भोपाल: उत्तर भारत के पहाड़ों में बर्फबारी के बाद यहां से आने वाली हवाएं मध्यप्रदेश में भी ठंडक लेकर आ रही हैं. प्रदेश के शहरों में दिन और रात के तापमान में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है. प्रदेश के अधिकतर शहरों का न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे आ गया है. 7 से अधिक शहरों का पारा 10 डिग्री से नीचे तक पहुंच गया है. 26-27 नवंबर की दरमियानी रात पचमढ़ी का तापमान 5.6 डिग्री तक पहुंच गया. हालांकि बीते दो दिनों से पचमढ़ी का न्यूनतम तापमान स्थिर है. लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होते ही प्रदेश के न्यूनतम तापमान में और गिरावट होगी.
सगर-दमोह समेत इन इलाकों में बढ़ी ठंड
बीती रात राजधानी भोपाल का न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. बीते 24 घंटे में यहां 6 डिग्री तक पारे में गिरावट दर्ज की गई. इसी प्रकार कल रात जबलपुर का तापमान 9, मलाजखंड का 9, पचमढ़ी का 5.6, राजगढ़ का 9.2, मंडला का 7, नौगांव का 10 और उमरिया का 8.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. मंगलवार रात से बुंदेलखंड के क्षेत्रों में भी ठंड बढ़ी है. सागर, दमोह, टीकमगढ़ और खजुराहो समेत अन्य इलाकों के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. सागर का तापमान बीती रात 3.3 डिग्री लुढ़क कर 10.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. इसी प्रकार दमोह के न्यूनतम तापमान में 1.2, खजुराहो में 2 और टीकमगढ़ में 0.2 डिग्री सेल्सियस तक अंतर आया है.
अभी दो दिन तक ऐसा ही रहेगा मौसम
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि, उत्तर भारत के पहाड़ों पर हाल ही में बर्फबारी हुई है. वहां से लगातार आ रही सर्द हवाओं के कारण मध्य प्रदेश में सिहरन बरकरार है. इसी क्रम में बुधवार को मैदानी क्षेत्र में सबसे कम 7 डिग्री सेल्सियस तापमान मंडला में दर्ज किया गया. हिल स्टेशन पचमढ़ी में रात का पारा 5.6 डिग्री सेल्सियस पर रहा. राजधानी सहित 7 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम रहा.' मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मौसम का इस तरह का मिजाज अभी दो दिन तक बना रह सकता है.
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29 से सक्रिय होगा पश्चिमी विक्षोभ
मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि, ''वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में एक अवदाब का क्षेत्र बना हुआ है. इस मौसम प्रणाली के बुधवार को गहरे अवदाब के क्षेत्र में बदलने के आसार हैं. साथ ही 29 नवंबर को एक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है. इसके बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत के आसपास सक्रिय होने की संभावना है. उसके प्रभाव से एक बार फिर उत्तर भारत के पहाड़ों पर बर्फबारी हो सकती है. जिससे मध्यप्रदेश के न्यूनतम तापमान में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है.''