भोपाल। एक और मदर्स डे पर हर जगह लोग माताओं का सत्कार कर रहे हैं. वही भोपाल के राजभवन प्रबंधन द्वारा एक बेटी को अपनी मां की याद में बनाए गए पार्क में जाने से रोका जा रहा है. जिसके बाद यह बेटी राजभवन के बाहर ही धरने पर बैठ गई, लेकिन जैसे ही इसकी सूचना यहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों को लगी तो उन्होंने आनन-फानन में उन्हें यहां से हटा दिया. दरअसल 65 वर्षीय मालती इंदौरिया मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल रहे डॉक्टर भगवत दयाल शर्मा की बेटी हैं. वह राजभवन में अपनी मां के नाम पर बने पार्क में पौधे लगाना चाहती हैं, लेकिन इसको लेकर राज भवन प्रबंधन उन्हें अनुमति ही नहीं दे रहा.
पूर्व सीएम व पूर्व राज्यपाल की बेटी हैं मालती: मालती भावुक होकर रोते हुए बताती हैं कि उनके पिता भगवत दयाल शर्मा हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं और 80 से 84 के बीच में मध्यप्रदेश के राज्यपाल भी रहे हैं. उनकी शादी इसी राजभवन से हुई है और यही पर उनका बहुत सा समय भी गुजरा है. इस राजभवन में उनकी मां के नाम पर पार्क भी बना हुआ है. जो सावित्री निकुंज पार्क के नाम से जाना जाता है. यहां पर मालती पिछले 41 सालों से हर बार 26 फरवरी को अपने माता-पिता की याद में पौधारोपण करती आ रही थी. इस साल उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई और कारण पूछने पर एक के बाद एक दूसरे अधिकारियों पर बात टाल दी गई.
मां के नाम पर बने पार्क में जाने से रोका: मालती बताती हैं कि उनके भाई का कुछ समय पहले ही देहांत हुआ है और उसने अपनी अंतिम इच्छा में यह बात रखी थी कि मां के नाम पर बने इस पार्क में सफेद गुलाब के पौधे लगाएं जाएं. वह हर बार सफेद गुलाब लेकर आती हैं, लेकिन यहां पर सुरक्षा में तैनात राजभवन के अधिकारी उन्हें अब अंदर ही नहीं जाने दे रहे हैं. जबकि मालती का कहना है कि उनकी शादी यहां से हुई थी, इसलिए उनका भी भावनात्मक रुझान इस जगह से है. मालती इस मामले में सीधे तौर पर राज्यपाल से गुहार लगाती हैं. वह कहती हैं कि जब भी यहां पर आओ तो प्रोटोकॉल बताकर अधिकारी एक-दूसरे पर बात करने को लेकर मामला टाल देते हैं और उन्हें अंदर जाने नहीं दिया जा रहा. जबकि वह 41 सालों से यहां पर पौधा लगाती आ रही हैं. अब जब उन्होंने यहां के अधिकारियों से बात की तो उनका साफ तौर पर कहना था कि राज्यपाल की अनुमति नहीं है, ऐसे में उन्हें अंदर कैसे जाने दिया जाए.
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मदर्स डे पर राजभवन के बाहर धरने पर बैठीं मालती: वहीं आज मदर्स डे पर भी मालती राज भवन पहुंची थी और यहां जाने की कोशिश की, लेकिन जब उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया तो यह बाहर ही धरने पर बैठ गईं. जैसे ही इसकी सूचना यहां के सुरक्षाकर्मियों को मिली तो उन्होंने तुरंत ही इन्हें यहां से हटा दिया. फिलहाल तो मालती अभी भी अपनी मां के नाम पर बने राजभवन के उस पार्क में जाने की तमन्ना लिए इंतजार में है.