भोपाल। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर मध्य प्रदेश के गठन और विकसित प्रदेश की नींव के पत्थर रहे दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्रियों की अर्द्धप्रतिमाओं का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनावरण किया. 14 पूर्व मुख्यमंत्रियों की यह प्रतिमाएं राज्य मंत्रालय वल्लभ भवन में स्थापित की गई है. प्रतिमाओं का अनावरण करते हुए मुख्यमंत्री ने उनके परिजनों का भी सम्मान किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि "यह सभी वह मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने अपने निर्णयों से प्रदेश को गढ़ने का काम किया है."
इन 14 मुख्यमंत्रियों की प्रतिमाओं का हुआ अनावरण: वल्लभ भवन में स्थापित की गई 14 पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिमाएं ब्रॉन्ज की है. जिन्हें नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा 1 करोड़ तीन लाख 56 हजार रुपए की राशि से तैयार किया गया है. प्रतिमाओं के मॉडल तैयार करने के बाद इन्हें दिवंगत मुख्यमंत्रियों के परिजनों को समय-समय पर दिखाया गया. ताकि पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिमाओं को हूबहू तैयार किया जा सके. परिजनों की सलाह के बाद 31 मार्च 2023 को इन प्रतिमाओं को तैयार किया गया. जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिमाएं लगाई गई हैं. उसमें स्वर्गीय पंडित रविशंकर शुक्ल, स्वर्गीय भगवंत राव मंडलोई, स्वर्गीय राजा नरेश चंद्र सिंह, श्यामाचण शुक्ला, प्रकाश चंद्र सेठी, कैलाश चंद्र जोशी, वीरेन्द्र कुमार सखलेचा, सुंदरलाल पटवा, अर्जुन सिंह, मोतीलाल बोरा, बाबूलाल गौर की प्रतिमा स्थापित की गई है.
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पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिजनों ने जताया आभार: कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिजनों को भी आमंत्रित किया गया. कार्यक्रम में शामिल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल की परिजन प्रोफेसर मंजूलता शुक्ला ने कहा कि "यह बहुत गर्व और हर्ष का विषय है. पीढ़ियां गुजर जाती हैं... लेकिन जब ऐसे आयोजन होते हैं, तो यह रिकॉर्ड हो जाता है. आने वाले लोगों को पता चलता है कि मध्यप्रदेश का गौरवशाली इतिहास क्या रहा और इन्हें गढ़ने वालों की क्या भूमिका रही. गौरव की बात है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिमाओं के अनावरण कार्यक्रम में मैं मौजूद हूं. इन्होंने मध्यप्रदेश की रचना करने में भूमिका निभाई थी." पूर्व मुख्यमंत्री भगवंतराव मंडलोई के पौत्र अमिताभ मंडलोई ने कहा कि "यह खुशी की बात है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है. यह एक तरह से मध्यप्रदेश के इतिहास की नींव है. इससे हमें हमारा हतिहास पता चलेगा कि आज जो विकसित मध्यप्रदेश खड़ा हुआ है, उसे खड़ा करने में किन नेताओं ने नीव के पत्थर का काम किया है."