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MP NO.1 In Wheat Export : गेहूं निर्यात के मामले में एमपी बना नंबर 1, गुजरात को पछाड़ा, जल्द आएगी नई कृषि निर्यात नीति

गेहूं निर्यात के मामले में गुजरात को पीछे कर मध्यप्रदेश पहले नंबर पर पहुंच गया है. इससे उत्साहित मध्यप्रदेश में अब निर्यात प्रोत्साहन योजना लागू करने की तैयारी की जा रही है. इसके तहत निर्यातकों को मंडी टैक्स में छूट के अलावा कई और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. निर्यात नीति तैयार करने के लिए राज्य सरकार एक साल के लिए दो विशेषज्ञों को नियुक्त करेगी. (MP becomes number 1 wheat export) (MP overtakes Gujarat in wheat export) (New agricultural export policy soon)

MP becomes number 1 wheat export
गेहूं निर्यात के मामले में एमपी बना नंबर 1
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Published : Jun 10, 2022, 3:24 PM IST

भोपाल। राज्य सरकार नई कृषि निर्यात नीति जल्द लेकर आ रही है. इसके लिए राज्य सरकार ने 22 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है. नई नीति में मुख्य फोकस प्रोडक्ट की ब्रांडिंग और क्वालिटी कंट्रोल पर रखा जाएगा. गेहूं के अलावा प्रदेश के दूसरे उत्पादों के निर्यात को लेकर भी कोशिशें की जा रही हैं.

छह माह में एमपी गेहूं निर्यात में बना सिरमौर : मध्यप्रदेश गेहूं निर्यात के मामले में देश के शीर्ष राज्यों में शामिल हो गया है. पिछले छह माह के दौरान प्रदेश सरकार ने गेहूं निर्यात को लेकर अभियान चलाया और इसी का नतीजा है कि मध्यप्रदेश गुजरात को पीछे कर पहले नंबर पर पहुंच गया है. मध्यप्रदेश से इस साल सबसे ज्यादा 5 लाख 86 हजार 423 टन गेहूं का निर्यात कर रिकॉर्ड बनाया गया है, जबकि पिछले साल प्रदेश से 2 लाख 8 हजार टन गेहूं का निर्यात हुआ था. गेहूं निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने भरपूर प्रयास किए. निर्यातकों को राहत दी, वहीं निर्यातकों की सभी जरूरतों को पूरा किया. इसका फायदा यह हुआ कि निर्यातकों ने व्यापारियों से 23 लाख 79 हजार टन गेहूं सीधे किसानों से खरीदा.

MP becomes number 1 wheat export
गेहूं निर्यात के मामले में एमपी बना नंबर 1

नतीजों से उत्साहित सरकार, नई नीति आएगी : गेहूं निर्यात के नतीजों से उत्साहित राज्य सरकार जल्द ही कृषि निर्यात निति और निर्यात प्रोत्साहन योजना भी लागू करने जा रही है. इसके जरिए निर्यातकों राहत और सुविधाए देने के प्रावधान किए जाएंगे. प्रोत्साहन योजना में निर्यातकों को विभिन्न देशों को लेकर जानकारी देने और बाजार दरों के बारे में बताया जाएगा. निर्यात नीति तैयार करने के लिए दो विशेषज्ञों को भी नियुक्त करने जा रही है. इसके लिए रेलवे के पूर्व अधिकारी कपिल रावत की सेवाओं को एक साल के लिए और बढ़ाया जा रहा है. पूर्व में उनकी 3 माह के लिए सेवाएं ली गई थीं.

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कृषि निर्यात नीति के लिए 11 करोड़ का प्रावधान : वहीं, कृषि निर्यात, कांट्रेक्ट, टेस्टिंग, हैंडओवर जैसे तमाम मामलों के लिए एक अन्य स्पेशलिस्ट को रखा जाएगा. कृषि निर्यात नीति 2022 के लिए राज्य सरकार ने 11 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. इसके अलावा मंडी बोर्ड ने भी इतनी ही राशि का प्रावधान किया है. नई नीति के जरिए एमपी के प्रोडक्ट की ब्रांडिंग और क्वालिटी कंट्रोल पर मुख्य फोकस किया जाएगा. (MP becomes number 1 wheat export) (MP overtakes Gujarat in wheat export) (New agricultural export policy soon)

भोपाल। राज्य सरकार नई कृषि निर्यात नीति जल्द लेकर आ रही है. इसके लिए राज्य सरकार ने 22 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है. नई नीति में मुख्य फोकस प्रोडक्ट की ब्रांडिंग और क्वालिटी कंट्रोल पर रखा जाएगा. गेहूं के अलावा प्रदेश के दूसरे उत्पादों के निर्यात को लेकर भी कोशिशें की जा रही हैं.

छह माह में एमपी गेहूं निर्यात में बना सिरमौर : मध्यप्रदेश गेहूं निर्यात के मामले में देश के शीर्ष राज्यों में शामिल हो गया है. पिछले छह माह के दौरान प्रदेश सरकार ने गेहूं निर्यात को लेकर अभियान चलाया और इसी का नतीजा है कि मध्यप्रदेश गुजरात को पीछे कर पहले नंबर पर पहुंच गया है. मध्यप्रदेश से इस साल सबसे ज्यादा 5 लाख 86 हजार 423 टन गेहूं का निर्यात कर रिकॉर्ड बनाया गया है, जबकि पिछले साल प्रदेश से 2 लाख 8 हजार टन गेहूं का निर्यात हुआ था. गेहूं निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने भरपूर प्रयास किए. निर्यातकों को राहत दी, वहीं निर्यातकों की सभी जरूरतों को पूरा किया. इसका फायदा यह हुआ कि निर्यातकों ने व्यापारियों से 23 लाख 79 हजार टन गेहूं सीधे किसानों से खरीदा.

MP becomes number 1 wheat export
गेहूं निर्यात के मामले में एमपी बना नंबर 1

नतीजों से उत्साहित सरकार, नई नीति आएगी : गेहूं निर्यात के नतीजों से उत्साहित राज्य सरकार जल्द ही कृषि निर्यात निति और निर्यात प्रोत्साहन योजना भी लागू करने जा रही है. इसके जरिए निर्यातकों राहत और सुविधाए देने के प्रावधान किए जाएंगे. प्रोत्साहन योजना में निर्यातकों को विभिन्न देशों को लेकर जानकारी देने और बाजार दरों के बारे में बताया जाएगा. निर्यात नीति तैयार करने के लिए दो विशेषज्ञों को भी नियुक्त करने जा रही है. इसके लिए रेलवे के पूर्व अधिकारी कपिल रावत की सेवाओं को एक साल के लिए और बढ़ाया जा रहा है. पूर्व में उनकी 3 माह के लिए सेवाएं ली गई थीं.

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कृषि निर्यात नीति के लिए 11 करोड़ का प्रावधान : वहीं, कृषि निर्यात, कांट्रेक्ट, टेस्टिंग, हैंडओवर जैसे तमाम मामलों के लिए एक अन्य स्पेशलिस्ट को रखा जाएगा. कृषि निर्यात नीति 2022 के लिए राज्य सरकार ने 11 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. इसके अलावा मंडी बोर्ड ने भी इतनी ही राशि का प्रावधान किया है. नई नीति के जरिए एमपी के प्रोडक्ट की ब्रांडिंग और क्वालिटी कंट्रोल पर मुख्य फोकस किया जाएगा. (MP becomes number 1 wheat export) (MP overtakes Gujarat in wheat export) (New agricultural export policy soon)

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