भोपाल। पूर्व मंत्री दीपक जोशी का बीजेपी छोड़ना तकरीबन तय हो गया है. दीपक जोशी ने भोपाल में अपना सरकारी मकान भी खाली कर दिया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेरा बीजेपी छोड़ना अब तय है. 6 मार्च को दीपक जोशी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. हालांकि चुनावी साल में इस बड़े झटके को संभालने आखिरी दम तक बीजेपी कोशिश कर रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मीडिया में बयान जारी कर इस मामले को संभालने के संकेत देते हुए कहा था कि दीपक जोशी हमारे वरिष्ठ सदस्य हैं, छोटी मोटी बातें होती रही हैं. हम संवाद से सब समाधान निकाल लेंगे. हालांकि बीजेपी के मान मनौव्वल का अब दीपक जोशी पर असर होता दिखाई नहीं दे रहा.
कांग्रेस में रोशन होगा बीजेपी का दीपक: लंबे वक्त से पार्टी में हाशिए पर रहे पूर्व मंत्री दीपक जोशी अब पार्टी में रुकने के मूड में नहीं दिख रहे. ईटीवी भारत से हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि वे बीजेपी छोड़ना तय कर चुके हैं और 6 मई को कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. इसके पहले उन्होंने भोपाल का सरकारी आवास भी खाली कर दिया. हालांकि आखिरी दम तक बीजेपी की ओर से दीपक जोशी को मनाए जाने की कोशिशें जारी हैं. उनके इन तेवरों के पहले प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा बयान जारी कर ये कह चुके थे कि दीपक जोशी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य हैं. अगर कोई छोटी-मोटी बात होगी तो उसे संभाल लिया जाएगा.
दीपक जोशी की बगावत बड़ा झटका कैसे: चुनावी साल में दीपक जोशी की बगावत बीजेपी के लिए बड़ा झटका है. वो इसलिए कि दीपक जोशी राजनीतिक परिवार की जिस वंशबेल से आते हैं. वो पार्टी के संत कहे जाने वाले कैलाश जोशी की है. बीजेपी की एमपी में जड़े सींचने वाले वो कैलाश जोशी जिनकी मध्यप्रदेश में बीजेपी को खड़ा करने और सत्ता तक पहुंचाने में अहम भूमिका रही है. दीपक जोशी की बगावत ये संकेत है कि मध्यप्रदेश बीजेपी में नई और पुरानी बीजेपी के बीच की लकीर और गहरी हो चुकी है.
कुछ खबरें यहां पढ़ें |
2018 की हार के बाद से दरकिनार चल रहे हैं जोशी: बागली सीट पारंपरिक सीट रही जोशी परिवार की जिस पर पहले दिवंगत नेता कैलाश जोशी ने चुनाव लड़ा और जीता फिर उनके बेटे दीपक जोशी यहां से चुनाव लड़कर जीते. फिर जब ये सीट रिजर्व हो गई तो दीपक जोशी ने हाटपिपल्या विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा. साल 2008 और 2013 इन दो विधानसभा चुनाव में दीपक जोशी इस सीट से चुनाव जीते. 2018 के विधानसभा चुनाव में जब दीपक जोशी इस सीट से हार गए. उसके बाद से ही बीजेपी में उनके अच्छे दिन खत्म हो गए. नौबत यहां तक आ गई की जनता से जुड़े कई मुद्दों को लेकर बीजेपी के पूर्व मंत्री को अपनी ही सरकार में धरने पर बैठना पड़ा. पीएम आवास योजना में गड़बड़ी को लेकर दीपक जोशी पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिख चुके हैं .