भोपाल। क्या एमपी विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस सिंधिया के खिलाफ गद्दार कैंपेन छेड़ेगी. राहुल गांधी की सदस्यता के मामले में हमलावर हुए सिंधिया के खिलाफ कांग्रेस ने भी हमले तेज कर दिये हैं. कांग्रेस में जयराम रमेश के बाद अब दिग्विजय सिंह मोर्चा संभाल चुके हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया और जयराम रमेश के बीच सोशल मीडिया पर छिड़ी ट्विटर वॉर अब दिग्गी राजा और महाराज की लड़ाई में तब्दील हो चुकी है. बता दें कि कांग्रेस में रहते हुए भी ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्गी राजा दो दिशाएं ही थे. 2020 के बाद तो इन दो नेताओं के बीच खाई और गहरी हो गई.
राहुल गांधी पर सिंधिया ने मोर्चा संभालाः फर्क इतना था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस को हमले का कोई मौका नहीं दे रहे थे. उन्होंने एहतियात बरती की राहुल गांधी पर सीधा हमला ना बोलें. लेकिन इस बार जिस तरह से राहुल गांधी पर बीजेपी की ओर से सिंधिया ने मोर्चा संभाला है. पहले जयराम रमेश और अब दिग्विजय सिंह का हमला इसमें अपेक्षित था. दिग्विजय सिंह ने बाकायदा सिंधिया के कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक के राजनीतिक सफर को बयां करती शार्ट फिल्म के जरिए बताया है कि किस तरह से सिंधिया ने कांग्रेस में सत्ता का सुख पाया और सारे पद लिए फिर पार्टी को छोड़ दिया. उन्होंने इसे शेयर करते हुए ट्वीट किया है कि गुलाम नबी आजाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रहकर सत्ता का सुख भोग चुके हैं अब कांग्रेस की आलोचना कर रहे हैं. राहुल गांधी के प्रति अपमान जनक भाषा का उपयोग कर रहे हैं. दिग्विजय सिंह ने पूछा है कि इन्हें गद्दा ना कहें तो क्या कहें.
यहां से शुरू हुआ था विवादः सिंधिया ने राहुल गांधी के खिलाफ प्रेस कान्फ्रेंस करके हमला बोला है. उसके ठीक बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश मैदान में उतरे उन्होंने ट्वीट किया और कहा कि इतिहास की कोई भी किताब उठा लीजिए 1857 में झांसी की रानी के साथ गद्दारी के मुद्दे पर सारे इतिहासकार एकमत हैं. आगे जयराम रमेश ने लिखा है कि आपके नए भगवान सावरकर ने भी अपनी किताब 1857 का स्वतंत्र समर में भी रानी लक्ष्मी बाई तात्याटोपे के बारे में जिक्र किया है. इतिहास की किताब के इस हिस्से को रेखांकित करके जयराम रमेश ने सीधा हमला सिंधिया पर बोला था. जवाब में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी पलटवार किया. सिंधिया ने 1857 के शहीद तात्याटोपे के वंशज पराग टोपे की किताब ऑपरेशन रेड लोटस का संदर्भ दिया और कहा कि हम मराठे, सिंधिया, पेशवा और झांसी के नवालकर अंग्रेंजों के खिलाफ एकजुट थे. उन्होंने आगे लिखा कि मराठा आज भी एक हैं. कृपया ये विभाजनकारी राजनीति बंद कीजिए.
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इतिहास की कोई किताब उठा लीजिये। 1857 में रानी झांसी के साथ गद्दारी के मुद्दे पर सभी इतिहासकार एकमत हैं। आपके नये भगवान सावरकर ने भी अपनी किताब '1857 का स्वातंत्र समर' में रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे और अन्य लोगों के साथ सिंधिया की गद्दारी का जिक्र किया है। इतिहास आप पढ़िये https://t.co/kbgI0XPp54
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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दिग्विजय सिंह से जुड़ी खबरें... |
दिग्विजय सिंह ने गद्दार पॉलिटिक्स को नए सिरे गरमाया: दिग्विजय सिंह सिंधिया पर हमले का कोई मौका यूं भी नहीं छोड़ते हैं. लेकिन, जबसे राहुल गांधी पर सिंधिया ने सीधा हमला बोला है. उसके बाद से तो तय था कि दिग्विजय केवल मौका और दस्तूर देख रहे हैं, जहां मौका लगा दिग्विजय सिंह ने गद्दार पॉलिटिक्स को नए सिरे गरमा दिया है.
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गुलाम नबी आज़ाद व ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रह कर सारे पद पा कर सत्ता सुख भोग कर अब कॉंग्रेस की आलोचना कर रहे हैं। राहुल जी @RahulGandhi के प्रति आपत्तिजनक भाषा का उपयोग कर रहे हैं।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) April 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
इन्हें ग़द्दार ना कहें तो क्या कहें?
@INCIndia https://t.co/zcaqvsid3y
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इन्हें ग़द्दार ना कहें तो क्या कहें?
@INCIndia https://t.co/zcaqvsid3yगुलाम नबी आज़ाद व ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रह कर सारे पद पा कर सत्ता सुख भोग कर अब कॉंग्रेस की आलोचना कर रहे हैं। राहुल जी @RahulGandhi के प्रति आपत्तिजनक भाषा का उपयोग कर रहे हैं।
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इन्हें ग़द्दार ना कहें तो क्या कहें?
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