भोपाल। दुनियाभर में मदर्स-डे 14 मई को हर वर्ष मनाया जाता है. हर मां के प्यार और करुणा का जश्न मनाने और उन्हें महसूस कराने का प्रयास करने का यह एक आदर्श दिन है. इस दिन को लोग अपने-अपने तरीके से सेलिब्रेट करते हैं. भोपाल के भोपाल बाइसिकल राइडर्स ग्रुप एक रैली निकाली साइकिल रैली में हवाओं के साथ उनके बच्चे भी शामिल थे और कई बच्चों के साथ उनकी माता भी मां और बच्चों के बीच के इस प्रेम को दर्शाती है इस रैली का मूल स्लोगन दिया गया मां तुझे प्रणाम.
पहली शिक्षक और मित्र मां: साइकिल रैली को ऑर्गेनाइज करने वाले विनोद पांडेय ने बताया कि सभी के लिए प्रथम ईश्वर, शिक्षक, दार्शनिक, मार्गदर्शक और मित्र मां होती है. वो ही है जो हाथ पकड़ कर हमें चलना सिखाती है. मां ही हमें बोलना और लिखना सिखाती है. इस निरंतर बदलती दुनिया में एक मां ही है जो स्थिर है. उसकी महानता और उसके कार्यों का वर्णन करने के लिए जितना कुछ लिखा जाए और जितना कुछ कहा जाए सब कम है.
मदर्स डे पर यह सबसे बड़ा गिफ्ट: रैली में शामिल रूही कहती हैं कि वह अपने परिवार के साथ इस साइकिल रैली में शामिल हुई हैं. उनके साथ में उनके बच्चों ने भी इस साइकिल रैली में हिस्सा लिया है. दरअसल रूही को साइकिल चलाने का शौक शुरू से है, इसलिए बच्चों ने उनकी इस ख्वाहिश को पूरा करते हुए उनके साथ में इस रैली में हिस्सा लिया है. रूही बताती हैं कि मदर्स डे पर उनके लिए इससे बड़ा गिफ्ट कोई और नहीं है.
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मां के लिए निकाली साइकिल रैली: वहीं अपनी माताओं के साथ रैली में शामिल हुए अंश और तरंग बताते हैं कि मदर्स डे पर सुबह तो इन्होंने अपनी मां को फूल भेंट किए. लेकिन कुछ नए अंदाज में उन्हें इसे सेलिब्रेट करना था. ऐसे में पर्यावरण के संरक्षण के प्रति उनकी माता का खासा रुझान है. घर में भी इन्होंने कई तरह के फूल और पेड़ आदि लगाकर रखे हैं. इनकी मां को नेचर से प्यार है. इसलिए यह सभी अपनी मां के साथ साइकिल चलाने यहां शामिल हुए हैं. ये साइकिल रैली भेल से शुरू होकर शहर के अलग अलग जगह से निकली ओर समरधा से होते हुए इस्कॉन टेम्पल, भेल ग्राउंड पर संपन्न हुई.