भोपाल। आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस अब बीजेपी की तर्ज पर अपने दिग्गजों को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है. दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में पार्टी के दिग्गजों को चुनाव में उतारने का निर्णय लिया गया है. तय किया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा को छोड़कर बाकी सभी सीनियर नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा जाए. हालांकि बताया जा रहा है कि पार्टी के दिग्गज अपने समर्थकों को चुनाव में उतारने की पैरवी कर रहे हैं. हालांकि अंतिम फैसला जल्द ही दिल्ली में होने वाली सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में लिया जाएगा.
दिग्गी और तन्खा को छोड़ सभी उतरेंगे मैदान में: प्रदेश के चुनावी रण में बीजेपी उम्मीदवारों की तीन सूची जारी कर चुकी है. पहली सूची में 39 उम्मीदवारों के नामों का बीजेपी ने ऐलान किया था. बीजेपी ने इसके जरिए जहां कांग्रेस पर अप्रत्यक्ष रूप से दवाब बनाने की कोशिश की. वहीं इससे लगातार हारने वाली सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार को चुनावी जमावट के लिए पर्याप्त समय भी मिला. दूसरी सूची में पार्टी ने अपने तमाम दिग्गजों मसलन, कैलाश विजयवर्गीय, नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल को मैदान में उतार दिया. हालांकि कांग्रेस में उम्मीदवारों को लेकर अभी मंथन चल रहा है.
कांग्रेस से बड़े नेता लड़ सकते हैं चुनाव: बताया जा रहा है कि दिल्ली में हुई कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में करीब 80 उम्मीदवारों के नामों को तय कर लिया गया है. इसमें 65 विधायक और 15 कांग्रेस के सीनियर नेता भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि चुनाव मैदान से सिर्फ राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और विवेक तंखा को ही बाहर रखा गया है. तय किया गया है कि कमलनाथ, अरुण यादव, सुरेश पचौरी जैसे तमाम सीनियर नेताओं को चुनाव में उतारा जाएगा. कांग्रेस ने सूची तैयार कर सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को भेज दिया है. कमेटी की बैठक 8 अक्टूबर को होने जा रही है. माना जा रहा है कि श्राद्ध पक्ष समाप्त होते ही कांग्रेस की पहली सूची जारी कर दी जाएगी. बताया जा रहा है कि यदि इसके पहले चुनाव आचार संहित लागू हो गई तो यह सूची पहले भी जारी हो सकती है.
सीनियर नेता चुनाव लड़ने के मूड में नहीं: उधर कांग्रेस के कई सीनियर नेता विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरने के स्थान पर अपने समर्थकों को मैदान में उतारने की कोशिश कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि दिल्ली में हुई बैठक में भी कांग्रेस के सीनियर लीडर्स ने संभावित विधानसभा सीटों पर अपने समर्थकों के नामों को ही आगे बढ़ाया है. उधर अरुण यादव विधानसभा चुनाव मैदान में उतरने से मना कर चुके हैं. हालांकि इसको लेकर कांग्रेस नेत्री शोभा ओझा से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि "चुनाव लड़ना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता है."
बीजेपी ने कसा तंज: कांग्रेस का छोटे से लेकर बड़ा कार्यकर्ता चुनाव लड़ने को तैयार है, पार्टी जिसे कहेगी, वह चुनाव मैदान में उतरेगा. वैसे बीजेपी घबराई हुई है, इसलिए उन्होंने अपने सीनियर नेताओं को टिकट दिया है, लेकिन यह हमारे लिए जरूरी नहीं है कि हम भी अपने सीनियर नेताओं को चुनाव में उतारें. उधर बीजेपी प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस भगदड़ पार्टी मच गई है. बड़े नेता लगातार चुनाव मैदान से भाग रहे हैं. दिग्विजय सिंह लड़ नहीं रहे. अरुण यादव, तंखा ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया. कमलनाथ, पचौरी का लड़ने का मन नहीं है. सभी को परिणाम पता है, इसलिए चुनावी मैदान में कांग्रेस नेताओं का पलायन जारी है.
गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कमलनाथ ने किसी भी सीट से चुनाव नहीं लड़ा था. सत्ता में आने के बाद उन्होंने छिंदवाड़ा की एक सीट पर उपचुनाव में वे जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. अरुण यादव को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ बुधनी से मैदान में उतारा गया था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे.