भोपाल। विकास और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर सवार होकर प्रदेश के चुनावी मैदान में उतरी बीजेपी छत्रपति शिवाजी के मुद्दे को लेकर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर रही है. छत्रपति शिवाजी के मुद्दे को लेकर बीजेपी महाराष्ट्र की सीमावर्ती 19 विधानसभा सीटों के अलावा ग्वालियर और मालवा के कई इलाकों को साधने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक बीजेपी वैसे भी राष्ट्रवादी मुद्दों को उठाती रही है. इस बार के चुनाव में बीजेपी हर वह मुद्दा उठाना चाहता है कि जिससे कांग्रेस की छवि को नुकसान हो और पार्टी को फायदा हो.
शिवाजी प्रतिमा के लोकार्पण से उठा मुद्दाः दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को छिंदवाड़ा की सौंसर विधानसभा क्षेत्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया. यह सीट महाराष्ट्र सीमा से लगी हुई है. प्रतिमा के अनावरण के साथ बीजेपी ने दो साल पुराना कमलनाथ सरकार के समय का वीडियो भी जारी किया. इस वीडियो में बुलडोजर से शिवाजी की प्रतिमा को गिराया जा रहा है. सीएम शिवराज ने कमलनाथ पर जमकर हमला बोला और कहा कि हम तो गुंडों के घरों पर बुलडोजर चलाते हैं. आपने छत्रपति शिवराज महाराज की प्रतिमा पर ही बुलडोजर चलवा दिया. सीएम शिवराज ने सोमवार को फिर कमलनाथ से सवाल किया है. उन्होंने पूछा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर बुलडोजर क्यों चलाया था? उधर कांग्रेस इस मुद्दे पर बैकफुट पर है. कांग्रेस ने कहा है कि कमलनाथ सरकार के दौरान प्रतिमा के लिए 5 लाख रुपए की राशि जारी की थी.
शिवराज का चुनावी प्रश्न पत्र तैयार, कांग्रेस बोली- 19 साल वाले सीएम 15 महीने वाले से पूछ रहे सवाल
महाराष्ट्र से लगती हैं प्रदेश की 19 विस सीटेंः देखा जाए तो महाराष्ट्र सीमा से मध्यप्रदेश के 8 जिलों की 19 विधानसभा सीटें लगती हैं. इन सीटों में 10 सीटों पर कांग्रेस, 3 सीटों पर निर्दलीय और 6 सीटों पर बीजेपी पिछला चुनाव जीती थी. छिंदवाड़ा की सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का दबदबा लंबे समय से रहा है. छिंदवाड़ा जिले की सीमा से लगी सौंसर विधानसभा क्षेत्र में सीएम शिवराज ने छत्रपति शिवाजी का मुद्दा उठाया है. बालाघाट जिले की महाराष्ट्र सीमा से लगी तीन सीटों में से दो पर कांग्रेस और एक पर निर्दलीय विधायक है. सिवनी जिले की 4 विधानसभा सीटों में से सीमा से लगी दो विधानसभा सीटों पर कांग्रेस काबिज है. बैतूल जिले की 5 विधानसभा सीटों में से 3 की सीमा महाराष्ट्र को छूती हैं. इन तीनों सीटों पर कांग्रेस काबिज है. बड़वानी जिले की 3 विधानसभा सीटें महाराष्ट्र की सीमा से लगी हुई हैं. इनमें से दो पर कांग्रेस और एक सीट पर बीजेपी है. खरगौन जिले की दो सीटें सीमा से लगी हुई हैं. जिसमें से एक पर निर्दलीय और एक पर कांग्रेस का कब्जा है. बुरहानपुर जिले की सीमा से लगी दो विधानसभा सीटों में से एक पर निर्दलीय और एक पर कांग्रेस है. खंडवा जिले की एक सीट सीमा से लगी हुई है, जिस पर बीजेपी काबिज है.
क्या कहते हैं राजनीति के जानकारः राजनीति के जानकारों के मुताबिक बीजेपी ऐसे किसी मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहती, जिससे लोगों को आकर्षित किया जा सके. छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर मध्यप्रदेश के ग्वालियर, इंदौर और सीमावर्ती जिलों में ज्यादा जुड़ा रहा है. विशेज्ञकों का मानना बीजेपी की मौजूदा स्थिति 2003 या 2013 वाली नहीं है. 2018 में तो पार्टी सरकार के लिए जरूरी आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाई थी. आगामी चुनाव को लेकर बीजेपी किसी भी मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहती. एक तरह से उनकी स्थिति बूंद-बूंद से घड़ा भरने वाली है. छत्रपति शिवाजी का जो मुद्दा बीजेपी ने उठाया है. उसका पार्टी को लाभ ही होगा. खासतौर से महाराष्ट्र से लगे सीमावर्ती जिलों में.