भोपाल। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद कांग्रेस उत्साहित नजर आ रही है. अब कांग्रेस की नजर मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव पर है. मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर 24 मई को दिल्ली में कांग्रेस की बड़ी बैठक होगी. कमलनाथ, दिग्विजय सिंह सहित टॉप लीडर बैठक में मौजूद रहेंगे. कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ ये बैठक होगी.
कांग्रेस की मध्यप्रदेश पर नजर: कर्नाटक चुनाव में मिली जीत के बाद कांग्रेस आलाकमान काफी उत्साहित है. कर्नाटक का फार्मूला अब आने वाले समय में उन राज्यों में भी लागू करने की तैयारी में हैं जहां पर विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में दक्षिण के बाद से अब सीधा असर उत्तर की ओर आते हुए मध्यप्रदेश पर ही पड़ेगा. मध्यप्रदेश में किस तरह से बीजेपी को घेरा जाए और उसके सॉफ्ट हिंदुत्व के मुद्दे को किस तरह से अपने पक्ष में किया जाए. इसको लेकर तमाम रणनीति कांग्रेस आलाकमान बनाने की तैयारी में हैं.
बैठक में यह रहेंगे शामिल: मध्यप्रदेश में इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अब दिल्ली में एक बड़ी बैठक होने जा रही है. 24 मई को यह बैठक दिल्ली में होगी, जहां मध्यप्रदेश के टॉप कांग्रेस के लीडर इस बैठक में शामिल होंगे. राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ विधानसभा चुनाव को लेकर इस बैठक में चर्चा होगी. इसमें पीसीसी चीफ कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, अजय सिंह, गोविंद सिंह, सुरेश पचोरी, कांतिलाल भूरिया जैसे कांग्रेसी नेता शिरकत करने जा रहा हैं.
जनता के मन में बीजेपी को लेकर उठ रहे सवाल: इस बैठक में 12 जून को होने वाले मध्यप्रदेश के जबलपुर में प्रियंका गांधी की सभा को लेकर भी चर्चा होगी. प्रियंका गांधी 12 जून को जबलपुर से विधानसभा चुनाव के अभियान का शंखनाद भी कर सकती हैं. ऐसा में कांग्रेस हर मुद्दे पर बीजेपी को घेरने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. कर्नाटक में भी प्रियंका गांधी ने प्रचार किया था और उसके सकारात्मक परिणाम भी वहां पर नजर आए. ऐसे में प्रियंका मध्यप्रदेश में भी अभी से बीजेपी को घेरने की तैयारी कर रही हैं. भले ही विधानसभा चुनाव में थोड़ा समय बचा हो, लेकिन कांग्रेस नहीं चाहती की किसी भी तरह से जनता बीजेपी के पक्ष में हो. कर्नाटक के बाद से कांग्रेस तो उत्साहित है ही लेकिन जनता के मन में भी बीजेपी को लेकर कई सवाल उठे हैं.
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मध्य प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब सत्ताधारी पार्टी ने चुनाव से 6 महीने पहले ही हार स्वीकार कर ली हो। मुख्यमंत्री सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता जनता के मुद्दों से पूरी तरह कट चुके हैं और कांग्रेस की जनहितैषी घोषणाओं से अपना संतुलन खो बैठे हैं।
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वे सब मिलकर सुबह शाम…
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— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 20, 2023
वे सब मिलकर सुबह शाम…मध्य प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब सत्ताधारी पार्टी ने चुनाव से 6 महीने पहले ही हार स्वीकार कर ली हो। मुख्यमंत्री सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता जनता के मुद्दों से पूरी तरह कट चुके हैं और कांग्रेस की जनहितैषी घोषणाओं से अपना संतुलन खो बैठे हैं।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 20, 2023
वे सब मिलकर सुबह शाम…
कमलाथ का ट्वीट: इधर, कमलनाथ ने भी अपने एक ट्वीट में कहा है कि "मध्य प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब सत्ताधारी पार्टी ने चुनाव से 6 महीने पहले ही हार स्वीकार कर ली हो. मुख्यमंत्री सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता जनता के मुद्दों से पूरी तरह कट चुके हैं और कांग्रेस की जनहितैषी घोषणाओं से अपना संतुलन खो बैठे हैं. वे सब मिलकर सुबह शाम मुझे कोसने में लगे हैं, लेकिन मध्यप्रदेश की सम्मानित जनता देख रही है की भाजपा के नेता मुझे नहीं मध्य प्रदेश के नव निर्माण के लिए की गई कमलनाथ की घोषणाओं को कोस रहे हैं."