भोपाल। विधानसभा का मंगलवार से शुरू होने जा रहे मानसून सत्र के हंगामेदार रहने की आशंका है. 17 सितंबर तक चलने वाले पांच दिवसीय सत्र में कांग्रेस ने कारम डैम, कुपोषण, पोषण आहार घोटाला, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सदन में सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. विपक्ष ने विधानसभा सत्र बहुत छोटा बुलाए जाने को लेकर भी अपनी आपत्ति जताई है. विधानसभा शांतिपूर्ण तरीके से और सार्थक बहस के साथ चले, इसके लिए सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई थी. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि 5 दिन के छोटे सत्र के बाद भी उम्मीद नहीं है कि यह सत्र 2 दिन से ज्यादा चलेगा. (MP Bhopal Vidhan Sabha session)
विपक्ष ने पूछे 1516 सवालः विधानसभा के 5 दिवसीय सत्र को लेकर पक्ष और विपक्ष ने जमकर तैयारियां की है. विधानसभा सत्र में सरकार पंद्रह हजार करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट चर्चा के लिए पेश करेगी. साथ ही करीब आधा दर्जन विधेयक सदन में पेश किए जाएंगे. विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरने के लिए भ्रष्टाचार, बिगड़ती कानून व्यवस्था, बेरोजगारी जैसे कई मुद्दों को लेकर 15 सौ से ज्यादा सवाल और 18 स्थगन प्रस्ताव लगाए है. विधानसभा के लिए इस बार आठ अशासकीय संकल्प, 216 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव आए हैं. 765 तारांकित और 751 अतारांकित सवाल लगाए गए हैं. शून्यकाल की 66 सूचनाएं विधानसभा सचिवालय में पहुंची हैं. विधानसभा सत्र शांतिपूर्ण तरीके से चल सके और इसमें सार्थक चर्चा हो, इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी. (Bhopal Vidhan Sabha session will be uproar)
दो दिन से ज्यादा सत्र चलने की उम्मीद नहींः कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि हम तो शांति से बैठे रहेंगे. भले ही प्रदेश में कारम डैम, पोषण आहार जैसे करोड़ों के कई भ्रष्टाचार हो. कानून व्यवस्था बिगड़ती जाए. युवा बेरोजगारी के लिए भटकते रहें. जब सरकार कुछ सुनना ही नहीं चाहती तो चिल्लाने से क्या फायदा. सदन में विपक्ष आवाज न उठा पाए इसलिए सदन को सिर्फ 5 दिन का बुलाया गया. फिर मुझे उम्मीद नहीं है कि यह सदन भी 2 दिन से ज्यादा चल पाएगा. दूसरी ओर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा के अनुसार सरकार विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है. सरकार हर मुद्दे पर चर्चा कराने को तैयार है. लेकिन विपक्ष ही चर्चा के लिए पीछे हट जाता है. रिकॉर्ड उठाकर देख लीजिए नेता प्रतिपक्ष ही पूरे समय सदन में मौजूद नहीं रहते. (Bhopal opposition asked more than 15 hundred questions)