालनालय भेजें. पोल्ट्री व पोल्ट्री उत्पाद बाजार, फार्म, जलाशयों और प्रवासी पक्षियों पर विशेष निगरानी रखते हुए प्रवासी पक्षियों के नमूने एकत्र कर भोपाल लैब को भेजे जाएंगे.
क्या है सरकार की तैयारी ?
पशु चिकित्सा विभाग के डायरेक्टर आरके रोकड़े ने बताया कि प्रदेश में सभी को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है. बर्ड फ्लू सर्विलेंस का कार्य सभी जिलों में लगातार जारी है. वहीं मामले में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि मध्य प्रदेश किसी भी विपरीत परिस्थियों से निपटने के लिए तैयार है. बर्ड फ्लू से भी निपटने की तैयारी जारी है. जरूरत के हिसाब से सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी.
क्या हैं लक्षण और इंसानों के लिए कैसे खतरनाक ?
बर्ड फ्लू के लक्षण सामान्य फ्लू जैसे होते हैं जैसे सांस लेने में समस्या, उल्टी होने का एहसास, बुखार, नाक बहना, मांसपेशियों, पेट के निचले हिस्से और सिर में दर्द रहना. यह बीमारी इंसानों में मुर्गियों और संक्रमित पक्षियों के बेहद पास रहने से होती है. यह वायरस इंसानों में आंख, नाक और मुंह के जरिए प्रवेश करता है. एवियन इन्फ्यूएंजा वायरस काफी खतरनाक होता है और यह इंसानों की जान तक ले सकता है. इसलिए डॉक्टर अक्सर सलाह देते हैं कि अगर बर्ड फ्लू का संक्रमण इलाके में फैला है तो नॉनवेज खरीदते वक्त साफ-सफाई रखें और संक्रमित एरिया में मास्क लगाकर ही जाएं.
ये सावधानियां रखें
- संक्रमित पक्षियों से दूर रहें खासकर मरे पक्षियों से बिल्कुल दूर रहें.
- बर्ड फ्लू का संक्रमण अगर फैला है तो नॉनवेज ना खाएं.
- नॉनवेज खरीदते समय साफ-सफाई पर ध्यान दें.
- संक्रमण वाले एरिया में ना जाएं अगर जाएं तो मास्क पहनकर जाएं.
बर्ड फ्लू का इलाज
बर्ड फ्लू का इलाज एंटीवायरल ड्रग ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) और जानामिविर (रेलेएंजा) से किया जाता है.इस वायरस को कम करने के लिए पूरी तरह आराम करना चाहिए. हेल्दी डायट लेनी चाहिए. जिसमें अधिक से अधिक लिक्विड हो. बर्ड फ्लू अन्य लोगों में ना फैले, इसके लिए मरीज को आइसोलेशन में रखना चाहिए.