भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भीम आर्मी ने चुनावी बिगुल फूंक दिया है. भोपाल के भेल दशहरा मैदान में भीम आर्मी ने शक्ति प्रदर्शन किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद में कहा कि जो हमारा मांग पत्र है, वही हमारा घोषणा पत्र है. अगले 9 माह संघर्ष के लिए तैयार हो जाइए. अगले नो माह बाद मध्य प्रदेश में आदिवासी वर्ग का मुख्यमंत्री पद पर बैठेगा. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार का बजट आने वाला है, लेकिन आपको घोषणाओं के जाल में फसना नहीं है, क्योंकि प्रदेश की सरकार ने आप से जो वादे किए थे, वह आज तक पूरे नहीं हुए.
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काशीराम का सपना अभी भी अधूरा: राजधानी भोपाल के भेल दशहरा मैदान में हुए कार्यक्रम में हिस्सा लेने प्रदेश भर से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पहुंचे. कार्यक्रम में रात से ही कार्यकर्ताओं का पहुंचना शुरू हो गया था. कार्यक्रम में 1 जनवरी से प्रदेश भर में निकाली गई सामाजिक न्याय यात्रा का भी समापन किया गया. कार्यक्रम में भीम आर्मी के अलावा जय युवा आदिवासी संगठन, ओबीसी महासभा, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और आजाद समाज पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी पहुंचे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि देश की आजादी से लेकर आजादी के बाद तक अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग का बड़ा योगदान रहा है, लेकिन आजादी के बाद इस वर्ग को पूरा लाभ नहीं मिला. चंद्रशेखर आजाद ने कहा अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग को मजबूत बनाने के लिए एक और लड़ाई लड़ने होगी. हमारे समाज को एकजुट होना होगा. हमने बीजेपी से बचने के लिए कांग्रेस की सरकार बनाई थी, लेकिन वह अपनी सरकार ही नहीं बचा पाई. इसलिए अब हमें खुद मजबूत होना होगा. उन्होंने मांग पत्र पढ़ते हुए कार्यकर्ताओं से कहा कि अब यही हमारा घोषणा पत्र है. सरकार हमारी मांगों को एक महीने के अंदर पूरा करे, नहीं तो इससे भी बड़ी संख्या में एक बार फिर हम भोपाल में जुटेंगे. उन्होंने कहा कि यदि 9 माह संघर्ष कर लिया तो यह मांग पत्र अपने आप पूरा हो जाएगा. काशीराम चाहते थे कि मुख्यमंत्री पद पर आदिवासी वर्ग का नेता बैठे, हमें इसे मध्य प्रदेश में लागू कराने का काम करेंगे.
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नेताओं को सुनने टावर पर चढ़े लोग: भीम आर्मी के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी. अपने नेताओं को सुनने के लिए लोग मोबाइल टावर और बस स्टॉप के ऊपर चढ़कर बैठ गए. उधर कार्यक्रम के बीच में मंच के नीचे शॉर्ट सर्किट से आग लग गई, इसके चलते कुछ समय के लिए कार्यक्रम बाधित हुआ. वहीं कार्यक्रम के लिए लगाए गए लाउडस्पीकर की केवल टूटने से स्पीकर बंद हो गए. जिसके चलते कार्यक्रम को कुछ समय रोकना पड़ा.
इन मांगों को लेकर भीम आर्मी का शक्ति प्रदर्शन:
- 2 अप्रैल 2018 को अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों पर दर्ज किए गए आपराधिक प्रकरण वापस लिए जाएं.
- बैकलॉग के खाली पदों पर भर्ती की जाए.
- ओबीसी के 51000 पदों पर नियुक्ति पर लगी रोक हटाई जाए.
- ठेकेदारी प्रथा को खत्म किया जाए.
- सफाई कर्मचारियों को नियमित करने और छात्रावासों की संख्या बढ़ाई जाए.
- देश में जातिगत जनगणना कराई जाए.
- कमजोर वर्ग के लोगों पर प्रशासन द्वारा झूठे मुकदमे दर्ज करने की व्यवस्था खत्म की जाए.
- एससी एसटी एक्ट के तहत मृतक के परिवार को दी जाने वाली क्षति पूर्ति राशि बढ़ाकर ₹300000 की जाए.
- मनरेगा की दैनिक मजदूरी को बढ़ाकर न्यूनतम ₹700 किया जाए.
- मध्य प्रदेश सरकार के सरकारी कॉलेजों में चुनाव प्रक्रिया बहाल की जाए.
- गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवारों को जीएसटी से मुक्त रखा जाए.