भोपाल। विंध्य और महाकौशल के बाद अब सूबे के बुंदेलखंड इलाके में सियासी सरगर्मी बढ़ने जा रही हैं. 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और 13 अगस्त को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बुंदेलखंड के सागर पहुंच रहे हैं. इनसे पहले उत्तर प्रदेश से सटे बुंदेलखंड क्षेत्र में चुनावी शंखनाद करने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी 5 और 6 अगस्त को सागर पहुंचने जा रहे हैं. इन सभी के निशाने पर हैं बुंदेलखंड क्षेत्र की 29 विधानसभा सीटें, जिनमें अनुसूचित जाति वर्ग के 22 फीसदी मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
बुंदेलखंड में तैयार हो रही चुनावी बिसात: मध्यप्रदेश ने पिछले सालों में विकास की खूब दौड़ लगाई, लेकिन इस दौड़ में बुंदेलखंड क्षेत्र आज भी पिछड़ा दिखाई देता है. लेकिन यही पिछड़ा क्षेत्र विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के लिए अहम बन गया है. बुंदेलखंड क्षेत्र में सागर, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़, निवाड़ी और पन्ना जिले आते हैं. इन छह जिलों में 26 विधानसभा सीटें आती हैं. दतिया की 3 सीटों को और मिला लिया जाए तो यह 29 सीटें होती हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में इन 29 सीटों में से 19 सीटें बीजेपी, कांग्रेस के पास 8 और सपा-बसपा के पास 1-1 सीट हैं. बुंदेलखंड में जातिवाद जमकर हावी है. यहां 22 फीसदी मतदाता अनुसूचित जाति वर्ग के हैं. इसके अलावा 18 फीसदी सवर्ण, 26 फीसदी ओबीसी और 34 फीसदी अन्य मतदाता है. यही वजह है कि विधानसभा चुनाव के पहले राजनीतिक पार्टियां जातिगत समीकरणों को अभी से साधने में जुट गईं हैं.
बुंदेलखंड की किस सीट पर कौन काबिज
कांग्रेस- देवरी, बंडा, महाराजपुर, छतरपुर, राजनगर, दमोह, भांडेर, गुन्नौर
बीजेपी- रहली, सुरखी, खुरई, सागर, नरयावली, बीना, बड़ा मलहरा, चंदला, हटा, जबेरा, टीकमगढ़, निवाड़ी, जतारा, खरगापुर, दतिया, सेवढ़ा, पन्ना, पवई, पृथ्वीपुर
सपा- बिजावर
बसपा- पथरिया
संत रविदास मंदिर के जरिए पिछड़ी जातियों को साधने की तैयारी: बुंदेलखंड की पिछड़ी जातियों का भरोसा जीतने के लिए बीजेपी सामाजिक समरसता अभियान चलाने जा रही है. इसके लिए सागर में संत रविदास मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन कर मंदिर की आधारशिला रखने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 अगस्त को सागर आ रहे हैं. यह मंदिर करीब 100 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है. इस मंदिर के निर्माण के लिए मिट्टी और जल का संग्रहण और जनजागरण अभियान किया जा रहा है. इसके जरिए बीजेपी अनुसूचित जाति वर्ग को साधने की कोशिश कर रही है.
13 को कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे पहुंचेंगे: वैसे बुंदेलखंड को बीजेपी का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार चुनावी परिस्थितियां यहां बदली हुई हैं. बुंदेलखंड की गई विधानसभा सीटों पर बीजेपी की स्थिति कमजोर बताई जा रही है, हालांकि इसे भांपकर पार्टी यहां पहले से ही स्थिति सुधारने में जुटी हुई है. उधर कांग्रेस की तरफ से दिग्विजय सिंह बुंदेलखंड में मोर्चा संभाले हुए हैं. 13 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे यहां पहुंच रहे हैं. उनकी मध्यप्रदेश में यह पहली सभा होगी. सभा के जरिए कांग्रेस का फोकस अनूसूचित जाति वर्ग को साधने का है. उधर ओबीसी वर्ग को साधने के लिए पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरूण यादव भी लगातार दौरे कर रहे हैं.
सपा-बसपा बिगाड़ते हैं गणित: उत्तरप्रदेश की सीमा से सटे बुंदेलखंड क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर सपा-बसपा जातिगत वोटों में सेंधमारी कर बीजेपी-कांग्रेस का चुनाव गठित गड़बड़ाती हैं. यहां की एक सीट पर बीएसपी और एक पर सपा काबिज है. यही वजह है कि दोनों ही पार्टियां यहां अपनी पकड़ और मजबूत करने में जुटी हैं. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 5 और 6 अगस्त को दो दिन के दौरे पर सागर आ रहे हैं. वे यहां कार्यकर्ता सम्मेलन कर पार्टी में जान फूंकने की कोशिश करेंगे.
सज्जन बोले-बीजेपी घबराई, बीजेपी का पलटवार: सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि ''हमारे नेता इस प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों की खाक छान चुके हैं. जिस तरह बीजेपी बार-बार नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को मध्यप्रदेश बुला रही है, इससे साफ समझ आता है कि बीजेपी घबराई हुई है. CM शिवराज के चेहरे पर उन्हें विश्वास नहीं रहा. कर्नाटक चुनाव में मोदी ने दिल्ली में ताला लगा दिया और पूरी कैबिनेट को लेकर कर्नाटक में 1 माह तक रहे.'' उधर पीएम नरेन्द्र मोदी के सागर दौरे को लेकर बीजेपी प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा कहते हैं कि ''हमारी नजर पूरे प्रदेश पर है. पहले पीएम नरेन्द्र मोदी भोपाल आए, अमित शाह बालाघाट आए. अलग-अलग जगह का दौरा चलेगा. बुंदेलखंड का दौरा बन रहा है, तो दूसरे क्षेत्रों का भी दौरा होगा. हमारा फोकस किसी क्षेत्र का नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश पर है. इसलिए हर क्षेत्र में हर बडे़ नेता का दौरा होगा.''