भोपाल। विधानसभा की कार्रवाई वैसे तो पांच दिन चलती है, लेकिन 2 दिन में ही सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा. विपक्ष आदिवासी अत्याचार पर पहले दिन से आक्रामक दिखाई दिया. तो वहीं, सरकार ने सदन में जमकर बचाव की रणनीति अपनाई. लेकिन हंगामा लगातार होता गया और सत्ता व विपक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे.
कांग्रेस बेवजह बना रही आदिवासियों का मुद्दा: सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने कहा कि ''सर्वदलीय बैठक में यह फैसला हुआ था कि जो भी मुद्दे रहेंगे उनमें विपक्ष मुद्दे उठाएगा और सरकार उनका जवाब देगी, लेकिन विपक्ष की मंशा ही नहीं थी कि सदन चले. इसलिए आदिवासियों को मुद्दा बनाकर कांग्रेसी दूसरे दिन भी हंगामा करते रहे.'' अरविंद भदौरिया कहना है कि ''हमने आदिवासियों के लिए इतना किया जितना कांग्रेस करने का सोच भी नहीं सकती. जहां तक आदिवासी अत्याचार का मामला है तो प्रदेश में इस तरह की कोई घटना होती है तो तुरंत एक्शन लिया जाता है, लेकिन कांग्रेस बेवजह आदिवासियों का मुद्दा बनाकर हंगामा मचाती रही और सदन का कीमती वक्त भी बर्बाद किया.''
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विधानसभा सत्र को आज ही खत्म करने की साजिश की जा रही। जनता के मुद्दों से भागना है शिवराज को!@ChouhanShivraj @OfficeOfKNath pic.twitter.com/ewBgFu5S0j
— Sajjan Singh Verma (@sajjanvermaINC) July 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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भाजपा के राज में आदिवासियों पर बढ़े अत्याचार: पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उसे आदिवासी विरोधी बताया. उनका कहना है कि ''लगातार प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार हो रही हैं और खास तौर से जो भी अत्याचार हैं वह बीजेपी वाले ही कर रहे हैं. सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती, सिर्फ दिखावे करती है. हम जब सदन में आदिवासियों का मुद्दा उठाते हैं या भ्रष्टाचार का तो सरकार हमारी बात नहीं सुनती और सदन की कार्रवाई को स्थगित कर दिया जाता है. महाकाल लोक में भी भारी भ्रष्टाचार हुआ, मूर्तियां हल्की हवा में उड़ गई और आज जब हमने महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार का मामला उठाया तो सत्ता पक्ष ने कोई जवाब नहीं दिया और हंगामा करने लगी.''