भोपाल। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में महिलाओं का बोलबाला देखने को मिल रहा है. दोनों राजनीतिक दल आधी आबादी को साधने की कोशिश में जुटे हुए हैं. वहीं बीजेपी महिला मोर्चा महिलाओं को साधने के लिए लोकल फेस्टिवल का सहारा लेने जा रही है. बताया जा रहा है कि बीजेपी महिलाओं के साथ लोकल फेस्टिवल मनाने जा रही है. वहीं बीजेपी के इस नए प्लान पर कांग्रेस ने निशाना साधा है और महिला अपराधों के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
लोकल फेस्टिवल बनेगा जरिया: प्रदेश में चुनावी दंगल में महिला वोटर बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. सत्ता के परिवर्तन के लिए प्रदेश में करीब 2.60 करोड़ महिला वोटर हैं. जहां बीजेपी सरकार महिलाओं के लिए तमाम योजना लाकर महिला वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रही है. महिला मोर्चा लोकल फेस्टिवल के जरिए महिला वोटरों को जोड़ने की कोशिश करती हुई दिखाई देगी. वहीं राखी संग पाती, रक्षाबंधन सम्मेलन, लाडली बहना योजना, सेल्फी सम्मेलन जैसे तमाम आयोजन कर प्रदेश की महिलाओं को साधने को कोशिश में दिखाई देगी. हालांकि बीजेपी महिला मोर्चा ने मध्य प्रदेश के 57 जिलों में प्रभारी नियुक्त किए हैं. वहीं 3 महीने का कार्यक्रम भी जारी किया है.
बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टी महिला वोटों को साधना शुरू.
- प्रदेश में करीब 2.60 करोड़ महिला वोटर.
- 2018 के चुनाव में बीजेपी को महिलाओं का 2% वोट ज्यादा मिला थे.
- प्रदेश के 18 विधानसभा सीटों में पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला वोटर्स की संख्या अधिक.
- डिंडोरी, विदिशा, देवास, मंडला, बैहर, परसवाड़ा, बालाघाट, वारासिवनी, बरघाट, पानसेल, अलीराजपुर, जोबट, झाबुआ, सरदारपुर थांदला, पेटलावद, कुक्षी, सैलानी विधानसभा में महिलाओं की संख्या बढ़ी.
- 2013 में पुरुषों का वोट प्रतिशत 73.95 फीसदी और महिलाओं का 70.11 फीसद था.
- 2018 में महिलाओं के वोट प्रतिशत में 3.75 फीसद इजाफा हुआ था.
कांग्रेस के सीएम शिवराज पर निशाना: गेम चेंजर के तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बार मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना लेकर आए है. वहीं कांग्रेस ने वादा किया है आने वाले समय में सरकार आती है तो नारी सम्मान योजना के तहत महिलाओं को 1500 रुपए महीना दिया जाएगा. सिलेंडर भी 500 रुपए में देंगे. वहीं महिलाओं को साधने के लिए इस बार कांग्रेस अलग से महिला वचन पत्र भी ला सकती है. वहीं कांग्रेस भी महिलाओं के लाभकारी योजना की बात करती हुई दिखाई दे रही है. कांग्रेस का कहना है कि जहां प्रदेश में महिला अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं. दुख की बात यह है की महिलाओं पर अत्याचार कोई और नहीं बल्कि बीजेपी के नेता ही कर रहे हैं.
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कांग्रेस-बीजेपी की कोशिश: 2023 के चुनाव में कुछ महीने बाकी है. दोनों पार्टी महिला वोटरों को लुभाने की जी तोड़ कोशिश कर रही है. बीजेपी महिला मोर्चा लोकल फेस्टिवल और प्रदेश सरकार की योजनाओं से महिलाओं को जोड़ रही हैं तो वहीं कांग्रेस ये संदेश दे रही है कि बीजेपी सिर्फ चुनाव के वक्त ही उनको याद कर रही है.