भोपाल। कांग्रेस में लंबे वक्त से हाशिए पर चल रहे अरुण यादव और अजय सिंह ने एक बार फिर एक के बाद पीसीसी चीफ कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अरुण यादव के बाद पूर्व मंत्री अजय सिंह ने कहा है कांग्रेस में भावी मुख्यमंत्री की कोई परंपरा ही नहीं रही है. कोई इस तरह से खुद को भावी मुख्यमंत्री भी कहता नहीं है. मीडिया से हुई इस बातचीत के दौरान अजय सिंह का एक बयान गौर करने वाला है. जहां वो कहते हैं कि ऑफ द रिकार्ड हमसे पूछो कि गुटबाजी कहां हो रही है.
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ऐसे तो कोई कहता भी नहीं भावी मुख्यमंत्री: पूर्व मंत्री अजय सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा कि कांग्रेस में भावी मुख्यमंत्री की कोई बात ही नहीं है. जब भी चुनाव हुए कांग्रेस की परंपरा रही है कि मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार विधायक दल ही चुनता है. उन्होंने कहा कि कोई इस तरह से खुद को भावी मुख्यमंत्री कहता भी नहीं है. अजय सिंह ने मुस्कुराते हुए ये भी बोले कि मैं तो यही कह सकता हूं अपने आप को कि मैं भावी विधायक बनना चाहता हूं बाकी और कुछ नहीं. इस दौरान अजय सिंह कहते हैं कि ऑफ द रिकार्ड कुछ बात करना चाह रहे होंगे, लेकिन वो ये कहते हुए ऑन द रिकार्ड आ गए कि हम से पूछो गुटबाजी कहां हो रही है.
अरुण यादव भी कर चुके हैं हमला: अजय सिंह से पहले अरुण यादव का ये बयान आ चुका है कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद ये तय होगा कि एमपी में कांग्रेस का अगला सीएम कौन होगा. अरुण यादव का कमलनाथ पर हमला बोलने का ये पहला मौका नहीं है. इसके पहले उन्होने गोडसे समर्थक रहे बाबूलाल चौरसिया को कांग्रेस में शामिल किए जाने पर भी सवाल उठाया था कि गांधी की पार्टी में गोडसे समर्थक का क्या काम. लंबे वक्त से कांग्रेस में कमलनाथ और अरुण यादव के बीच लकीर खींच रही है.
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मुझे केवल एमपी के भविष्य की चिंता: भावी सीएम को लेकर मची इस कलह के बीच पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भी ये साफ कर दिया कि उन्हें किसी पद की कोई लालसा नही हैं. उन्हे चिंता है तो केवल मध्यप्रदेश के भविष्य की. कांग्रेस में अजय सिंह और अरुण यादव के सुर बीते लंबे समय से कांग्रेस की ताल से अलग चल रहे हैं, लेकिन चुनावी साल में ये सुर ताल बिगड़ना बड़ा जोखिम हो सकता है. क्या इसकी पटकथा भारत जोड़ो यात्रा के दौरन अरुण यादव की अनदेखी के साथ लिखी जा चुकी थी. या पुराने ज़ख्म अब रिस कर इस शक्ल में बाहर आ रहे हैं.