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गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) के मेडिकल टीचर्स का आंदोलन शुरू, ये है आगे की रणनीति - सातवें वेतनमान की एरियर्स की मांग

सातवें वेतनमान की एरियर्स की राशि की मांग को लेकर गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) के टीचर्स ने आंदोलन शुरू कर दिया है. पहले दिन उन्होंने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. कल से ये धरना देंगे और इसके बाद लगातार आंदोलन उग्र होता जाएगा. आंदोलन कर रहे टीचर्स का कहना है कि सरकार पिछले 8 महीने से उदासीनता का रवैया अपनाए हुए है. 12 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी.

Movement of medical teachers of GMC start
गांधी मेडिकल कॉलेज में आंदोलन
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Published : Mar 29, 2022, 1:48 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षक एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. मंगलवार से उन्होंने सांकेतिक हड़ताल शुरू कर दी है. मेडिकल टीचर्स ने काम के दौरान काली पट्टी बांधी. ओपीडी से लेकर छात्रों को पढ़ाने, ऑपरेशन थिएटर तक ड्यूटी के दौरान काली पट्टी बांधी. गांधी मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश मालवीय और सचिव अविनाश ठाकुर का कहना है कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में सातवें वेतनमान और एरियर्स का भुगतान किया जा चुका है. लेकिन गांधी मेडिकल कॉलेज को इससे वंचित रखा जा रहा है.

अफसरों के रवैये से डॉक्टर नाराज : मेडिकल टीचर्स का कहना है कि इस मामले में ट्रेजरी ऑफिसर से हस्ताक्षर कराने होते हैं. लेकिन प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अभी तक यह काम नहीं किया है. इसके पीछे सरकार और उच्च अधिकारियों की विरोधी मानसिकता नजर आती है. इसी मांग को लेकर अब वे आंदोलनरत हैं. बुधवार से धरना प्रदर्शन भी शुरू किया जाएगा, जो 12 अप्रैल तक चलेगा. 12 अप्रैल के बाद ये सभी डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर काम बंद कर चले जाएंगे. राकेश मालवीय के अनुसार सरकार ने इनसे वादा किया था, लेकिन बावजूद उसके लगातार यह मांग अटकी पड़ी है. पिछले 8 महीनों से लगातार मध्यप्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर अवगत करा रहे हैं. लेकिन उनकी मांगों का निराकरण नहीं हो रहा है. ये

ये भी पढ़ें : भीख मांगने कटोरा लेकर निकली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मांगों को लेकर 18 दिनों से चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल

रोजाना बढ़ता जाएगा धरने का टाइम: मेडिकल टीचर्स का कहना है कि लगातार अधिकारियों को ज्ञापन देने के बाद भी समाधान नहीं हो पा रहा है. डॉ. राकेश मालवीय का कहना है कि अफसरों की उदासीनता की वजह से आंदोलन की राह पर जाना पड़ रहा है. भोपाल संभाग के विदिशा मेडिकल कॉलेज में एरियर मिल गया लेकिन भोपाल में नहीं दिया जा रहा है. पट्‌टी बांधकर प्रदर्शन करने के बाद रोजाना एक घंटे का धरना देंगे. ओपीडी टाइम के बाद से रोजाना धरने का टाइम भी बढ़ाते जाएंगे.

भोपाल। मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षक एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. मंगलवार से उन्होंने सांकेतिक हड़ताल शुरू कर दी है. मेडिकल टीचर्स ने काम के दौरान काली पट्टी बांधी. ओपीडी से लेकर छात्रों को पढ़ाने, ऑपरेशन थिएटर तक ड्यूटी के दौरान काली पट्टी बांधी. गांधी मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश मालवीय और सचिव अविनाश ठाकुर का कहना है कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में सातवें वेतनमान और एरियर्स का भुगतान किया जा चुका है. लेकिन गांधी मेडिकल कॉलेज को इससे वंचित रखा जा रहा है.

अफसरों के रवैये से डॉक्टर नाराज : मेडिकल टीचर्स का कहना है कि इस मामले में ट्रेजरी ऑफिसर से हस्ताक्षर कराने होते हैं. लेकिन प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अभी तक यह काम नहीं किया है. इसके पीछे सरकार और उच्च अधिकारियों की विरोधी मानसिकता नजर आती है. इसी मांग को लेकर अब वे आंदोलनरत हैं. बुधवार से धरना प्रदर्शन भी शुरू किया जाएगा, जो 12 अप्रैल तक चलेगा. 12 अप्रैल के बाद ये सभी डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर काम बंद कर चले जाएंगे. राकेश मालवीय के अनुसार सरकार ने इनसे वादा किया था, लेकिन बावजूद उसके लगातार यह मांग अटकी पड़ी है. पिछले 8 महीनों से लगातार मध्यप्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर अवगत करा रहे हैं. लेकिन उनकी मांगों का निराकरण नहीं हो रहा है. ये

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रोजाना बढ़ता जाएगा धरने का टाइम: मेडिकल टीचर्स का कहना है कि लगातार अधिकारियों को ज्ञापन देने के बाद भी समाधान नहीं हो पा रहा है. डॉ. राकेश मालवीय का कहना है कि अफसरों की उदासीनता की वजह से आंदोलन की राह पर जाना पड़ रहा है. भोपाल संभाग के विदिशा मेडिकल कॉलेज में एरियर मिल गया लेकिन भोपाल में नहीं दिया जा रहा है. पट्‌टी बांधकर प्रदर्शन करने के बाद रोजाना एक घंटे का धरना देंगे. ओपीडी टाइम के बाद से रोजाना धरने का टाइम भी बढ़ाते जाएंगे.

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