भोपाल (IANS)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान हो चुका है और 3 दिसंबर को होने वाली मतगणना से पहले कई नौकरशाहों पर गंभीर आरोप लगने लगे हैं. चुनाव नतीजे आने के बाद इन अफसरों को सबक सिखाए जाने तक की बयानबाजी हो रही है.
8 कलेक्टर और 4 एसपी पर लगे पक्षपात के आरोप: दरअसल, राज्य में मतदान के दौरान कई स्थानों पर गड़बड़ी की शिकायतें आईं और उसमें प्रशासनिक अधिकारियों पर भी पक्षपात करने के आरोप लगे. सत्ताधारी दल भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से खुलकर आरोप लगाए गए. इतना ही नहीं दोनों दलों के प्रतिनिधिमंडलों ने चुनाव आयोग में शिकायत की. ऐसे में 8 कलेक्टर और 4 एसपी के खिलाफ चुनाव के बाद एक्शन हो सकता है. बता दें कि इनमें नरसिंहपुर, छतरपुर और भिंड कलेक्टर की शिकायत भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही की है.
लगभग एक दर्जन कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक पर गंभीर आरोप: राज्य में लगभग एक दर्जन ऐसे कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक हैं, जिनके खिलाफ दोनों राजनीतिक दलों की ओर से गंभीर आरोप लगाए गए हैं और शिकायतें की गई हैं. कांग्रेस ने तो अपने कार्यकर्ताओं से ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की भी सूची मंगाई है, जिन्होंने चुनाव के दौरान सत्ताधारी दल का कथित साथ दिया है.
भाजपा पक्षपात करने वाले अफसरों को सबक सिखाएगी: भाजपा की ओर से भी ऐसे अफसरों को सबक सिखाए जाने की बात की जा रही है, जिन्होंने मतदान के दौरान मनमानी की है. भाजपा ने नरसिंहपुर कलेक्टर- रिजु बाफना, रतलाम कलेक्टर- भास्कर लक्षकार, भिंड कलेक्टर- संजीव श्रीवास्तव और निवाड़ी के एसपी अंकित जायसवाल को हटाने की मांग की है. जानकारों का कहना है कि दोनों ही राजनीतिक दल यह मानकर चल रहे हैं कि चुनाव नतीजे काफी कशमकश भरे रहने वाले हैं. (BJP Congress to teach lesson to biased officers )
20 से अधिक राज्य प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज: इसके अलावा 20 से अधिक राज्य प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज हुई है. इन स्थितियों में प्रशासनिक मशीनरी पर दबाव बनाने का एक ही तरीका है और वह है उन पर पक्षपात के आरोप लगाना. इसी के चलते दोनों ही राजनीतिक दल दबाव बनाने और बढ़ाने के लिए नौकरशाहों पर आरोप लगा रहे हैं. हां, यह बात भी सही है कि कुछ अफसरों ने मनमानी तो की ही है.