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'अबकी बार 200 पार' बीजेपी का नारा खुद पर पड़ रहा भारी, फीडबैक जानने CM शिवराज को लेना पड़ी बैठक

मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा इलेक्शन होने वाले हैं. इसको लेकर सत्ताधारी दल भाजपा ने तैयारियां शुरु कर दी हैं. पार्टी का मैदानी फीडबैक जानने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास पर जिला कोर ग्रुप के साथ बैठकें की. इस दौरान सिंधिया समर्थक मंत्रियों के खिलाफ विधायकों और कार्यकर्ताओं का गुस्सा सामने आ गया.

CM Shivraj took district core group meeting
CM शिवराज ने ली जिला कोर ग्रुप की बैठक
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Published : Jun 18, 2023, 6:50 AM IST

CM शिवराज ने ली जिला कोर ग्रुप की बैठक

भोपाल। विधानसभा 2023 की ग्राउंड रिपोर्ट ने बीजेपी को परेशान कर दिया है. सूबे के मुखिया शिवराज सिंह को सामन्जस्य बैठाने के लिए जिला कोर ग्रुप की बैठक मुख्यमंत्री निवास में करनी पड़ी. ये पहला मौका है जब सीएम शिवराज ने महाकौशल, बुंदेलखंड ग्वालियर चंबल, विंध्य के जिला कोर ग्रुप सदस्यों को बुलाकर ग्राउंड रियल्टी जाना. सिंधिया समर्थक मंत्रियों के खिलाफ माहौल गर्मा गया है. पार्टी कार्यकर्ताओं ने सीएम से साफ कह दिया कि सिंधिया समर्थक मंत्री की वजह से हम पार्टी के लिए काम नहीं कर पा रहे हैं.

सिंधिया के मंत्रियों की खोली पोल: सीएम निवास पर तीन दिन चली जिला कोर ग्रुप की बैठक में ग्वालियर चंबल आंचल में सिंधिया समर्थकों के खिलाफ गुस्सा जमकर फूट पड़ा. पार्टी सूत्रों के मुताबिक हाईकमान से मिले निर्देश के बाद सत्ता और संगठन ने समन्वय बनाने के लिए जिले के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करना शुरू कर दिया है. इन बैठकों में सिंधिया समर्थक मंत्रियों के खिलाफ विधायकों और कार्यकर्ताओं का गुस्सा सामने आया है.

मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया आरोप: सीएम हाउस में हुई गुना, शिवपुरी और अशोकनगर जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में कोलारस से भाजपा विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने मुख्यमंत्री से पंचायत मंत्री और शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया की शिकायत की. आरोप लगाया कि मंत्री सिसौदिया भाजपा के कार्यकर्ताओं पर झूठे केस दर्ज करवा रहे हैं. विधायक रघुवंशी ने सीएम से कहा कि ''इस तरह की बैठक का कोई मतलब नहीं है. जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा रहे हैं.'' इसके बाद वे उठकर बैठक से जाने लगे, तो सीएम समेत अन्य पार्टी नेताओं ने उन्हें रोका और विधायक को समझाइश दी गई.

अबकी बार 200 पार बना जुमला: बीजेपी नेताओं की आपसी तनातनी इस बार पार्टी के लिए भारी पड़ने लगी है. अपने आप को अनुशासन और कैडर बेस्ड कहने वाली पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा. 'अबकी बार 200 पार' का नारा पार्टी के नेताओं के लिए भी जुमला लगने लगा है. कोर ग्रुप सदस्यों ने जमीनी हकीकत दिखाई तो सीएम बोले हमारी योजनाएं सीधे जनता को लाभ दिलाने वाली हैं, तो फिर ऐसा क्यों हो रहा है. इसके जवाब में पदाधिकारियों ने कहा कि ''विकास के काम को लेकर बातें हो रही हैं, लेकिन जमीन पर वो नहीं दिख रहा.'' वहीं, प्रभारी मंत्रियों के व्यवहार को लेकर भी शिकायत की गई.

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सीएम ने लिया फीडबैक: सीएम शिवराज ने तीन दिन अलग अलग संभागों के जिला पदाधिकारी, विधायकों के साथ बैठक कर मैदानी स्थिति जानी. दरअसल पार्टी के नेगेटिव फीडबैक के बाद सत्ता और संगठन की सांसे फूली हैं. केंद्रीय हाईकमान ने एमपी को जिताने का बीड़ा उठाया है. लिहाजा इसी महीने प्रदेश में पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा के दौरे हैं. सीएम शिवराज भी लगातार बैठकें ले रहे हैं.

कांग्रेस ने क्या रणनीति तैयार की: वहीं, कांग्रेस भी अपनी चुनावी जमावट में जुटी हुई है. कमलनाथ लगातार दौरे कर रहे हैं तो वहीं दिग्विजय सिंह भी दौरे कर अपने संगठन और लोगों को एकजुट करने में जुट गए हैं. वहीं, कमलनाथ भी अधिकारियों पर नाराज होते दिखाई दे रहे हैं, उनके भाषण में वे अधिकारी निशाने पर हैं जो बीजेपी के समर्थन में जुटे हैं.

CM शिवराज ने ली जिला कोर ग्रुप की बैठक

भोपाल। विधानसभा 2023 की ग्राउंड रिपोर्ट ने बीजेपी को परेशान कर दिया है. सूबे के मुखिया शिवराज सिंह को सामन्जस्य बैठाने के लिए जिला कोर ग्रुप की बैठक मुख्यमंत्री निवास में करनी पड़ी. ये पहला मौका है जब सीएम शिवराज ने महाकौशल, बुंदेलखंड ग्वालियर चंबल, विंध्य के जिला कोर ग्रुप सदस्यों को बुलाकर ग्राउंड रियल्टी जाना. सिंधिया समर्थक मंत्रियों के खिलाफ माहौल गर्मा गया है. पार्टी कार्यकर्ताओं ने सीएम से साफ कह दिया कि सिंधिया समर्थक मंत्री की वजह से हम पार्टी के लिए काम नहीं कर पा रहे हैं.

सिंधिया के मंत्रियों की खोली पोल: सीएम निवास पर तीन दिन चली जिला कोर ग्रुप की बैठक में ग्वालियर चंबल आंचल में सिंधिया समर्थकों के खिलाफ गुस्सा जमकर फूट पड़ा. पार्टी सूत्रों के मुताबिक हाईकमान से मिले निर्देश के बाद सत्ता और संगठन ने समन्वय बनाने के लिए जिले के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करना शुरू कर दिया है. इन बैठकों में सिंधिया समर्थक मंत्रियों के खिलाफ विधायकों और कार्यकर्ताओं का गुस्सा सामने आया है.

मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया आरोप: सीएम हाउस में हुई गुना, शिवपुरी और अशोकनगर जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में कोलारस से भाजपा विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने मुख्यमंत्री से पंचायत मंत्री और शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया की शिकायत की. आरोप लगाया कि मंत्री सिसौदिया भाजपा के कार्यकर्ताओं पर झूठे केस दर्ज करवा रहे हैं. विधायक रघुवंशी ने सीएम से कहा कि ''इस तरह की बैठक का कोई मतलब नहीं है. जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा रहे हैं.'' इसके बाद वे उठकर बैठक से जाने लगे, तो सीएम समेत अन्य पार्टी नेताओं ने उन्हें रोका और विधायक को समझाइश दी गई.

अबकी बार 200 पार बना जुमला: बीजेपी नेताओं की आपसी तनातनी इस बार पार्टी के लिए भारी पड़ने लगी है. अपने आप को अनुशासन और कैडर बेस्ड कहने वाली पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा. 'अबकी बार 200 पार' का नारा पार्टी के नेताओं के लिए भी जुमला लगने लगा है. कोर ग्रुप सदस्यों ने जमीनी हकीकत दिखाई तो सीएम बोले हमारी योजनाएं सीधे जनता को लाभ दिलाने वाली हैं, तो फिर ऐसा क्यों हो रहा है. इसके जवाब में पदाधिकारियों ने कहा कि ''विकास के काम को लेकर बातें हो रही हैं, लेकिन जमीन पर वो नहीं दिख रहा.'' वहीं, प्रभारी मंत्रियों के व्यवहार को लेकर भी शिकायत की गई.

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सीएम ने लिया फीडबैक: सीएम शिवराज ने तीन दिन अलग अलग संभागों के जिला पदाधिकारी, विधायकों के साथ बैठक कर मैदानी स्थिति जानी. दरअसल पार्टी के नेगेटिव फीडबैक के बाद सत्ता और संगठन की सांसे फूली हैं. केंद्रीय हाईकमान ने एमपी को जिताने का बीड़ा उठाया है. लिहाजा इसी महीने प्रदेश में पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा के दौरे हैं. सीएम शिवराज भी लगातार बैठकें ले रहे हैं.

कांग्रेस ने क्या रणनीति तैयार की: वहीं, कांग्रेस भी अपनी चुनावी जमावट में जुटी हुई है. कमलनाथ लगातार दौरे कर रहे हैं तो वहीं दिग्विजय सिंह भी दौरे कर अपने संगठन और लोगों को एकजुट करने में जुट गए हैं. वहीं, कमलनाथ भी अधिकारियों पर नाराज होते दिखाई दे रहे हैं, उनके भाषण में वे अधिकारी निशाने पर हैं जो बीजेपी के समर्थन में जुटे हैं.

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